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गढमीरपुर में ईद-उल-अजहा: सजदा, सौहार्द और सुकून की एक तस्वीर, हज़ारों नमाज़ियों की हाजिरी, प्रशासनिक सतर्कता और जनसहभागिता ने रचा परस्पर प्रेम का अनुपम दृश्य, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल का संदेश: “हरिद्वार पुलिस धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की प्रहरी, सौहार्द की साथी”

इन्तजार रजा हरिद्वार- गढमीरपुर में ईद-उल-अजहा: सजदा, सौहार्द और सुकून की एक तस्वीर,

हज़ारों नमाज़ियों की हाजिरी, प्रशासनिक सतर्कता और जनसहभागिता ने रचा परस्पर प्रेम का अनुपम दृश्य,

एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल का संदेश: “हरिद्वार पुलिस धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की प्रहरी, सौहार्द की साथी”

इन्तजार रजा हरिद्वार Daily Live Uttarakhand
स्थान – पंचपुरी गढमीरपुर, बहादराबाद, हरिद्वार
तिथि – 17 जून 2025


🌙 एक सुबह, जो रहमतों से भरी रही

ईद-उल-अजहा की सुबह पंचपुरी गढमीरपुर में जब पहली अज़ान की सदा गूंजी, तब वतन परस्ती, इबादत और इंसानियत एक स्वर में बोले – “अल्लाहु अकबर”। यह नज़ारा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि एक सजीव उदाहरण था उस भारत की आत्मा का, जो विविधता में एकता का उत्सव मनाता है।

गढमीरपुर की ईदगाह गढ में सुबह सात बजे से ही सफेद परिधानों में लोग जुटने लगे। चेहरे पर सुकून, निगाहों में उम्मीद और दिलों में दुआ लेकर हजारों नमाज़ियों ने एक स्वर में सजदा किया। नमाज़ के बाद मौलाना सलीम कासमी के खुत्बे ने जनसमूह को इबादत के साथ-साथ आपसी सहयोग, शांति और मानवता के महत्व की याद दिलाई।


🕌 ईदगाह बना गंगा-जमुनी तहज़ीब का संगम

ईदगाह परिसर में उपस्थित लोगों में केवल मुस्लिम समुदाय के लोग नहीं थे। हिन्दू समाज से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता और क्षेत्रीय नागरिक भी नमाज़ के बाद मुबारकबाद देने पहुंचे।

राव जुनैद राणा ने सभी भाईयों से गले मिलते हुए कहा:

“गढमीरपुर की मिट्टी में भाईचारा है, यहाँ ईद हो या दीपावली, हर पर्व सबका होता है।”

 

🛡️ प्रशासन की सजगता और पुलिस की पारदर्शी रणनीति

गढमीरपुर में शांतिपूर्ण और व्यवस्थित आयोजन के पीछे एक अदृश्य ढांचा भी काम कर रहा था – वह थी प्रशासन और पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था।रानीपुर पुलिस प्रशासन  स्वयं मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने कहा:

“ईद केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक सहभागिता का अवसर है। हमने पहले से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की थीं।”

कोतवाल रानीपुर कमल मोहन भंडारी और सुमननगर चौकी इंचार्ज अर्जुन कुमार भी अपनी टीम के साथ क्षैत्र में लगातार सक्रिय रहे। ड्रोन कैमरों से निगरानी, बीट अधिकारी की क्षेत्रीय रिपोर्ट, महिला पुलिस की तैनाती और सामाजिक संवाद समितियों से निरंतर समन्वय – यह सभी कारक गढमीरपुर को एक आदर्श आयोजन स्थल बनाने में सहायक बने।

🗣️ एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल: “शांति और सम्मान का पर्व बना गढमीरपुर”

हरिद्वार जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने विशेष बातचीत में अपने विचार साझा करते हुए कहा:

“हरिद्वार एक धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता वाला जनपद है। ऐसे में हमारी भूमिका केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं होती, बल्कि हम उस सामाजिक सेतु का भी हिस्सा हैं जो समुदायों को जोड़ता है।”

उन्होंने कहा:

“ईद-उल-अजहा के अवसर पर गढमीरपुर सहित समस्त जनपद में पुलिस पूरी तरह सक्रिय और संवेदनशील मुस्तैदी से रही। हर संवेदनशील क्षेत्र को चिन्हित कर वहाँ अतिरिक्त बल की तैनाती की गई। लोकल इंटेलिजेंस और सोशल मीडिया यूनिट लगातार सक्रिय रहीं। सोशल मीडिया पर कोई भ्रामक संदेश न फैले, इसके लिए हमारी साइबर टीम ने विशेष निगरानी की।”

एसएसपी डोबाल ने गढमीरपुर की जनता, धार्मिक गुरुओं और प्रशासन के सामूहिक प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा:

“गढमीरपुर ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यदि समाज और प्रशासन मिलकर कार्य करें तो कोई भी पर्व तनाव का कारण नहीं, बल्कि प्रेम का पर्व बन सकता है।”


🌿 कुर्बानी में अनुशासन, स्वच्छता और मानवता की झलक

ईद-उल-अजहा का मुख्य अंग कुर्बानी है, जो हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की आज्ञाकारिता और समर्पण की प्रतीक है। गढमीरपुर में कुर्बानी के दौरान न केवल धार्मिक मर्यादा का पालन हुआ, बल्कि साफ-सफाई, सार्वजनिक संवेदनशीलता और पर्यावरणीय सावधानी भी पूरी तरह बरती गई।

सभी लोगों द्वारा आपसी मेल-जोल और जिम्मेदारी से विशेष स्वच्छता दल नियुक्त किए गए थे। निर्धारित स्थलों पर ही कुर्बानी दी गई और अवशेषों को वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित किया गया। पर्याप्त संख्या में कूड़ेदान, पानी की टंकियां की व्यवस्था भी की थी

मौलाना हाफिज गुफरान पेश इमाम जामा मस्जिद गढ ने पहले ही अपील की थी:

“इस्लाम में साफ-सफाई आधा ईमान है। हमें यह ध्यान रखना है कि हमारी कोई भी गतिविधि समाज के किसी वर्ग को असहज न करे।”


📸 उत्सव की तस्वीरों में नजर आया एक भारत

  • “सजदे में हजारों नमाज़ी – एकजुटता और इबादत की उत्कृष्ट तस्वीर”
  • “ग्राम जनप्रतिनिधियों और मौलानाओ के बीच सौहार्दपूर्ण संवाद – राजनीतिक और धार्मिक नेतृत्व की साझी जिम्मेदारी”
  • “पुलिस बल के साथ – सुरक्षा और नागरिक सहयोग का अद्भुत मेल”

📱 सोशल मीडिया की सकारात्मकता

आज जब सोशल मीडिया पर वैमनस्य फैलाने की घटनाएँ आम हो चली हैं, वहीं गढमीरपुर ने एक सकारात्मक संदेश दिया।

  • @GadhmeerpurUnity: “आज की ईद ने ये साबित कर दिया कि जब दिल मिलते हैं तो धर्म विभाजक नहीं, जोड़ने वाला बन जाता है।”
  • @HaridwarPolice: “जनता के सहयोग से ही कानून व्यवस्था सुदृढ़ होती है – गढमीरपुर इसके लिए आदर्श उदाहरण है।”
  • @CleanFestivals: “धार्मिक आयोजन में साफ-सफाई का ऐसा उदाहरण शायद ही कहीं देखा हो – गढमीरपुर को सलाम।”

🙏 जिम्मेदार नागरिकों की भूमिका भी रही उल्लेखनीय

गांव के युवाओं ने स्वयंसेवक बनकर यातायात नियंत्रण, जल वितरण और वृद्धजनों की सहायता में योगदान दिया।  ‘Clean Eid – Green Eid’ अभियान चलाया जिसमें पेड़ लगाना, प्लास्टिक से परहेज और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया गया।

गांव गढ के प्रधान प्रतिनिधि मौ. नफीस उर्फ़ राहुल ने कहा:

“जब त्यौहारों को केवल धर्म से नहीं, सामाजिक जिम्मेदारी से भी जोड़ा जाए, तब ही देश का सही विकास होता है।”

🕊️ गढमीरपुर – सौहार्द का आदर्श और प्रशासनिक संयोजन का उदाहरण

गढमीरपुर की ईद ने केवल नमाज़ियों को राहत नहीं दी, बल्कि एक स्पष्ट संदेश भी दिया – “भारत विविधताओं का देश है, पर जब बात एकता की आती है तो हम एक साथ खड़े होते हैं।”

एसएसपी डोबाल और उनकी टीम की संवेदनशीलता और सतर्कता, ग्राम पंचायत का सहयोग और नागरिकों की जागरूकता – इन तीन स्तंभों ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी पर्व सिर्फ पर्व न रहकर, सामाजिक एकता का उत्सव बन जाए।

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