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धनगर समाज का लोकमाता को नमन – 229वीं पुण्यतिथि पर उत्तराखण्ड में मनोज धनगर प्रदेश अध्यक्ष धनगर समाज महासभा उत्तराखंड की अगुवाई में हुआ भव्य आयोजन,, अधिकारों के लिए एकजुट हुआ धनगर समाज – सरकार से धनगर समाज के (SC) जाति प्रमाण पत्र पर ठोस कार्रवाई की मांग,, लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के आदर्शों पर चलने का संकल्प, आंदोलन की चेतावनी अधिकारों के लिए सड़क से संसद तक एकजुट धनगर समाज 

इन्तजार रजा हरिद्वार- धनगर समाज का लोकमाता को नमन – 229वीं पुण्यतिथि पर उत्तराखण्ड में मनोज धनगर प्रदेश अध्यक्ष धनगर समाज महासभा उत्तराखंड की अगुवाई में हुआ भव्य आयोजन,,

अधिकारों के लिए एकजुट हुआ धनगर समाज – सरकार से धनगर समाज के (SC) जाति प्रमाण पत्र पर ठोस कार्रवाई की मांग,,

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के आदर्शों पर चलने का संकल्प, आंदोलन की चेतावनी अधिकारों के लिए सड़क से संसद तक एकजुट धनगर समाज

हरिद्वार, 13 अगस्त 2025
ऑल इण्डिया धनगर समाज महासंघ (रजि.) उत्तराखण्ड के नेतृत्व में आज प्रदेश कार्यालय श्री कृष्णा गार्डन कॉलोनी, रोशनाबाद में धनगरवंशीय लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी की 229वीं पुण्यतिथि पर एक गरिमामयी और भावनात्मक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेशभर से पहुंचे धनगर बंधुओं ने लोकमाता की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उनके आदर्शों व योगदान को भावपूर्ण स्मरण किया।

गोष्ठी का संचालन प्रदेश महासचिव पवन पाल धनगर ने किया। उन्होंने प्रारंभ में लोकमाता के जीवन और उनकी उपलब्धियों का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि अहिल्याबाई होलकर जी केवल एक शासक ही नहीं थीं, बल्कि समाज सुधार, न्यायप्रिय शासन, धर्म और संस्कृति की संरक्षिका तथा नारी शक्ति की अद्वितीय मिसाल थीं।

प्रदेश अध्यक्ष मनोज धनगर का संबोधन – “धनगर समाज आज भी संवैधानिक अधिकारों से वंचित”

गोष्ठी के मुख्य वक्ता एवं प्रदेश अध्यक्ष मनोज धनगर ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा –

“आज पूरा देश लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी की पुण्यतिथि मना रहा है, लेकिन उनके वंशज यानी धनगर समाज आज भी अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित हैं।”

उन्होंने कहा कि समाज को उसकी ऐतिहासिक और वैधानिक पहचान से वंचित रखना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। पिछले कई दशकों से धनगर समाज अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत है, लेकिन राजनीतिक दल केवल चुनाव के समय वादे करते हैं और बाद में भूल जाते हैं।

मनोज धनगर ने कहा –

“यदि सरकार ने जल्द ही धनगर जाति के प्रमाण पत्र के मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठाए, तो हमें अपनी आवाज बुलंद करने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा। यह सिर्फ अधिकारों की लड़ाई नहीं, बल्कि हमारे अस्तित्व और पहचान की लड़ाई है।”


पवन पाल का वक्तव्य – “शिक्षा और रोजगार में अवसर सीमित”

गोष्ठी में प्रदेश उपाध्यक्ष पवन पाल धनगर ने कहा –

“धनगर समाज के बच्चे आज भी जाति प्रमाण पत्र के अभाव में छात्रवृत्ति और आरक्षण जैसी सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। यह स्थिति समाज के युवाओं को शिक्षा और रोजगार दोनों में पीछे धकेल रही है।”

उन्होंने कहा कि समाज के उत्थान के लिए संगठित प्रयासों की आवश्यकता है। पवन पाल ने सभी धनगर युवाओं से अपील की कि वे शिक्षा, सामाजिक एकजुटता और आंदोलन—तीनों मोर्चों पर सक्रिय भूमिका निभाएं।

धनगर समाज के मुद्दे – संघर्ष और अपेक्षाएं

गोष्ठी में वक्ताओं ने सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि –

  • जाति प्रमाण पत्र की समस्या के कारण धनगर समाज के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, प्रवेश में आरक्षण और प्रतियोगी परीक्षाओं में अवसर नहीं मिल पा रहा।
  • समाज की गौरवशाली ऐतिहासिक पहचान को पाठ्यक्रमों और सरकारी मान्यता में उचित स्थान नहीं दिया गया।
  • ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के साधनों की भारी कमी है।

सदस्यों ने जोर देकर कहा कि जब तक सरकार ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।

कार्यक्रम का माहौल – एकजुटता और संकल्प का संगम

सुबह से ही प्रदेश के विभिन्न जिलों से धनगर समाज के लोग रोशनाबाद स्थित कार्यालय में पहुंचने लगे थे। पारंपरिक पोशाक में पहुंचे युवाओं और महिलाओं ने लोकमाता की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किया। सभा के दौरान ‘जय अहिल्या – जय धनगर – जय मल्हार’ के नारे लगातार गूंजते रहे।

कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि लोकमाता के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी न्याय और समाज सेवा का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए।

गोष्ठी में प्रमुख उपस्थिति

इस अवसर पर समाज के अनेक पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें मुख्य रूप से –

  • पवन पाल धनगर – प्रदेश उपाध्यक्ष
  • जसवीर धनगर – कोषाध्यक्ष
  • जोनी धनगर – प्रदेश महासचिव
  • चंदन धनगर – प्रदेश सचिव
  • अभिषेक प्रतापनगर, कर्मवीर धनगर, अनूप धनगर, पंकज धनगर
  • द्वाशि धनगर, रोहित धनगर, दीपक धनगर, प्रवीण धनगर, गौरव धनगर
  • प्रदीप धनगर, सुमित धनगर, वेदपाल धनगर, विनीत धनगर
  • अभय धनगर, अंकित धनगर, देवेन्द्र धनगर, सुरेश धनगर, सक्षम धनगर, शिवांक धनगर

सभी ने एक स्वर में संकल्प लिया कि समाज के हितों और अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष किया जाएगा।

 लोकमाता के मार्ग पर चलने का आह्वान

गोष्ठी का समापन राष्ट्रगान और वरिष्ठ सदस्यों के आशीर्वचन के साथ हुआ।

“लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर जी का जीवन त्याग, सेवा और न्याय का प्रतीक है। हमें उनके आदर्शों पर चलकर समाज को आत्मनिर्भर और सम्मानित बनाना होगा।”

उन्होंने यह भी घोषणा की कि धनगर समाज महासंघ निकट भविष्य में राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी करेगा, ताकि सरकार को जाति प्रमाण पत्र, शिक्षा और रोजगार में आरक्षण तथा विकास योजनाओं में हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए बाध्य किया जा सके।

📌 मुख्य संदेश

  1. धनगर समाज एकजुट है और अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत है।
  2. सरकार ने धनगर जाति प्रमाण पत्र के मुद्दे पर तत्काल ठोस निर्णय लेना होगा।
  3. लोकमाता के आदर्श आज भी समाज को दिशा देने वाले हैं।

 

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