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हरिद्वार में अतिक्रमण पर डीएम मयूर दीक्षित का सख्त रुख, गांव से लेकर तक कर दिया पुरा खाका तैयार,, तालाब-नालों से कब्जा हटाने और एसेट मैनेजमेंट पोर्टल पर भूमि अपलोड करने के आदेश,, “जिम्मेदारी से कार्य करें और अन्य से प्रेरणा लें”: डीएम हरिद्वार

जनपद हरिद्वार में सरकारी भूमि, तालाबों और नालों पर लगातार हो रहे अतिक्रमण को लेकर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कड़ा रुख अपनाया है। गुरुवार को जिला कार्यालय सभागार में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने राजस्व विभाग के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हरिद्वार में अतिक्रमण पर डीएम मयूर दीक्षित का सख्त रुख, गांव से लेकर तक कर दिया पुरा खाका तैयार,,

तालाब-नालों से कब्जा हटाने और एसेट मैनेजमेंट पोर्टल पर भूमि अपलोड करने के आदेश,,

“जिम्मेदारी से कार्य करें और अन्य से प्रेरणा लें”: डीएम हरिद्वार

जनपद हरिद्वार में सरकारी भूमि, तालाबों और नालों पर लगातार हो रहे अतिक्रमण को लेकर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कड़ा रुख अपनाया है। गुरुवार को जिला कार्यालय सभागार में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में उन्होंने राजस्व विभाग के समस्त अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

डीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी इलाकों तक जहां भी अवैध कब्जे हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अतिक्रमणमुक्त भूमि को एसेट मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड किया जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति दोबारा उस भूमि पर कब्जा न कर सके।

तालाब-नालों पर कब्जे से जलभराव की समस्या

डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव की समस्या का प्रमुख कारण तालाबों और नालों पर अतिक्रमण है। जब इन जलस्रोतों की नैसर्गिक धारा अवरुद्ध हो जाती है तो बारिश के मौसम में पानी निकासी में भारी दिक्कत आती है, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने सभी राजस्व लेखपालों को अपने-अपने क्षेत्रों का गहन भ्रमण कर ऐसे सभी स्थलों की पहचान करने और तत्काल कब्जा हटवाने के निर्देश दिए। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी स्थिति में तालाबों, नालों और सरकारी भूमि को फिर से कब्जा न होने दिया जाए।

डीएम ने दिया प्रेरणादायी संदेश

जिलाधिकारी ने बैठक के दौरान मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रेरित करते हुए कहा कि,
“जनपद में ऐसे अधिकारी और कर्मचारी भी हैं जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराया है। हम सबको उनसे प्रेरणा लेकर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान किसी भी दबाव या भय का शिकार न हों। प्रशासन हर स्तर पर अपने कार्मिकों के साथ खड़ा है।

सतर्क निगरानी और त्वरित कार्रवाई पर जोर

डीएम मयूर दीक्षित ने निर्देशित किया कि क्षेत्र में पैनी नज़र बनाए रखें और जैसे ही अतिक्रमण की कोई सूचना मिले, तुरंत कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पीछे न हटें, बल्कि सक्रिय रहकर अपनी भूमिका निभाएं।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि अतिक्रमण को लेकर किसी भी स्तर पर लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय है।

डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित ने कहा कि

“जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने जनपद में तैनात राजस्व विभाग के समस्त अधिकारियों तथा कर्मचारियों के साथ जिला कार्यालय सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक ली। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराना सभी की प्राथमिक जिम्मेदारी है। विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव की समस्या का प्रमुख कारण तालाबों एवं नालों पर अतिक्रमण हैं। उन्होंने सभी राजस्व लेखपालों को निर्देशित किया कि सरकारी भूमि, तालाबों एवं नालों को अतिक्रमणमुक्त कराकर एसेट मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड करें और क्षेत्र में पैनी नज़र बनाए रखें।”

बैठक में रहे कई अधिकारी मौजूद

इस महत्वपूर्ण बैठक में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की दीपक रामचंद्र शेट, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) दीपेंद्र सिंह नेगी, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) पीआर चौहान, एसडीएम हरिद्वार जितेंद्र कुमार, एचआरडीए सचिव मनीष कुमार, एसडीएम लक्सर सौरभ असवाल, डिप्टी कलेक्टर देवेंद्र सिंह नेगी, डिप्टी कलेक्टर/अपर मेलाधिकारी कुंभ दयानंद सरस्वती सहित समस्त प्रशासनिक अधिकारी और कार्मिक मौजूद रहे।

हरिद्वार जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का यह सख्त संदेश साफ करता है कि अब सरकारी भूमि, तालाब और नालों पर अवैध कब्जा करने वालों की खैर नहीं है। एक ओर जहां प्रशासन अतिक्रमणकारियों पर शिकंजा कस रहा है, वहीं दूसरी ओर कार्मिकों को भी प्रेरित किया जा रहा है कि वे जिम्मेदारी और सक्रियता के साथ अपनी भूमिका निभाएं।

यह पहल न केवल हरिद्वार के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को अतिक्रमण मुक्त करेगी बल्कि जलभराव जैसी गंभीर समस्याओं से भी निजात दिलाएगी।

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