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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार में “न्याय प्रेरणा – शिक्षक गुरु शक्ति” अभियान के अंतर्गत भव्य कार्यक्रम,, गुरुजनों को प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित, शिक्षा व न्याय को बच्चों के विकास का अनिवार्य आधार बताया,, बाल न्याय क्लब व लीगल एड क्लिनिक के विस्तार पर जोर, अधिक से अधिक विद्यालयों को जोड़ने का आह्वान,, बाल न्याय क्लब व लीगल एड क्लिनिक की पहल – सचिव DLSA सिमरनजीत कौर ने साझा की जानकारी

इन्तजार रजा हरिद्वार- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार में “न्याय प्रेरणा – शिक्षक गुरु शक्ति” अभियान के अंतर्गत भव्य कार्यक्रम,,

गुरुजनों को प्रमाण पत्र देकर किया सम्मानित, शिक्षा व न्याय को बच्चों के विकास का अनिवार्य आधार बताया,,

बाल न्याय क्लब व लीगल एड क्लिनिक के विस्तार पर जोर, अधिक से अधिक विद्यालयों को जोड़ने का आह्वान,,

बाल न्याय क्लब व लीगल एड क्लिनिक की पहल – सचिव DLSA सिमरनजीत कौर ने साझा की जानकारी

हरिद्वार, 25 सितम्बर 2025।
उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के निर्देशानुसार तथा जनपद न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार माननीय श्री नरेंद्र दत्त की अध्यक्षता में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सभागार में एक प्रेरक व भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन “न्याय प्रेरणा – शिक्षक गुरु शक्ति, न्याय शक्ति, ज्ञान से न्याय की ओर” अभियान के अंतर्गत रखा गया था, जिसका उद्देश्य समाज में शिक्षक की भूमिका और बच्चों को न्याय संबंधी जानकारी व अधिकारों के प्रति जागरूक करना है।

गुरुजनों को मिला सम्मान, समाज में शिक्षक की भूमिका पर बल

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय जिला जज श्री नरेंद्र दत्त रहे। उन्होंने स्कूल, कॉलेज, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय और विभिन्न विभागों से आए सभी गणमान्य व्यक्तियों एवं शिक्षकगण को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि “गुरु के बिना इस जीवन में ज्ञान प्राप्त करना एक कठिन कार्य है। समाज में शिक्षा और न्याय दोनों ही बच्चों के संपूर्ण विकास के महत्वपूर्ण अधिकार हैं, जिन्हें हमारे शिक्षकगण ही फलीभूत करते हैं।”

जिला जज ने यह भी उल्लेख किया कि शिक्षक समाज की बुनियाद होते हैं, और न्याय से जुड़े बुनियादी अधिकारों की जानकारी बच्चों तक पहुँचाना समय की जरूरत है। ऐसे में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का यह अभियान न केवल बच्चों के कानूनी अधिकारों को स्पष्ट करता है, बल्कि शिक्षकों को भी इस दिशा में प्रेरित करता है।

बाल न्याय क्लब व लीगल एड क्लिनिक की पहल – सचिव DLSA सिमरनजीत कौर ने साझा की जानकारी

कार्यक्रम के अंत में सचिव श्रीमती सिमरनजीत कौर ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार के अंतर्गत विद्यालयों में स्थापित किए जा रहे बाल न्याय क्लब और महाविद्यालयों में संचालित लीगल एड क्लिनिक के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की।
उन्होंने कहा कि इन बाल न्याय क्लबों के माध्यम से बच्चों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों, न्याय व्यवस्था और कानूनी सहायता की जानकारी स्कूल स्तर पर ही दी जाएगी। इससे न केवल बच्चों की जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि समाज में न्याय के प्रति सही दृष्टिकोण विकसित होगा।
श्रीमती कौर ने अधिक से अधिक विद्यालयों में इन क्लबों को स्थापित करने का आह्वान किया और शिक्षकों को इस पहल में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम का प्रभाव और भविष्य की दिशा

इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण केवल कानूनी सहायता देने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के भावी नागरिकों को भी न्याय की बारीकियों से परिचित कराने में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
शिक्षकों को सम्मानित करने के साथ ही यह संदेश भी दिया गया कि “शिक्षक – गुरु शक्ति” और “न्याय शक्ति” मिलकर ही बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बाल न्याय क्लब और लीगल एड क्लिनिक की यह पहल स्कूलों और कॉलेजों में न्याय व कानून को एक बुनियादी विषय के रूप में प्रस्तुत करेगी, जिससे विद्यार्थी न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे, बल्कि समाज में न्यायप्रिय और जिम्मेदार नागरिक बनेंगे।

कार्यक्रम संचालन व धन्यवाद ज्ञापन

इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन रमन कुमार सैनी (एडवोकेट, डिप्टी एल०ए०डी०सी०) ने किया। उनकी प्रभावी प्रस्तुति ने कार्यक्रम को और अधिक सुचारू व आकर्षक बनाया।
अंत में सचिव श्रीमती सिमरनजीत कौर ने सभी आमंत्रित अतिथियों, शिक्षकों और गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हमेशा समाज के कमजोर वर्गों को न्याय और सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, और इस अभियान के जरिए यह प्रयास किया जा रहा है कि समाज के हर वर्ग तक न्याय की जानकारी पहुँच सके।

समाज के लिए संदेश

कार्यक्रम के दौरान कई वक्ताओं ने यह साझा किया कि गुरुजनों की भूमिका केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों को अच्छे नागरिक और न्यायप्रिय समाज की दिशा में प्रेरित करने में भी अहम है।
“न्याय प्रेरणा” अभियान ने यह संदेश भी दिया कि न्याय और शिक्षा – दोनों ही बच्चे के समग्र विकास के अनिवार्य स्तंभ हैं।

इस प्रकार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरिद्वार का यह आयोजन न केवल शिक्षक सम्मान का प्रतीक बना, बल्कि न्याय और शिक्षा को जोड़कर एक नई पहल के रूप में सामने आया। आने वाले समय में बाल न्याय क्लब और लीगल एड क्लिनिक जैसे प्रयास निश्चित ही न्याय के प्रति बच्चों और समाज की सोच में सकारात्मक बदलाव लाएंगे।

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