पुलिस मुख्यालय में कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की अध्यक्षता में सैनिक सम्मेलन आयोजित, हरिद्वार पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों की गुड परफॉर्मेंश पर शाबाशी का सिलसिला बादस्तूर जारी,हरिद्वार पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने थपथपाई जवानों की पीठ, मैन ऑफ द मंथ के सम्मान से किया गया अलंकृत (सम्मानित)
क्राईम वर्काउट में सराहनीय भूमिका निभाने पर 38 जवान हुए सम्मानित,आग लगने की घटना पर साहस का परिचय देकर लोगों को सकुशल बचाने पर 03 आमजन भी सम्मानित, जवानों से बोले कप्तान- काम के साथ सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी, स्वस्थ होंगे तो ही अपना 100% दे पाएंगे

इन्तजार रजा हरिद्वार- पुलिस मुख्यालय में कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की अध्यक्षता में सैनिक सम्मेलन आयोजित,हरिद्वार पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों की गुड परफॉर्मेंश पर शाबाशी का सिलसिला बादस्तूर जारी,हरिद्वार पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने थपथपाई जवानों की पीठ, मैन ऑफ द मंथ के सम्मान से किया गया अलंकृत (सम्मानित)
क्राईम वर्काउट में सराहनीय भूमिका निभाने पर 38 जवान हुए सम्मानित,आग लगने की घटना पर साहस का परिचय देकर लोगों को सकुशल बचाने पर 03 आमजन भी सम्मानित, जवानों से बोले कप्तान- काम के साथ सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी, स्वस्थ होंगे तो ही अपना 100% दे पाएंगे
आज जनपद पुलिस मुख्यालय में एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की अध्यक्षता में सैनिक सम्मेलन आयोजित किया गया।
जनपद के सभी पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित सैनिक सम्मेलन में कप्तान द्वारा विभिन्न आपराधिक प्रकरणों के खुलासे में अहम भूमिका निभाने एवं पूर्ण निष्ठा के साथ कर्तव्य निर्वहन करने पर विभिन्न थानों और शाखाओं से मैन ऑफ द मंथ हेतु चयनित कुल 38 जवानों को तालियों की गडगडाहट के बीच सम्मानित किया गया।
तत्पश्चात एसएसपी हरिद्वार द्वारा पश्चिमी अंबर तालाब क्षेत्र स्थित घर पर आग लगने की घटना पर आग से झुलसने के बावजूद पीड़ित परिवार के सदस्यों को सकुशल बाहर निकालने पर स्थानीय निवासी देशबंधु गुप्ता, शहजाद एवं शाहनवाज को प्रशस्तिपत्र से सम्मानित करते हुए उनके साहसिक कार्य की प्रशंसा की गई ।
इस दौरान श्री डोबाल द्वारा सभी जवानों की वर्क परफॉर्मेंश की प्रशंसा करते हुए अभिभावक का नजरिया दिखाया तथा जवानों के अपना और अपने परिजनों की सेहत का ख्याल रखने की सलाह दी। श्री डोबाल द्वारा अच्छी सेहत पर अपने विचार रखते हुए स्पष्ट किया कि तन-मन स्वस्थ होने पर ही आप जनसेवा और अपराध को रोकने के प्रयासों में अपना सौ फीसदी दे सकते हैं।