गड्ढों में समाई सुमन नगर गंग नहर पटरी सड़क,, गंगनहर पटरी मार्ग बना हादसों का रास्ता, प्रशासन और जनप्रतिनिधि बेखबर,, क्या किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है विभाग?,, स्थानीयों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी,, प्रशासनिक चुप्पी पर उठ रहे सवाल

इन्तजार रजा हरिद्वार- गड्ढों में समाई सुमन नगर गंग नहर पटरी सड़क,,
गंगनहर पटरी मार्ग बना हादसों का रास्ता, प्रशासन और जनप्रतिनिधि बेखबर,,
क्या किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है विभाग?,,
स्थानीयों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी,,
प्रशासनिक चुप्पी पर उठ रहे सवाल
हरिद्वार, बहादराबाद (Daily Live Uttarakhand)।
पवित्र नगरी हरिद्वार में स्थित बहादराबाद क्षेत्र का सुमन नगर गंगनहर पटरी मार्ग इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। कभी यात्रा के लिए सुगम माने जाने वाला यह मार्ग आज जानलेवा गड्ढों में तब्दील हो चुका है। स्थानीय लोगों के लिए यह सड़क अब सुविधा नहीं, बल्कि संकट बन चुकी है। रोज़ाना सैकड़ों वाहन चालक, दोपहिया सवार और राहगीर इस टूटी-फूटी सड़क से गुजरते हैं, लेकिन हर गुजरने वाला मानो मौत के साए में यात्रा करता है।
सड़क या कब्रगाह?
इस सड़क पर एक बार भी गुजरना किसी रोमांच नहीं, बल्कि जोखिम का काम हो गया है। बरसात के पानी से भर चुके गहरे गड्ढों में वाहन फंसते हैं, गिरते हैं, और चोटिल लोग अपनी किस्मत को कोसते हैं। बीते कुछ महीनों में इस मार्ग पर दुर्घटनाओं की संख्या में भयावह बढ़ोत्तरी हुई है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है — और यह सब प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है।
जनप्रतिनिधि गायब, अधिकारी नींद में
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि न तो नगर निकाय का कोई अधिकारी इस सड़क की हालत पर ध्यान दे रहा है और न ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की कोई प्रतिक्रिया सामने आई है। न पार्षद, न विधायक, न ब्लॉक प्रमुख — सब मौन हैं। ऐसा प्रतीत होता है जैसे सब कुछ ठीक चल रहा है और जनता की तकलीफें किसी के एजेंडे में शामिल नहीं।
स्थानीयों में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी
सुमन नगर के निवासियों में इस उपेक्षा को लेकर भारी आक्रोश है। व्यापारियों का कहना है कि सड़कों की दुर्दशा ने ग्राहकों की संख्या घटा दी है और उनका रोज़गार प्रभावित हो रहा है। वहीं, क्षेत्रीय युवाओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क की मरम्मत नहीं की गई, तो वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
स्थानीय निवासी मौ हसीन कहते हैं:
“रोज़ कोई न कोई हादसे का शिकार हो रहा है। हमारे गांव में तीन लोगों को सिर में गहरी चोटें आई,कई मौत हो चुकी है हैं, कुछ महिलाओं की हड्डियाँ टूटी हैं। लेकिन न विभाग सुनता है, न जनप्रतिनिधि। क्या किसी मंत्री के चहेतो की बाइक या गाड़ी फिसलेगी तब सुध आएगी?”
विभागीय उदासीनता बनी बड़ी वजह
गंग नहर पटरी मार्ग एक प्रमुख संपर्क मार्ग है जो हरिद्वार घूमने आए पर्यटकों को भी इस इलाके से होकर गुजरने पर विवश करता है। लेकिन जब कोई पर्यटक इस रास्ते से गुजरता है, तो हरिद्वार की छवि उनके मन में खराब हो जाती है। पर्यटन प्रभावित हो रहा है और स्थानीय छवि धूमिल हो रही है।
इतना ही नहीं, स्कूल जाते बच्चों के लिए भी यह मार्ग एक भय का कारण बन गया है। साइकिल पर स्कूल जाते छात्र-छात्राएं गिरते हैं, और गंभीर चोटों की घटनाएं आम हो गई हैं।
क्या विभाग किसी बड़ी जानलेवा दुर्घटना का कर रहा इंतज़ार?
अब बड़ा सवाल यही है – क्या पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) और स्थानीय प्रशासन किसी और बड़ी दुर्घटना का इंतज़ार कर रहा है? क्या किसी मंत्री, अधिकारी या वीआईपी की गाड़ी इन गड्ढों में फंसे तब जागेगा सिस्टम? क्या आम जनता की जान की कोई कीमत नहीं है?
प्रशासनिक चुप्पी पर उठ रहे सवाल
जब इस मार्ग को लेकर बहादराबाद ब्लॉक कार्यालय और नगर पंचायत से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो कोई भी अधिकारी स्पष्ट जवाब देने को तैयार नहीं मिला। “हम जल्द निरीक्षण करेंगे” और “फंड नहीं है” जैसे पुराने बहाने अब जनता के लिए असहनीय हो चुके हैं।
जनता की मांगें:
- तुरंत प्रभाव से सड़क की मरम्मत और गड्ढों की भराई करवाई जाए।
- सड़क निर्माण में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए।
- संबंधित अधिकारियों और ठेकेदार की जिम्मेदारी तय की जाए।
- हादसों में घायलों को मुआवजा मिले और मृतकों के परिजनों को सहायता दी जाए।
- स्थानीय जनप्रतिनिधियों को सड़क निरीक्षण के लिए बाध्य किया जाए।
हरिद्वार एक धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन नगरी है। यहां की सड़कों की ऐसी हालत इस पावन नगरी के सम्मान के साथ खिलवाड़ है। सुमन नगर जैसे इलाकों की अनदेखी करना सिर्फ एक सड़क की अनदेखी नहीं, बल्कि जनता के जीवन से खिलवाड़ है। यदि अब भी विभाग नहीं जागता तो निश्चित है कि आने वाले समय में कोई बड़ा जन आंदोलन खड़ा होगा और फिर उसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन दोनों की होगी।
रिपोर्ट: Intzar Raza Journalist
प्लेटफ़ॉर्म: Daily Live Uttarakhand
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