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 🌊 जनपद हरिद्वार धर्म नगरी – मां गंगा की निर्मलता और पवित्रता बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी : डॉ. अफरोज अहमद,, 🏞️ जिला पर्यावरण प्रबंधन योजना की समीक्षा बैठक, ठोस अपशिष्ट से लेकर अवैध खनन तक हुई गहन चर्चा,, 🙏 जिलाधिकारी मयूर दीक्षित व सीडीओ आकांक्षा कोण्डे ने किया विशेषज्ञ सदस्य का स्वागत, विभागों को मिले सख्त निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार 🌊 जनपद हरिद्वार धर्म नगरी – मां गंगा की निर्मलता और पवित्रता बनाए रखना सबकी जिम्मेदारी : डॉ. अफरोज अहमद,,

🏞️ जिला पर्यावरण प्रबंधन योजना की समीक्षा बैठक, ठोस अपशिष्ट से लेकर अवैध खनन तक हुई गहन चर्चा,,

🙏 जिलाधिकारी मयूर दीक्षित व सीडीओ आकांक्षा कोण्डे ने किया विशेषज्ञ सदस्य का स्वागत, विभागों को मिले सख्त निर्देश

हरिद्वार, 30 अगस्त 2025

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) नई दिल्ली के विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद ने आज अपने हरिद्वार आगमन पर राज्य अतिथि गृह में आयोजित एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में जिला पर्यावरण प्रबंधन योजना की गहन समीक्षा की। बैठक में उन्होंने हरिद्वार की पवित्र पहचान को बनाए रखने पर विशेष बल देते हुए कहा कि “जनपद हरिद्वार केवल एक नगर नहीं बल्कि धर्मनगरी है। यहां मां गंगा की पवित्र धारा बहती है और कुंभ, कांवड़ यात्रा जैसे विश्वस्तरीय धार्मिक आयोजन होते हैं। इसलिए जरूरी है कि गंगा को निर्मल एवं स्वच्छ बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंधन और कार्ययोजना तैयार हो।”

🌍 ठोस अपशिष्ट, सीवरेज और औद्योगिक प्रदूषण पर सख्ती

बैठक में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक उन्मूलन, सीवरेज ट्रीटमेंट, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट, प्रदूषण नियंत्रण और अवैध खनन जैसे अहम मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
डॉ. अहमद ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि—

  • शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ा निस्तारण की वैज्ञानिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  • सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) की कार्यप्रणाली को मजबूत करते हुए उसमें किसी प्रकार की लापरवाही न हो।
  • जनपद में स्थापित सभी औद्योगिक इकाइयों की निगरानी बढ़ाई जाए, ताकि वे प्रदूषण नियंत्रण मानकों का अनुपालन करें।
  • नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए।

उन्होंने कहा कि “हरिद्वार विश्वभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यदि यहां की गंगा प्रदूषित होगी तो यह केवल धार्मिक आस्था का अपमान ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए भी घातक होगा।”

🏗️ अवैध खनन रोकने पर विशेष बल

बैठक में अवैध खनन का मुद्दा भी गंभीरता से उठाया गया। डॉ. अफरोज अहमद ने कहा कि खनन पट्टों की आड़ में अवैध खनन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं होगा।
उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि:

  • सभी स्वीकृत पट्टों की नियमित जांच की जाए।
  • जहां भी अवैध खनन की संभावना हो, वहां विशेष निगरानी तंत्र विकसित किया जाए।
  • नदी तटों और संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए स्थानीय प्रशासनिक इकाइयों को और सक्रिय बनाया जाए।

🌿 अधिकारियों के प्रयासों की सराहना

डॉ. अहमद ने बैठक के दौरान जिला प्रशासन द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा और हौसला अफजाई की। उन्होंने कहा कि “हरिद्वार प्रशासन ने कई स्तरों पर सराहनीय कार्य किए हैं, जिन्हें और बेहतर बनाते हुए पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल तैयार किया जा सकता है।”

इस अवसर पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि
“मा. विशेषज्ञ सदस्य द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों पर पूरी गंभीरता से अमल किया जाएगा। हरिद्वार की पहचान और गंगा की पवित्रता को बनाए रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने भी कहा कि विभागीय स्तर पर हरित विकास और अपशिष्ट प्रबंधन को प्राथमिकता दी जा रही है तथा एनजीटी के सुझावों को योजनाओं में सम्मिलित किया जाएगा।

👥 बैठक में उपस्थित अधिकारी

समीक्षा बैठक में मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम नंदन कुमार, डीएफओ स्वप्निल, एचआरडीए सचिव मनीष सिंह, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राजेंद्र सिंह कठैत, नगर स्वास्थ्य अधिकारी गंभीर तालियान, रमनकांत त्यागी समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

✍️हरिद्वार जैसे आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व वाले नगर में गंगा की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण केवल प्रशासन की नहीं बल्कि आमजन की भी जिम्मेदारी है। डॉ. अफरोज अहमद द्वारा दिए गए निर्देशों ने प्रशासन को जहां नई कार्ययोजना बनाने की दिशा दिखाई है, वहीं हरिद्वार को आने वाले समय में “ग्रीन और क्लीन सिटी” बनाने की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है।

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