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योग दिवस पर जीआरपी-एटीएस जवानों का अनुशासित योग संग्राम,, हरिद्वार जीआरपी पुलिस कार्यालय परिसर में गूंजा “योग ही जीवन है” का मंत्र तुशांत आर्या की प्रेरणा, सीओ स्वप्निल मुयाल का नेतृत्व, जवानों का जोश देख बना अविस्मरणीय क्षण

इन्तजार रजा हरिद्वार- योग दिवस पर जीआरपी-एटीएस जवानों का अनुशासित योग संग्राम,,

हरिद्वार जीआरपी पुलिस कार्यालय परिसर में गूंजा “योग ही जीवन है” का मंत्र

तुशांत आर्या की प्रेरणा, सीओ स्वप्निल मुयाल का नेतृत्व, जवानों का जोश देख बना अविस्मरणीय क्षण

हरिद्वार, 21 जून 2025

पूरे विश्व के साथ उत्तराखंड की धरती पर भी आज “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस” का भव्य आयोजन उत्साह और उत्सव के साथ मनाया गया। इस अवसर पर जीआरपी और एटीएस के पुलिस जवानों ने हरिद्वार पुलिस लाइन परिसर में योग के माध्यम से न केवल तन-मन को तराशा, बल्कि पूरे समाज को यह संदेश भी दिया कि सुरक्षा बलों की शक्ति केवल हथियारों में नहीं, बल्कि आत्मअनुशासन और मानसिक संतुलन में भी होती है।

सुबह की ताजगी में योग के साथ नई शुरुआत

हरिद्वार पुलिस लाइन में सुबह-सुबह जब मंद-मंद ठंडी हवाओं के बीच योग कार्यक्रम शुरू हुआ, तो हर पुलिस जवान के चेहरे पर एक अलग आत्मविश्वास और ऊर्जा दिख रही थी। कार्यक्रम की शुरुआत प्रसिद्ध योगाचार्य तुशांत आर्या के संचालन में हुई, जिन्होंने योग को केवल एक शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि जीवन के संतुलन और मानसिक दृढ़ता का साधन बताया।

योगाचार्य तुशांत आर्या ने सबसे पहले गर्दन, पीठ, कमर और घुटनों को लक्षित करते हुए हल्के व्यायाम और वॉर्म-अप से योग सत्र की शुरुआत करवाई। इसके बाद एक के बाद एक प्रभावशाली योगासन – वज्रासन, उष्ट्रासन, ताड़ासन, मकरासन, पवनमुक्तासन, चक्रासन, शवासन, अनुलोम-विलोम, कपालभांति और भ्रामरी कराए गए।

उनकी सहज शैली और वैज्ञानिक दृष्टिकोण ने पुलिस जवानों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हर आसन के साथ यह भी बताया गया कि वह किस प्रकार जवानों की थकान, तनाव और शारीरिक जकड़न को दूर कर उन्हें बेहतर और अधिक अनुशासित प्रहरी बनाता है।


जवानों ने लिया संकल्प – “अब योग ही होगा जीवन का हिस्सा”

योग सत्र में शामिल जीआरपी व एटीएस के जवानों ने जिस अनुशासन और समर्पण के साथ भाग लिया, वह देखने लायक था। जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ा, उत्साह और ऊर्जा की लहर पूरे परिसर में फैल गई। हर योग क्रिया पर जवानों ने न केवल शारीरिक अभ्यास किया बल्कि मन से उसे आत्मसात किया।

कार्यक्रम के बाद कई जवानों ने साझा किया कि उन्हें पहली बार यह महसूस हुआ कि योग किसी ट्रेनिंग से कम नहीं। एक जवान ने कहा, “हम रोज दौड़ते हैं, ड्यूटी करते हैं, लेकिन योग करने के बाद जो अंदर से सुकून मिला है, वो अद्भुत है। अब इसे हम अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे।”


सीओ स्वप्निल मुयाल की पहल से बना अनुकरणीय उदाहरण

इस योग शिविर के आयोजन के पीछे जीआरपी के क्षेत्राधिकारी सीओ स्वप्निल मुयाल की विशेष प्रेरणा थी। पुलिस कप्तान तृप्ति भट्ट की प्रेरणा से उन्होंने यह संकल्प लिया कि जीआरपी और एटीएस के जवानों को योग के माध्यम से मानसिक और शारीरिक मजबूती दी जानी चाहिए।

स्वप्निल मुयाल ने अपने संबोधन में कहा –

“हमारे जवानों की दिनचर्या बेहद व्यस्त और चुनौतीपूर्ण होती है। ऐसे में योग न केवल शारीरिक थकान दूर करता है, बल्कि यह आत्मचिंतन, आत्मनियंत्रण और मानसिक स्थिरता का स्रोत बनता है।”

उन्होंने जवानों से आग्रह किया कि वे योग को केवल एक दिवस की औपचारिकता न मानें, बल्कि इसे अपने जीवन में हर दिन अपनाएं।

तुशांत आर्या: योग को जीने का नाम बताया

योगाचार्य तुशांत आर्या ने पूरे सत्र के दौरान पुलिस कर्मियों को व्यावहारिक उदाहरणों के साथ समझाया कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि एक पूर्ण जीवन शैली है। उन्होंने कहा –

“योग हमें खुद से जोड़ता है। यह न केवल शरीर को, बल्कि आत्मा और मस्तिष्क को भी शुद्ध करता है। 15 मिनट प्रतिदिन योग करने से हर पुलिसकर्मी तनाव मुक्त और निर्णय लेने में अधिक दक्ष बन सकता है।”

उनकी इस शैली ने जवानों को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने कहा – “अब योग केवल दिवस नहीं, हमारी डेली ड्यूटी का हिस्सा बनेगा।”

सम्मान और सौहार्द का समापन

कार्यक्रम के समापन अवसर पर सीओ स्वप्निल मुयाल ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच योगाचार्य तुशांत आर्या को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इसके बाद सभी पुलिसकर्मियों के लिए सूक्ष्म जलपान की व्यवस्था की गई, जिसमें सभी जवानों ने एक साथ भोजन कर योग के बाद की सामूहिकता को और मजबूत किया।

अधिकारियों की सहभागिता ने बढ़ाया आयोजन का स्तर

इस भव्य योग शिविर में थानाध्यक्ष हरिद्वार अनुज सिंह, लक्सर थानाध्यक्ष संजय शर्मा, आरआई नरेंद्र कुमार, प्रभारी स्टेनो पूरन सिंह, सभी शाखा प्रभारी, पुलिस कार्यालय व लाइन स्टाफ, और एटीएस पुलिस कर्मियों ने भी पूरे जोश के साथ भाग लिया। इस अवसर पर जवानों ने अपने अनुभव भी साझा किए और भविष्य में अधिक बार ऐसे शिविर आयोजित करने की मांग की।

 योग से सशक्त प्रहरी, सुरक्षित समाज

हरिद्वार पुलिस लाइन का यह आयोजन न केवल एक स्वास्थ्य अभियान था, बल्कि यह आंतरिक शक्ति और संगठनात्मक अनुशासन का भी उत्कृष्ट उदाहरण था। Daily Live Uttarakhand इस प्रयास की सराहना करता है और उम्मीद करता है कि आने वाले समय में उत्तराखंड पुलिस और सुरक्षा बल योग के माध्यम से मानसिक और शारीरिक रूप से और अधिक सशक्त बनेंगे।

“स्वस्थ प्रहरी, सशक्त समाज – योग से ही संभव है यह अभियान।”


रिपोर्ट: Daily Live Uttarakhand संवाददाता
स्थान: हरिद्वार जीआरपी पुलिस कार्यालय परिसर
दिनांक: 21 जून 2025

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