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राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में ‘HBOT’ सुविधा का शुभारंभ,, धन सिंह रावत ने किया उद्घाटन – राज्य के मरीजों को मिलेगी उन्नत चिकित्सा सुविधा,, नर्सेस संघ ने उठाई प्रमोशन व भत्तों की समस्या, मंत्री ने दिया सकारात्मक आश्वासन

इन्तजार रजा हरिद्वार- राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में ‘HBOT’ सुविधा का शुभारंभ,,

धन सिंह रावत ने किया उद्घाटन – राज्य के मरीजों को मिलेगी उन्नत चिकित्सा सुविधा,,

नर्सेस संघ ने उठाई प्रमोशन व भत्तों की समस्या, मंत्री ने दिया सकारात्मक आश्वासन

देहरादून/रुड़की।
उत्तराखण्ड की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राजकीय दून मेडिकल कॉलेज एवं संबद्ध अस्पताल में हाइपरबॉलिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) यूनिट का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अत्याधुनिक सुविधा की शुरुआत से राज्य के मरीजों को अब अत्याधुनिक व विशेष चिकित्सा उपचार घर के पास ही उपलब्ध हो सकेगा।

मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इस तरह की तकनीक का स्थापित होना उत्तराखण्ड के लिए गर्व की बात है। “अब गंभीर रूप से घायल मरीजों, जलन या संक्रमण से पीड़ित रोगियों, तथा विशेष परिस्थितियों में ऑक्सीजन की अतिरिक्त जरूरत वाले मरीजों को देहरादून से बाहर बड़े शहरों में जाने की जरूरत नहीं होगी। इस सुविधा से आम जनता को ही नहीं, स्वास्थ्य क्षेत्र को भी नई दिशा मिलेगी,” उन्होंने कहा।

HBOT क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है

हाइपरबॉलिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की एक ऐसी पद्धति है, जिसमें रोगी को एक विशेष कक्ष (चैम्बर) में रखकर उच्च दाब (हाई प्रेशर) में शुद्ध ऑक्सीजन दी जाती है। यह उपचार उन मरीजों के लिए अत्यंत प्रभावी है, जिन्हें शरीर में ऑक्सीजन की कमी के कारण घाव भरने, संक्रमण या अन्य गंभीर समस्याएं होती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस थेरेपी से मरीजों की रिकवरी तेज होती है, खासकर डायबिटिक फुट, क्रॉनिक वूंड्स, गैस एम्बोलिज़्म, रेडिएशन इंजरी जैसी स्थितियों में यह काफी कारगर है। उत्तराखण्ड में पहली बार इतनी आधुनिक तकनीक सरकारी अस्पताल में उपलब्ध हुई है, जिससे गरीब और मध्यम वर्गीय मरीजों को भी इसका लाभ मिलेगा।

नर्सेस संघ ने रखी अपनी समस्याएं

उद्घाटन कार्यक्रम के तुरंत बाद, चिकित्सा शिक्षा नर्सेस संघ का एक प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संघ की अध्यक्षा श्रीमती नीलम अवस्थी और सचिव रवि परमार ने किया।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को एक ज्ञापन सौंपते हुए नर्सिंग संवर्ग की दो प्रमुख समस्याओं को विस्तार से रखा –

  1. वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारियों के लंबित प्रमोशन:
    संघ ने बताया कि लंबे समय से वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारियों के प्रमोशन नहीं हो रहे हैं। इस कारण उनमें निराशा और असंतोष की स्थिति पैदा हो रही है।
  2. नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों के लंबित भत्ते:
    नर्सेस संघ ने बताया कि नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को वेतन के साथ मिलने वाले भत्ते अब तक नहीं दिए गए हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

अध्यक्षा नीलम अवस्थी ने स्पष्ट कहा, “इन समस्याओं का लंबे समय तक समाधान न होने से नर्सिंग स्टाफ का मनोबल गिर रहा है। हमने मंत्री जी से निवेदन किया है कि वे इन दोनों मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान दें और त्वरित समाधान सुनिश्चित कराएं।”

मंत्री ने दिया त्वरित समाधान का आश्वासन

मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने नर्सेस संघ की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और दोनों मामलों पर जल्द से जल्द सकारात्मक एवं न्यायसंगत कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि वे प्रमोशन व भत्तों के मामले को प्राथमिकता पर लें, ताकि नर्सिंग स्टाफ की समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके।

मंत्री ने कहा, “नर्सिंग स्टाफ हमारे स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ है। उनकी समस्याओं को गंभीरता से हल करना सरकार की प्राथमिकता है। जल्द ही प्रमोशन और भत्तों की फाइलें निपटाई जाएंगी।”

नर्सिंग समुदाय में उम्मीद की नई किरण

मंत्री के इस सकारात्मक रुख से नर्सिंग समुदाय में उम्मीद की नई किरण जगी है। नर्सेस संघ की अध्यक्षा नीलम अवस्थी ने कहा कि मंत्री से मुलाकात बेहद सकारात्मक रही और अब उन्हें विश्वास है कि जल्द ही उनकी समस्याएं हल होंगी।

संघ के सचिव रवि परमार ने भी कहा कि “हमारा उद्देश्य सरकार और प्रशासन के साथ मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना है। जब नर्सिंग स्टाफ की समस्याएं दूर होंगी तो उनका मनोबल बढ़ेगा और मरीजों को भी बेहतर सेवा मिल सकेगी।”

राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में HBOT जैसी अत्याधुनिक सुविधा की शुरुआत और नर्सेस संघ की समस्याओं के समाधान के आश्वासन – दोनों ही घटनाएं उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक बड़ा संकेत हैं। एक ओर यह राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को तकनीकी रूप से उन्नत बना रहा है, तो दूसरी ओर नर्सिंग स्टाफ जैसी अहम इकाई की समस्याओं को प्राथमिकता पर हल करने का संकेत भी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जहां एक ओर आधुनिक तकनीक और उपकरण जरूरी हैं, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है।

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज एवं संबद्ध अस्पताल में HBOT सुविधा का उद्घाटन स्वास्थ्य सेवाओं में नई इबारत लिखने जैसा है। साथ ही नर्सेस संघ की समस्याओं को लेकर स्वास्थ्य मंत्री का सकारात्मक रुख इस बात का प्रमाण है कि सरकार न केवल नई तकनीक ला रही है, बल्कि स्वास्थ्यकर्मियों की समस्याओं पर भी सजग है।
इन दोनों घटनाओं से यह उम्मीद बंधी है कि आने वाले समय में उत्तराखण्ड की जनता को और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और नर्सिंग समुदाय भी उत्साह के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकेगा।

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