ऑपरेशन कालनेमि का बड़ा असर,, प्रसिद्ध मुस्लिम धर्म स्थल पिरान कलियर में दरगाह क्षेत्र से पकड़े गए 6 भेषधारी बाबा,, तंत्र-मंत्र और जादू-टोने के नाम पर जायरिनों को बना रहे थे निशाना,, ऑपरेशन कालनेमि: अंधविश्वास के खिलाफ सख्त अभियान

इन्तजार रजा हरिद्वार- ऑपरेशन कालनेमि का बड़ा असर,,
प्रसिद्ध मुस्लिम धर्म स्थल पिरान कलियर में दरगाह क्षेत्र से पकड़े गए 6 भेषधारी बाबा,,
तंत्र-मंत्र और जादू-टोने के नाम पर जायरिनों को बना रहे थे निशाना,, ऑपरेशन कालनेमि: अंधविश्वास के खिलाफ सख्त अभियान
इन्तजार रजा, हरिद्वार।
हरिद्वार जनपद के कलियर थाना क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध मुस्लिम धर्म स्थल पिरान कलियर दरगाह एक बार फिर पुलिस की सक्रियता की वजह से सुर्खियों में है। बुधवार को कलियर पुलिस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चलाए जा रहे “ऑपरेशन कालनेमि” के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए छह भेषधारी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। ये सभी व्यक्ति बाबा के वेश में तंत्र-मंत्र, जादू-टोने और अंधविश्वास की आड़ में लोगों को बहकाने का काम कर रहे थे। दरगाह क्षेत्र के आस-पास सक्रिय इन व्यक्तियों की हरकतों से स्थानीय जनता और जायरिनों (श्रद्धालुओं) में नाराजगी और आक्रोश का माहौल बनता दिख रहा था।
मुख्यमंत्री के निर्देश, एसएसपी के आदेश और कलियर पुलिस की सख्ती
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेशभर में भेषधारी, ठग, बाबाओं और अंधविश्वास फैलाने वालों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान ऑपरेशन कालनेमि के तहत हरिद्वार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल (IPS) के आदेश पर यह कार्रवाई की गई। थानाध्यक्ष पिरान कलियर के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने बुधवार को दरगाह क्षेत्र और आसपास के संवेदनशील स्थानों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया।
इस दौरान बाबा के भेष में घूम रहे ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया गया जो न सिर्फ श्रद्धालुओं को जादू-टोने और तंत्र-मंत्र दिखा कर भ्रमित कर रहे थे बल्कि कुछ मामलों में पैसा वसूलने, महिलाओं को टोना-टोटका करने के नाम पर डराने और निजी जानकारी हासिल करने की कोशिश भी कर रहे थे।
अलग-अलग राज्यों से आए थे भेषधारी बाबा
पुलिस जांच में यह तथ्य सामने आया है कि पकड़े गए ये छह भेषधारी बाबा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से पिरान कलियर पहुंचे थे। यह सभी लोग स्थानीय नहीं हैं और दरगाह क्षेत्र में बिना किसी वैध अनुमति के घूम-घूम कर अपने तंत्र-मंत्र की नौटंकी कर रहे थे। इनमें से कुछ बाबा खुद को “पीर बाबा”, “मौलवी फकीर”, “इलाज करने वाले तांत्रिक” और “शक्तिशाली मस्ताना बाबा” बताकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे थे।
इनके पास से कुछ नकली धार्मिक प्रतीक चिन्ह, टोना-टोटका से संबंधित सामग्री, बर्तन, धुनी, और कपड़ों के अलावा नकद धनराशि भी बरामद की गई है। पूछताछ में इन्होंने बताया कि वे भीड़-भाड़ वाले धार्मिक स्थानों पर पहुंचकर लोगों की भावनाओं का फायदा उठाते हैं और तंत्र-मंत्र से समस्या समाधान का दावा करते हैं।
माहौल बिगाड़ने की आशंका से हुई गिरफ्तारी
दरगाह क्षेत्र के आसपास इनके इकट्ठा होने और भीड़ बढ़ने की वजह से पुलिस को आशंका थी कि यह स्थिति कभी भी हिंसक या अराजक हो सकती है। जायरिनों व स्थानीय लोगों में इन बाबाओं के प्रति बढ़ती नाराजगी को देखते हुए कलियर थाना पुलिस ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए इन छह भेषधारी बाबाओं को मौके से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार व्यक्तियों को नियमानुसार न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
दरगाह क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने की जिम्मेदारी
थानाध्यक्ष पिरान कलियर ने स्पष्ट किया है कि दरगाह क्षेत्र में जायरिनों की आस्था और सुरक्षा सर्वोपरि है। ऐसे किसी भी व्यक्ति को यहां अराजकता फैलाने, अंधविश्वास का सहारा लेने या ठगी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी इस तरह की चेकिंग और निगरानी लगातार जारी रहेगी।
“दरगाह एक पवित्र धार्मिक स्थल है, इसे ठगी और भेषधारियों से मुक्त रखने के लिए हम पूरी सख्ती बरतेंगे। जनता से भी अपील है कि ऐसे किसी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी तत्काल पुलिस को दें।”
— थानाध्यक्ष, पिरान कलियर
ऑपरेशन कालनेमि: अंधविश्वास के खिलाफ सख्त अभियान
गौरतलब है कि ऑपरेशन कालनेमि राज्यभर में ऐसे लोगों के खिलाफ चलाया जा रहा है जो धार्मिक वेशभूषा या दिखावे के माध्यम से आमजन को भ्रमित कर रहे हैं। हरिद्वार जैसे धार्मिक और तीर्थस्थलों पर यह अभियान विशेष रूप से तेज किया गया है क्योंकि यहां देशभर से श्रद्धालु आते हैं और ऐसे में अंधविश्वास फैलाने वालों की सक्रियता से न केवल कानून व्यवस्था बिगड़ती है बल्कि धार्मिक भावनाएं भी आहत होती हैं।
इस अभियान के तहत पुलिस न केवल संदिग्ध बाबाओं की पहचान कर रही है बल्कि दरगाहों, मंदिरों, और अन्य धार्मिक स्थलों पर निगरानी बढ़ा रही है। CCTV फुटेज, खुफिया सूचनाएं और स्थानीय सूत्रों की मदद से ऐसे तत्वों को पकड़ने का काम हो रहा है।
जनता की जिम्मेदारी भी उतनी ही जरूरी
हरिद्वार पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे किसी बाबा, पीर, मौलवी या फकीर के बहकावे में न आएं जो समस्या समाधान या जादू-टोना का दावा करता है। धर्म के नाम पर भावनात्मक या आर्थिक शोषण करने वालों से सावधान रहें और उनकी सूचना तत्काल पुलिस को दें। पवित्र धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने में पुलिस के साथ जनता की भी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।
ऑपरेशन कालनेमि के तहत कलियर पुलिस की यह कार्रवाई एक सशक्त संदेश है कि उत्तराखंड सरकार अंधविश्वास, ढोंग और पाखंड के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। पिरान कलियर जैसी ऐतिहासिक दरगाह की पवित्रता को बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह सजग और तत्पर है। पुलिस की यह तत्परता निश्चित ही आमजन के विश्वास को और मजबूत करेगी।