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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुख्यमंत्री धामी की भेंट:,, छावनी क्षेत्रों के विलय, हेलीपैड और राजजात यात्रा मार्ग पर हुई अहम चर्चा,, रानीखेत-लैंसडाउन को नगर पालिका में शामिल करने, सैन्य हेलीपैड के नागरिक उपयोग और वायुसेना शुल्क माफी पर रखे गए प्रस्ताव,, राज्य की धार्मिक आस्था से जुड़ी नंदा देवी राजजात यात्रा मार्ग के अनुरक्षण को लेकर भी रखी मांग

इन्तजार रजा हरिद्वार-  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुख्यमंत्री धामी की भेंट:,, छावनी क्षेत्रों के विलय, हेलीपैड और राजजात यात्रा मार्ग पर हुई अहम चर्चा,,
रानीखेत-लैंसडाउन को नगर पालिका में शामिल करने, सैन्य हेलीपैड के नागरिक उपयोग और वायुसेना शुल्क माफी पर रखे गए प्रस्ताव,,
राज्य की धार्मिक आस्था से जुड़ी नंदा देवी राजजात यात्रा मार्ग के अनुरक्षण को लेकर भी रखी मांग

नई दिल्ली/देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड राज्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की और केंद्र सरकार से सहयोग का आग्रह किया। मुख्यमंत्री की ओर से प्रस्तुत सुझावों में रक्षा मंत्रालय से संबंधित अनेक ऐसे बिंदु शामिल थे जो राज्य की प्रशासनिक सुविधा, नागरिक विकास और धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व के मुद्दों से जुड़े हैं।

रानीखेत और लैंसडाउन छावनियों को नगर पालिका में शामिल करने की मांग

मुख्यमंत्री ने रानीखेत और लैंसडाउन छावनी क्षेत्रों को नगर पालिकाओं में विलय करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में आम नागरिकों की आबादी लगातार बढ़ रही है, लेकिन छावनी क्षेत्र की सीमाओं में होने के कारण वहां नगर पालिका जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। नगर पालिका में विलय से वहां रहने वाले नागरिकों को बेहतर नागरिक सुविधाएं मिल सकेंगी और विकास कार्यों में भी गति आएगी।

यह मुद्दा लंबे समय से चर्चा में है और स्थानीय नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने इसे प्रमुखता से उठाया। रानीखेत और लैंसडाउन दोनों ही ऐतिहासिक व पर्यटक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान हैं, और छावनी क्षेत्र में होने के कारण इनके विकास में कई बार प्रक्रियात्मक अड़चनें आती हैं।

धारचूला और ज्योतिर्मठ सैन्य हेलीपैड का आरसीएस के तहत उपयोग करने का आग्रह

राज्य की भौगोलिक विषमताओं और सीमांत क्षेत्रों की दुर्गमता को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने धारचूला और ज्योतिर्मठ स्थित सैन्य हेलीपैड को क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) के तहत नागरिक उड्डयन सेवा में शामिल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन दुर्गम क्षेत्रों तक आम नागरिकों की पहुंच आसान बनाने और आपातकालीन परिस्थितियों में राहत कार्यों को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए यह निर्णय अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।

मुख्यमंत्री का यह सुझाव विशेष रूप से सामरिक दृष्टिकोण और सीमांत क्षेत्रों के विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अगर सैन्य हेलीपैड को नागरिक उपयोग के लिए अनुमति मिलती है तो न केवल स्थानीय आबादी को लाभ होगा, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन और व्यापार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।

आपदा राहत कार्यों में वायुसेना सेवाओं पर शुल्क माफी की मांग

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में हर वर्ष आने वाली प्राकृतिक आपदाओं का हवाला देते हुए भारतीय वायुसेना की सेवाओं के लिए देय शुल्क को माफ करने का अनुरोध भी किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में बादल फटना, भूस्खलन, ग्लेशियर फटना और अतिवृष्टि जैसी आपदाएं आम हैं, जिनमें भारतीय वायुसेना द्वारा बचाव और राहत कार्यों में अमूल्य योगदान दिया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की आपात सेवाएं मानवीय दृष्टिकोण से होती हैं और इन पर देय शुल्क राज्य के सीमित संसाधनों पर अतिरिक्त भार डालता है। इसलिए उत्तराखंड जैसे विशेष परिस्थितियों वाले राज्य के लिए शुल्क माफी की व्यवस्था की जानी चाहिए।

नंदा देवी राजजात यात्रा मार्ग के अनुरक्षण पर विशेष अनुरोध

धामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री को यह भी अवगत कराया कि ग्वालदम से नंदकेसरी होते हुए थराली, देवाल, मुन्दोली और वाण तक जाने वाले मोटर मार्ग का भविष्य में भी अनुरक्षण एवं रख-रखाव कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किए जाने की अनुमति प्रदान की जाए।

उन्होंने बताया कि यह मार्ग राज्य की सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक एवं सांस्कृतिक यात्रा नंदा देवी राजजात का मुख्य मार्ग है। यह यात्रा हर 12 वर्षों में होती है और अगली यात्रा वर्ष 2026 में प्रस्तावित है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं। इसलिए मार्ग की अच्छी स्थिति बनाए रखना बेहद जरूरी है।

नंदा देवी राजजात यात्रा उत्तराखंड की लोकसंस्कृति, धार्मिक परंपरा और सामाजिक समरसता का प्रतीक मानी जाती है। इस यात्रा की सफल और सुरक्षित व्यवस्था के लिए मार्ग का सुचारु एवं सुरक्षित होना आवश्यक है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने दिया सकारात्मक आश्वासन

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री के सभी सुझावों और प्रस्तावों को गंभीरता से सुना और सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक और सामरिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाएगी और रक्षा मंत्रालय राज्य सरकार के साथ हरसंभव सहयोग करेगा।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यह भेंट न केवल औपचारिकता थी, बल्कि राज्य के संवेदनशील, धार्मिक और सामरिक मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष मजबूती से प्रस्तुत करने का एक ठोस प्रयास भी रहा।
रानीखेत और लैंसडाउन के छावनी क्षेत्रों का भविष्य, सीमांत क्षेत्रों में हेलीपैड का उपयोग, आपदा राहत में वायुसेना की भूमिका और नंदा देवी राजजात यात्रा की व्यवस्था जैसे विषय उत्तराखंड की नीति और जनसरोकार के महत्वपूर्ण आयाम हैं।

केंद्रीय रक्षा मंत्री के आश्वासन के साथ यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में इन मुद्दों पर ठोस निर्णय लेकर उत्तराखंड को नई मजबूती मिलेगी।

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