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अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषियों को आजीवन कारावास,, नहीं सुनाई गई फांसी की सजा, फांसी की मांग अधूरी, पर न्याय की पहली जीत — अब ऊपरी अदालत की ओर देख रहे परिजन, सवा दो साल की लड़ाई के बाद ऐतिहासिक फैसला, कोटद्वार कोर्ट में हुआ न्याय का ऐलान

इन्तजार रजा हरिद्वार- अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषियों को आजीवन कारावास,, नहीं सुनाई गई फांसी की सजा,

फांसी की मांग अधूरी, पर न्याय की पहली जीत — अब ऊपरी अदालत की ओर देख रहे परिजन,

सवा दो साल की लड़ाई के बाद ऐतिहासिक फैसला, कोटद्वार कोर्ट में हुआ न्याय का ऐलान

कोटद्वार/हरिद्वार 30 मई 2025।
बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को हत्या, साक्ष्य मिटाने और महिला से दुर्व्यवहार के आरोप में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास (natural life imprisonment) की सजा सुनाई है।

फैसले के दौरान कोर्ट परिसर को पुलिस छावनी में बदला गया था। पीड़िता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने फैसले के बाद कहा, “हमारी बेटी को न्याय मिला, पर फांसी की उम्मीद अब हाई कोर्ट से है।”

पुलकित, एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से है, और उस पर अंकिता को रिज़ॉर्ट में VIP गेस्ट्स को “स्पेशल सर्विस” देने का दबाव डालने का आरोप था। विरोध करने पर उसे चीला नहर में धक्का देकर मार दिया गया।

एसआईटी ने 500 पन्नों की चार्जशीट और 47 गवाहों के आधार पर केस को साबित किया।

यह फैसला उत्तराखंड की न्यायिक प्रणाली की दृढ़ता को दर्शाता है, हालांकि पीड़ित परिवार अब ऊपरी अदालत में मृत्युदंड की मांग के लिए अपील करेगा।

कोटद्वार, 30 मई 2025 — अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) कोटद्वार की अदालत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों दोषियों — पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता — को आजीवन कारावास (life imprisonment till natural death) की सजा सुनाई है। साथ ही, तीनों दोषियों पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह अपराध पूर्व नियोजित हत्या की श्रेणी में आता है, लेकिन परिस्थितियों, अभियोजन द्वारा प्रस्तुत सबूतों, और दोषियों के सामाजिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए फांसी की सजा न देकर आजीवन कारावास उचित होगा।

📌 सजा का विवरण:

  • धारा 302 (हत्या) – तीनों दोषियों को आजीवन कारावास till end of natural life।
  • धारा 201 (साक्ष्य नष्ट करना) – 7 वर्ष की सश्रम कारावास।
  • धारा 354 (महिला के साथ दुर्व्यवहार) – 2 वर्ष की सजा।
  • सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

✅अंकिता भंडारी हत्याकांड- सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा, जुर्माना भी लगाया⤵️

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोटद्वार की अदालत ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य सहित तीनों दोषियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई है।

अदालत ने अभियुक्त पुलकित आर्य को आजीवन कारावास एवं 50,000 जुर्माना, धारा 201 आईपीसी (साक्ष्य नष्ट करना) में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 354ए आईपीसी (यौन उत्पीड़न) में 2 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 3(1)(क), अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2,000 जुर्माना, अभियुक्त सौरभ भास्कर एवं अंकित गुप्ता को धारा 302 आईपीसी में कठोर आजीवन कारावास एवं 50,000 जुर्माना धारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 3(1)(क) में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2,000 जुर्माना तथा मृतका के परिजनों को 4 लाख का मुआवजा प्रदान करने का भी आदेश दिया है।

💬 न्यायाधीश की टिप्पणी:

न्यायाधीश ने कहा:

“यह मामला केवल एक लड़की की हत्या नहीं, बल्कि पूरे समाज की चेतना को झकझोरने वाला है। हालांकि मृत्युदंड एक दुर्लभतम से दुर्लभतम मामलों में दिया जाना चाहिए, लेकिन यह अदालत मानती है कि आजीवन कारावास भी एक मजबूत न्यायिक संदेश है।”

⚖️ पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया:

अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने सजा पर मिश्रित प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा:

“हम फांसी की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। उम्मीद है ये लोग अब जिंदगी भर जेल में रहेंगे और हमारी बेटी की आत्मा को कुछ शांति मिलेगी।”

🔥 जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया:

सजा के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई लोगों ने कोर्ट के फैसले को “न्याय की दिशा में कदम” बताया, जबकि कुछ ने इसे “नरमी” कहा और फांसी की मांग दोहराई

📍 अगला कानूनी कदम:

सूत्रों के अनुसार, पीड़ित पक्ष उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर विचार कर रहा है ताकि दोषियों को मृत्युदंड दिलाया जा सके।

सजा सुनाकर कोर्ट ने न्याय की एक अहम प्रक्रिया पूरी की है, लेकिन अंकिता को इंसाफ दिलाने की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। अब मामला ऊपरी अदालतों में जा सकता है, जहां दोषियों को फांसी दिलाने के लिए जनदबाव और न्यायिक मंथन जारी रहेगा।

Daily Live Uttarakhand इस केस पर लगातार नजर बनाए रखेगा और अगली कानूनी कार्यवाही की हर जानकारी आपको सबसे पहले उपलब्ध कराएगा।

✍️  इन्तजार रजा हरिद्वार, कोटद्वार से विशेष कवरेज सहयोगी के साथ

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