✊ शिक्षक संघ की नाराज़गी तेज,, 🚨 पदोन्नति और तबादलों में देरी पर प्रदर्शन,, 🏫 एक सितंबर से शिक्षा निदेशालय में अनिश्चितकालीन धरना की चेतावनी

इन्तजार रजा हरिद्वार ✊ शिक्षक संघ की नाराज़गी तेज,,
🚨 पदोन्नति और तबादलों में देरी पर प्रदर्शन,,
🏫 एक सितंबर से शिक्षा निदेशालय में अनिश्चितकालीन धरना की चेतावनी
देहरादून।
उत्तराखंड में शिक्षा विभाग की कार्यशैली को लेकर राजकीय शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है। पदोन्नति और तबादलों में लगातार हो रही देरी के कारण नाराज शिक्षकों ने आज मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) कार्यालयों के बाहर सामूहिक धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। संघ से जुड़े शिक्षक सामूहिक अवकाश पर रहकर विरोध दर्ज कराएंगे।
📌 पदोन्नति के पद खाली, शिक्षक कर रहे इंतज़ार
शिक्षक संघ के अनुसार राज्यभर के कई स्कूलों में प्रधानाचार्य और अन्य पद खाली पड़े हुए हैं। पदोन्नति के लिए योग्य शिक्षक लंबे समय से इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन विभाग द्वारा अभी तक कार्रवाई नहीं की गई। संघ का आरोप है कि सरकार की ढिलाई से विद्यालयों में कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है और शिक्षकों के मनोबल पर भी असर पड़ रहा है।
राजकीय शिक्षक संघ का कहना है कि योग्य शिक्षकों को पदोन्नति न मिलने से शिक्षण व्यवस्था चरमराने लगी है। कई विद्यालय बिना प्रधानाचार्य या जिम्मेदार पदाधिकारी के चल रहे हैं, जिससे न केवल प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं बल्कि विद्यार्थियों की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है।
📢 संगठन का बड़ा ऐलान: एक सितंबर से अनिश्चितकालीन धरना
राजकीय शिक्षक संघ ने साफ कर दिया है कि यदि उनकी मांगों पर तुरंत अमल नहीं हुआ तो एक सितंबर से शिक्षा निदेशालय देहरादून में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। यह आंदोलन राज्यव्यापी होगा और सभी जिलों के शिक्षक इसमें भाग लेंगे।
संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। संघ के पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि वे शांतिपूर्ण लेकिन निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे।
🗣️ मीडिया प्रभारी प्रणय बहुगुणा का बयान
शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी प्रणय बहुगुणा ने जानकारी दी कि,
“शिक्षक आज सामूहिक अवकाश पर रहकर अपने-अपने जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में धरना देंगे। सरकार को चेताने के लिए यह पहला कदम है। यदि हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो एक सितंबर से हम शिक्षा निदेशालय में अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे।”
बहुगुणा ने आगे कहा कि शिक्षकों की मांगें पूरी तरह से जायज हैं और इसमें कोई भी विलंब शिक्षा व्यवस्था को कमजोर कर रहा है।
📍 आंदोलन की गूंज और असर
शिक्षकों के इस आंदोलन से शिक्षा विभाग में खलबली मच गई है। छात्र और अभिभावक भी चिंतित हैं कि यदि लंबे समय तक धरना चलता है तो पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। वहीं शिक्षक संघ का तर्क है कि जब तक उनकी पदोन्नति और तबादलों में पारदर्शिता नहीं आती, तब तक वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।
👉 कुल मिलाकर आज का प्रदर्शन शिक्षक संघ की नाराज़गी का पहला चरण है, जबकि बड़ा संघर्ष एक सितंबर से शिक्षा निदेशालय में अनिश्चितकालीन धरना होगा, जिसका असर पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर पड़ना तय है।