सलेमपुर आंगनबाड़ी केंद्र परिसर से एक्सपायरी दूध-दवा कांड पर प्रशासन सख्त,, DM हरिद्वार मयूर दीक्षित के आदेश पर सीडीओ हरिद्वार आकांक्षा कोंडे ने गठित की जांच टीम, बच्चों की सेहत से जुड़े मामले में गहराई से छानबीन जारी

सलेमपुर आंगनबाड़ी केंद्र परिसर से एक्सपायरी दूध-दवा कांड पर प्रशासन सख्त,,
DM हरिद्वार मयूर दीक्षित के आदेश पर सीडीओ हरिद्वार आकांक्षा कोंडे ने गठित की जांच टीम, बच्चों की सेहत से जुड़े मामले में गहराई से छानबीन जारी
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✍️ इन्तजार रज़ा, हरिद्वार……हरिद्वार जनपद के सलेमपुर पंचायत परिसर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में भारी मात्रा में एक्सपायरी आयरन दवाइयां और एक्सपायर्ड दूध मिलने से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। बच्चों की सेहत से जुड़ा यह गंभीर मामला उजागर होते ही जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने तत्काल प्रभाव से उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी किए हैं।

सलेमपुर पंचायत परिसर के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 20 में मुख्यमंत्री पोषण योजना के तहत वितरित किया जाने वाला दूध और आयरन सिरप की बोतलें भारी मात्रा में एक्सपायरी अवस्था में पाई गईं। ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी केंद्र में इन सामग्रियों की मौजूदगी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सामान वर्षों से पड़ा रहा और कभी बच्चों तक पहुंचा ही नहीं।
आखिर यह सब इतना समय तक नजरों से कैसे छुपा रहा? क्या यह विभागीय लापरवाही है या योजनाबद्ध घोटाला? इन सवालों की गूंज अब जिला मुख्यालय तक पहुंच चुकी है।
📌 DM हरिद्वार की पहल पर गठित हुई जांच टीम
जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) आर के सिंह, जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी तेजबल सिंह और डिप्टी डायरेक्टर ऑफ डेवलपमेंट (डीडीओ) कैलाशनाथ तिवारी सहित एक उच्च स्तरीय जांच टीम का गठन किया है। टीम को निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी हरिद्वार
“बच्चों की सेहत से जुड़ा यह मामला अत्यंत संवेदनशील है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर नियमानुसार कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।” सीडीओ हरिद्वार को टीम गठित कर जांच के आदेश दे दिए गए हैं वर्तमान में जांच जारी है नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी
🧾 क्या आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने अफसरों को गुमराह किया?
जैसे ही जांच के लिए अधिकारी मौके पर पहुंचे, संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने बचाव में कहा कि “दूध को चूहों ने कुतर दिया”, लेकिन वायरल हो रहे ग्रामीणों के वीडियो कुछ और ही कहानी बयान करते हैं। वीडियो में दूध के कार्टन साफ़-सुथरे, सील-पैक और व्यवस्थित अवस्था में दिखाई दे रहे हैं।
इससे यह संकेत मिलता है कि दूध वितरण न होने के कारण उसकी एक्सपायरी हो गई और अब कार्यकत्री मामले को छुपाने की कोशिश कर रही है। इससे यह सवाल उठता है कि विभागीय निगरानी तंत्र आखिर कहां विफल-सफल रहा?
आर के सिंह, सीएमओ हरिद्वार
“इस प्रकार की लापरवाही स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में घातक है। विभागीय स्तर पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।” हम जांच करने के लिए मौके पर पहुंचे हैं जांच अभी जा रही है जांच रिपोर्ट डीएम हरिद्वार को जल्द सोंपी जएगी
📚 सीडीओ की सख्ती: जांच होगी हर स्तर पर गहराई से, कोई भी दोषी नहीं बचेगा
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे ने स्पष्ट किया है कि पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है। सीडीओ ने कहा कि जिस स्तर पर भी चूक हुई है, वह सामने लाई जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
आकांक्षा कोंडे, सीडीओ हरिद्वार
“यह केवल प्रशासनिक चूक नहीं बल्कि बच्चों की जान से जुड़ा मामला है। हर स्तर की जवाबदेही तय की जाएगी।” जांच कमेटी गठित कर दी गई है और फिलहाल वर्तमान में जांच जारी है जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार करव
🧮 बाल विकास विभाग कर रहा रिकवरी की तैयारी लेकिन जांच अभी जारी
जिला बाल विकास अधिकारी हरिद्वार सुलेखा सहगल ने स्पष्ट कहा है कि यदि यह सिद्ध होता है कि सामग्री जानबूझकर वितरण नहीं की गई या योजनाबद्ध लापरवाही हुई है, तो दोषी कर्मचारियों से वसूली की जाएगी।
सुलेखा सहगल, जिला बाल विकास अधिकारी हरिद्वार
“बिना वितरित किए सामग्री को एक्सपायर होने देना एक गंभीर प्रशासनिक अपराध है। दोषियों से रिकवरी भी की जाएगी।”
📷 जमीनी हकीकत: योजनाएं कागज़ों तक सीमित क्यों?
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण योजनाओं का लाभ केवल रजिस्टरों में ही दिखाई देता है। हकीकत यह है कि दूध और दवाएं कभी बच्चों तक पहुंचती ही नहीं।
यदि नियमित रूप से वितरण हो रहा होता, तो एक्सपायरी उत्पादों की इतनी भारी मात्रा केंद्र के कमरे में पड़ी नहीं मिलती। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या निरीक्षण और ऑडिट प्रणाली महज़ औपचारिकता बनकर रह गई है?
🔍 आगे की कार्रवाई पर टिकी निगाहें
खबर लिखे जाने तक फिलहाल जांच टीम मौके पर मौजूद है और जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि कुछ ही समय में पूरी रिपोर्ट सामने आ जाएगी, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि इस लापरवाही के पीछे कौन-कौन जिम्मेदार हैं। वही ग्रामीणों को संदेह यह भी है कि इस पूरे मामले पर कोई बचाव की तिरपाल न ढक दे
इस पूरे मामले ने कार्यवाहक विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि प्रशासन समय रहते इस मामले में कठोर कार्रवाई करता है, तो यह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक मिसाल बन सकता है।
📍सलेमपुर आंगनबाड़ी केंद्र में सामने आया यह प्रकरण बच्चों की सेहत से खिलवाड़ का ज्वलंत उदाहरण है। इसने सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत को उजागर कर दिया है। जांच जारी है, लेकिन जनता को उम्मीद है कि दोषियों को जल्द कटघरे में लाया जाएगा और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।