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हरकी पैड़ी पर सशस्त्र सुरक्षा मोर्चे: श्रद्धालुओं के लिए एहतियाती कवच, चारधाम यात्रा और आगामी कुंभ को लेकर बढ़ाई गई सुरक्षा, आईटीबीपी की दो बटालियन 24 घंटे तैनात, 7 सुरक्षा मोर्चों की योजना

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरकी पैड़ी पर सशस्त्र सुरक्षा मोर्चे: श्रद्धालुओं के लिए एहतियाती कवच,
चारधाम यात्रा और आगामी कुंभ को लेकर बढ़ाई गई सुरक्षा,
आईटीबीपी की दो बटालियन 24 घंटे तैनात, 7 सुरक्षा मोर्चों की योजना

हरिद्वार की पहचान न केवल एक धार्मिक नगरी के तौर पर होती है, बल्कि यह शहर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र भी है। हरकी पैड़ी, जहां हर रोज़ हजारों लोग गंगा में डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना करते हैं, अब पहले से कहीं अधिक सुरक्षित होगी। प्रशासन ने यहां सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। हरकी पैड़ी और इसके आसपास अब सशस्त्र सुरक्षा मोर्चे स्थापित किए जा रहे हैं, जिन पर आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के जवान तैनात रहेंगे।

यह कदम डराने के लिए नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं को यह भरोसा दिलाने के लिए है कि अब उनका तीर्थाटन पहले से ज्यादा सुरक्षित और व्यवस्थित होगा। इस योजना के तहत हरकी पैड़ी और उसके आसपास कुल 7 सशस्त्र सुरक्षा मोर्चे तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें से 4 पूरी तरह बनकर तैयार हैं और बाकी पर काम तेजी से जारी है।

संगठित रणनीति, पुराने अनुभवों से सीख

हरिद्वार में इससे पहले भी सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। 1984 में जब देश में सांप्रदायिक तनाव चरम पर था, तब हरकी पैड़ी पर ऐसे ही बंकर तैयार किए गए थे। इसी तरह 2004 के कुंभ मेले में भी सुरक्षा की दृष्टि से खास इंतजाम किए गए थे। लेकिन इस बार की योजना पहले से अधिक संगठित, आधुनिक और दीर्घकालिक है।

आईटीबीपी की दो बटालियन यहां 24 घंटे मोर्चा संभालेंगी। यह पहली बार है जब आईटीबीपी जैसी रणनीतिक बल को सीधे हरकी पैड़ी की निगरानी के लिए लगाया गया है। हर सुरक्षा मोर्चा इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वह न केवल सतर्क निगरानी का केंद्र बने, बल्कि आपात स्थिति में तेजी से कार्रवाई के लिए भी सक्षम हो।

चारधाम यात्रा और कुंभ की पृष्ठभूमि में सुरक्षा की चुनौती

इस साल चारधाम यात्रा की शुरुआत के साथ ही लाखों श्रद्धालु हरिद्वार से गुजर रहे हैं। इसके बाद 2025-26 में पड़ने वाला महाकुंभ भी प्रशासन के लिए एक बड़ी परीक्षा है। इन दोनों धार्मिक आयोजनों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एजेंसियां अभी से तैयारियों में जुट गई हैं।

हरकी पैड़ी पर सुरक्षा मोर्चों की तैनाती न केवल संभावित आतंकी या असामाजिक गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने के लिए है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने में समय न लगे। इससे पहले भी तीर्थ स्थलों पर भगदड़ और अन्य घटनाओं के चलते जान-माल का नुकसान हो चुका है, जिसे दोहराया नहीं जाना चाहिए।

आम श्रद्धालुओं के लिए भरोसे का प्रतीक

हरिद्वार पुलिस और प्रशासन यह संदेश देना चाहता है कि यह सुरक्षा कवच श्रद्धालुओं को डराने के लिए नहीं, बल्कि उनके विश्वास को मजबूत करने के लिए है। स्थानीय पुलिस, होमगार्ड, सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन के साथ अब आईटीबीपी की सशस्त्र मौजूदगी तीर्थ यात्रा को और भी निर्बाध और सुरक्षित बनाएगी।

सीओ सिटी शिशुपाल नेगी सीओ सिटी हरिद्वार के अनुसार –
“हमारी प्राथमिकता तीर्थयात्रियों की सुरक्षा है। आईटीबीपी के साथ मिलकर हम हरकी पैड़ी क्षेत्र में निगरानी और सुरक्षा को एक नए स्तर पर ले जा रहे हैं। 7 में से 4 सुरक्षा मोर्चे तैयार हो चुके हैं, और बाकी बहुत जल्द पूरे हो जाएंगे। यह कदम भविष्य के बड़े आयोजनों को ध्यान में रखकर उठाया गया है।”

 सुरक्षा और श्रद्धा का संतुलन

हरकी पैड़ी जैसे संवेदनशील और आस्था से जुड़े स्थान पर सशस्त्र मोर्चों की मौजूदगी, श्रद्धालुओं को एक नया भरोसा दे रही है। यह पहल यह संकेत देती है कि अब धार्मिक पर्यटन और तीर्थ यात्रा को उसी गंभीरता से लिया जा रहा है, जैसे किसी राष्ट्रीय आयोजन को। जहां एक ओर सुरक्षा बल अपनी भूमिका निभा रहे हैं, वहीं आमजन को भी चाहिए कि वे प्रशासन का सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।हरिद्वार अब न केवल अध्यात्म का केंद्र है, बल्कि सुरक्षा और सुव्यवस्था का भी उदाहरण बनने की ओर अग्रसर है।

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