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सरकारी जमीनों से अतिक्रमण पर कार्रवाई से हड़कंप,, दीप गंगा अपार्टमेंट परिसर में बुलडोज़र चलने के बाद, मंदिर को शिफ्ट करने को कहा,, कार्रवाई के बाद, अब विरोध तेज गरमाई सियासत – कांग्रेस और स्थानीय लोग भड़के, स्थानीय विधायक ने जताया अफसोस

इन्तजार रजा हरिद्वार- सरकारी जमीनों से अतिक्रमण पर कार्रवाई से हड़कंप,,

दीप गंगा अपार्टमेंट परिसर में बुलडोज़र चलने के बाद, मंदिर को शिफ्ट करने को कहा,,

कार्रवाई के बाद, अब विरोध तेज गरमाई सियासत – कांग्रेस और स्थानीय लोग भड़के, स्थानीय विधायक ने जताया अफसोस

हरिद्वार। जिला प्रशासन ने सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने को लेकर एक और बड़ी कार्रवाई अंजाम दी। दीप गंगा अपार्टमेंट परिसर और सिडकुल क्षेत्र में मंगलवार को प्रशासन और सिडकुल प्रबंधन विभाग की टीम ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में बुलडोज़र चलाकर अतिक्रमण ध्वस्त कर दिए। इस कार्रवाई से जहां कब्जाधारियों में हड़कंप मच गया, वहीं कार्रवाई पूरी होने के बाद स्थानीय निवासियों और कांग्रेस नेताओं में भारी नाराजगी देखने को मिली।

डीएम मयूर दीक्षित ने जिले भर के लिए पहले ही अल्टीमेटम जारी कर दिया है कि – “शहर से लेकर देहात तक किसी भी कीमत पर अवैध कब्जा नहीं बचेगा। सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा।” इसी सख्ती के तहत ग्रीन बेल्ट पर बने पक्के निर्माण ढहा दिए गए और परिसर में बने मंदिर को जल्द ही दूसरी जगह शिफ्ट करने के आदेश दिए गए।

कार्रवाई पूरी, अब विरोध तेज

कार्रवाई खत्म होने के कुछ घंटे बाद ही विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन ने बिना संवाद के बुलडोज़र चला दिया। सबसे बड़ी नाराजगी बच्चों के खेल के मैदान और मंदिर को लेकर है।

कांग्रेसी नेता महेश प्रताप राणा ने प्रशासन की कार्रवाई को तानाशाही बताते हुए कहा –

“भाजपा सरकार मंदिर तक तोड़ने पर उतारू है। बच्चों का खेल का मैदान उजाड़ दिया गया। जब तक यह स्टेडियम पहले जैसा नहीं बनाया जाता, हम चैन से नहीं बैठेंगे। हरिद्वार से देहरादून तक इस लड़ाई को लड़ेंगे और जनता की आवाज बनकर सामने आएंगे।”

बालेंद्र चौधरी, एक अन्य कांग्रेसी नेता ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा –

“यहां के बच्चों की भावनाओं से खिलवाड़ हुआ है। खेल की जगह खत्म कर दी गई है। प्रशासन को पहले जनता की राय लेनी चाहिए थी। इस कार्रवाई ने जनता को आहत किया है।”

स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन एक तरफ तो विकास की बात करता है, वहीं दूसरी ओर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।

विधायक आदेश चौहान ने कहा कि

विरोध की खबर पाकर रानीपुर विधानसभा के विधायक आदेश चौहान भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इतनी बड़ी कार्रवाई से पहले संवाद करना चाहिए था। चौहान ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए कहा –
“मैंने अधिकारियों से बात शुरू कर दी है। जल्द ही समाधान निकलेगा। किसी को भी हताश होने की जरूरत नहीं है। सरकार की मंशा विकास की है और अंतिम छोर तक बैठे व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचाना ही लक्ष्य है। जनता की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा।”

स्थानीय निवासियों और बच्चों की पीड़ा

कार्रवाई पूरी होने के बाद गुस्से और मायूसी से भरे स्थानीय निवासियों ने अपनी नाराजगी खुले तौर पर जाहिर की।

  • स्थानीय महिला निवासी“मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। इसे शिफ्ट करने का फैसला लोगों की भावनाओं के खिलाफ है। प्रशासन को कम से कम श्रद्धालुओं से चर्चा करनी चाहिए थी।”
  • खेल की बालिका खिलाड़ी“हम रोज यहां खेलते थे। अब मैदान उजाड़ दिया गया है। खेलने की जगह नहीं बची। हमें कहा जा रहा है कहीं और जाओ, लेकिन यहां जैसी जगह हमें कहां मिलेगी?”

लोगों का कहना है कि बुलडोज़र चलाकर मैदान और मंदिर हटाना केवल कब्जा हटाना नहीं है, बल्कि यह आम जनता की भावनाओं पर चोट है।

सिडकुल प्रबंधन प्रशासन और जिला प्रशासन का रुख बरकरार

भारी विरोध और राजनीतिक बयानबाजी के बावजूद प्रशासन का रुख पहले जैसा ही सख्त है। अधिकारियों का कहना है कि सरकारी जमीनों पर किसी भी तरह का कब्जा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। टीमों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं कि शहर और देहात के हर हिस्से में अतिक्रमण की पहचान कर कार्रवाई की जाए।

सूत्रों के मुताबिक, सिडकुल क्षेत्र ही नहीं बल्कि अन्य कॉलोनियों और औद्योगिक इलाकों में भी जल्द ही बुलडोज़र कार्रवाई देखने को मिलेगी

सियासत और जनता के बीच टकराव

दीप गंगा अपार्टमेंट परिसर की इस कार्रवाई ने हरिद्वार में सियासत को गरमा दिया है। एक ओर प्रशासन सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए बुलडोज़र चला रहा है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई जनता की आस्था और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है।

इस टकराव ने प्रशासनिक सख्ती और राजनीतिक विरोध के बीच सीधी भिड़ंत खड़ी कर दी है। अब देखना यह होगा कि सरकार जनता की नाराजगी को कम करने के लिए कोई संवेदनशील कदम उठाती है या फिर सख्ती का यही रुख जारी रहेगा।

हरिद्वार में सरकारी जमीनों पर कब्जों के खिलाफ चली इस बड़ी कार्रवाई ने प्रशासनिक स्तर पर सख्ती और राजनीतिक स्तर पर विवाद दोनों को जन्म दिया है। बुलडोज़र कार्रवाई के बाद जहां कब्जाधारियों में खौफ है, वहीं जनता और विपक्ष इसे तानाशाही करार देकर विरोध की राह पर है।

आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि हरिद्वार प्रशासन जनता की भावनाओं को संतुलित करते हुए समाधान निकालता है या फिर यह विवाद और भड़कता है।

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