सलेमपुर महदूद इंटर कॉलेज पहुंचे डीएम मयूर दीक्षित,, बच्चों संग बैठकर खाया मध्याह्न मिड डे मील भोजन, भोजन की गुणवत्ता परखी,, चारदीवारी व सुविधाओं के लिए दो लाख की स्वीकृति, शिक्षा व्यवस्था सुधार पर जोर,, अनुशासन और पारदर्शिता पर निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार- सलेमपुर महदूद इंटर कॉलेज पहुंचे डीएम मयूर दीक्षित,,
बच्चों संग बैठकर खाया मध्याह्न मिड डे मील भोजन, भोजन की गुणवत्ता परखी,,
चारदीवारी व सुविधाओं के लिए दो लाख की स्वीकृति, शिक्षा व्यवस्था सुधार पर जोर,,
अनुशासन और पारदर्शिता पर निर्देश
हरिद्वार, 11 सितंबर 2025।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने आज राजकीय इंटर कॉलेज सलेमपुर महदूद का औचक निरीक्षण कर शिक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने न केवल कक्षाओं और शिक्षकों से बातचीत की बल्कि बच्चों के बीच बैठकर मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) भी खाया और उसकी गुणवत्ता की गहन जांच की। जिलाधिकारी ने शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रों की सुरक्षा और सुविधाओं पर विशेष जोर देते हुए कई अहम निर्देश दिए तथा कॉलेज की चारदीवारी निर्माण के लिए दो लाख रुपये स्वीकृत किए।
औचक निरीक्षण में शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने प्रधानाचार्य और शिक्षकों से कॉलेज की शैक्षिक गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सबसे जरूरी है, इसलिए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने कुछ छात्राओं से पाठ्यक्रम से जुड़े सवाल पूछकर उनकी पढ़ाई का स्तर परखा और उन्हें मेहनत और लगन से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “कड़ी मेहनत और परिश्रम से ही जीवन में लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों को ही अपनी जिम्मेदारी पूरी लगन से निभानी होगी।”
बच्चों के संग बैठकर खाया मिड-डे मील
जिलाधिकारी ने छात्रों के बीच बैठकर मिड-डे मील खाया और उसके स्वाद व गुणवत्ता को परखा। उन्होंने छात्रों से भोजन के स्वाद और मेन्यू के बारे में पूछा।
उन्होंने प्रधानाचार्य और भोजन माताओं को निर्देश दिए कि बच्चों को हमेशा तय मेन्यू के अनुसार ही भोजन उपलब्ध कराया जाए। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए और भोजन की गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि “बच्चों को अच्छा भोजन मिलना उनका अधिकार है। यदि भोजन अच्छा होगा तो बच्चे स्वस्थ रहेंगे और पढ़ाई पर बेहतर ध्यान दे पाएंगे।”
सुरक्षा और सुविधाओं पर जोर
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि कॉलेज में चारदीवारी की आवश्यकता है ताकि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने तत्काल दो लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत करते हुए प्रधानाचार्य को निर्माण कार्य जल्द शुरू करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा, उन्होंने कक्षाओं की मरम्मत, फर्नीचर की कमी और शौचालयों की साफ-सफाई की स्थिति की भी समीक्षा की। जिलाधिकारी ने साफ कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिलना चाहिए। उन्होंने शौचालयों की मरम्मत और पानी की टंकियों की सफाई कराने के भी निर्देश दिए ताकि छात्रों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके।
अनुशासन और पारदर्शिता पर निर्देश
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने यह भी पाया कि कुछ कक्षाओं के बाहर नामपट्टिकाएं (क्लास पट्टियां) नहीं लगी हैं। इस पर उन्होंने प्रधानाचार्य को तुरंत सभी कक्षाओं में पट्टिकाएं लगाने का आदेश दिया।
उन्होंने कहा कि कॉलेज में अनुशासन और पारदर्शिता बनी रहनी चाहिए। छात्रों को यह जानकारी स्पष्ट होनी चाहिए कि वे किस विषय की कक्षा में हैं और कौन-सा शिक्षक उन्हें पढ़ा रहा है।
911 छात्र-छात्राओं का भविष्य संवारने का संकल्प
प्रधानाचार्य सुरेश चंद्र द्विवेदी ने जिलाधिकारी को जानकारी दी कि वर्तमान में कॉलेज में कुल 911 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इनमें 398 छात्र और 513 छात्राएं शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने इस बड़ी संख्या को देखते हुए शिक्षकों को निर्देशित किया कि सभी छात्रों पर बराबर ध्यान दिया जाए। खासकर छात्राओं की शिक्षा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा जीवन को दिशा देने का सबसे मजबूत माध्यम है। उन्होंने छात्रों से मेहनत, ईमानदारी और अनुशासन को जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि “आज की मेहनत ही कल की सफलता है। आप सभी छात्र-छात्राएं देश का भविष्य हैं, इसलिए पढ़ाई को लेकर कभी लापरवाही न बरतें।”
सामूहिक उपस्थिति और संवाद
निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष भंडारी, प्रभारी जिला सूचना अधिकारी रती लाल शाह, प्रधान प्रतिनिधि पप्पू सिंह पाटिल, कॉलेज के शिक्षक-शिक्षिकाएं, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
जिलाधिकारी ने सभी से खुलकर संवाद किया और यह सुनिश्चित करने पर बल दिया कि कॉलेज की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से हो।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित:
“हमारी पहली प्राथमिकता यह है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित वातावरण मिले। सलेमपुर महदूद इंटर कॉलेज में सुविधाओं को दुरुस्त किया जाएगा और मिड-डे मील की गुणवत्ता में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।”
प्रधानाचार्य सुरेश चंद्र द्विवेदी:
“माननीय जिलाधिकारी महोदय के निरीक्षण से हमें भी कई सुधारों की दिशा मिली है। कॉलेज में 911 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं और हम सभी उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए पूरी मेहनत करेंगे।”
छात्रा (कक्षा 11वीं):
“आज जिलाधिकारी सर हमारे बीच बैठकर खाना खा रहे थे, यह हमारे लिए गर्व की बात है। इससे हमें भी प्रेरणा मिली कि मेहनत से पढ़ाई करें और आगे बढ़ें।”