31 अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त होंगी सड़कें,, हरिद्वार पहुंचे लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने किया निरीक्षण,, अधिकारियों को सख्त निर्देश — जनता की सुविधा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं

इन्तजार रजा हरिद्वार 🟥 31 अक्टूबर तक गड्ढा मुक्त होंगी सड़कें,,
🟥 हरिद्वार पहुंचे लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने किया निरीक्षण,,
🟥 अधिकारियों को सख्त निर्देश — जनता की सुविधा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
हरिद्वार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पूरे उत्तराखंड में चल रहे गड्ढा मुक्त सड़क अभियान को लेकर लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे शनिवार को हरिद्वार पहुंचे। इस दौरान उन्होंने हरिद्वार, लक्सर और रुड़की क्षेत्र की कई प्रमुख सड़कों का स्थलीय निरीक्षण किया। सचिव ने मौके पर चल रहे मरम्मत और निर्माण कार्यों का बारीकी से जायजा लिया और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी सड़कों को 31 अक्टूबर तक हर हाल में गड्ढा मुक्त किया जाए। सचिव पंकज पांडे ने कहा कि सड़कें आमजन की सुविधा, सुरक्षा और विकास की रीढ़ हैं। अगर सड़कों की स्थिति बेहतर नहीं होगी तो यातायात व्यवस्था और जनजीवन दोनों प्रभावित होंगे। उन्होंने अधिकारियों से सख्त लहजे में कहा कि सड़क निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
निरीक्षण के दौरान सचिव ने लक्सर मार्ग, बहादराबाद-बुग्गावाला रोड, आईआईटी रुड़की के पास के क्षेत्र और ज्वालापुर-शिवमूर्ति रोड का निरीक्षण किया। उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत कर सड़क मरम्मत और गड्ढों से हो रही परेशानियों की जानकारी ली। लोगों ने बताया कि बरसात के बाद सड़कों की हालत खराब हो गई है, जिससे आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस पर सचिव ने मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी क्षतिग्रस्त मार्गों की शीघ्र मरम्मत शुरू कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
🔹 “जनता को परेशानी न हो, यही प्राथमिकता”
सचिव पंकज पांडे ने अधिकारियों से कहा कि सड़कें केवल विकास का प्रतीक नहीं हैं बल्कि ये आम जनता की दैनिक जरूरत का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, “जनता को असुविधा न हो, यह हमारी प्राथमिकता है। जिन क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन बिछाने का कार्य हुआ है, वहां की सड़कों को तत्काल दुरुस्त किया जाए। कई स्थानों पर खुदाई के बाद मरम्मत का कार्य अधूरा है, जिसे जल्द पूरा किया जाना आवश्यक है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि जहां-जहां पाइपलाइन बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है, वहां की सड़कें तुरंत दुरुस्त की जाएं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और ठेकेदारों से भी समन्वय स्थापित करने को कहा ताकि किसी प्रकार की देरी या बाधा न उत्पन्न हो।
🔹 “गुणवत्ता से समझौता नहीं, कार्रवाई तय”
निरीक्षण के दौरान सचिव ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 31 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश की सड़कें गड्ढा मुक्त हों। इसके लिए जिलावार मॉनिटरिंग टीमों को सक्रिय किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि जिन अधिकारियों की लापरवाही या ढिलाई के कारण समयसीमा में कार्य पूरे नहीं होंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई तय है।
सचिव ने कहा, “मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ निर्देश दिए हैं कि गड्ढा मुक्त अभियान केवल दिखावे का नहीं बल्कि मैदान पर परिणाम देने वाला अभियान होना चाहिए। हर सड़क, हर गांव तक यह सुविधा पहुंचे — यही सरकार की मंशा है।”
🔹 सचिव ने लिया फीडबैक, मौके पर दी चेतावनी
निरीक्षण के दौरान सचिव ने स्थानीय लोगों से भी सीधा फीडबैक लिया। कई ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य मार्गों के साथ-साथ लिंक रोड और गांव की गलियां भी मरम्मत की मांग कर रही हैं। इस पर पंकज पांडे ने मौके पर ही अधिशासी अभियंताओं को निर्देश दिए कि केवल मुख्य मार्ग ही नहीं, बल्कि सभी संपर्क मार्गों को भी गड्ढा मुक्त करने की कार्ययोजना में शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा कि मौसम अब निर्माण के अनुकूल है, इसलिए किसी भी बहानेबाज़ी या देरी को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने टीमों को 24 घंटे के भीतर प्राथमिक सड़कों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने और जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि जनता की शिकायतों का तुरंत निस्तारण हो सके।
🔹 जनता की भागीदारी भी आवश्यक
सचिव ने स्थानीय नागरिकों से भी अपील की कि सड़क मरम्मत या निर्माण कार्यों के दौरान यदि किसी तरह की गड़बड़ी, घटिया सामग्री या अनियमितता दिखाई दे तो उसकी सूचना तत्काल विभाग को दें। उन्होंने कहा, “जनता की भागीदारी के बिना यह अभियान सफल नहीं हो सकता। सभी जिलों में हेल्पलाइन नंबर जारी किए जा रहे हैं, ताकि लोग सीधे अपनी शिकायत दर्ज करा सकें।”
🔹 विभागीय टीमों को मिले कड़े निर्देश
निरीक्षण के बाद सचिव पंकज पांडे ने पीडब्ल्यूडी, ग्रामीण निर्माण विभाग और जल निगम के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण और मरम्मत कार्यों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और गति — ये तीनों बातें सबसे अहम हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि मरम्मत कार्यों में प्रयोग हो रही सामग्री का सैंपल टेस्टिंग नियमित रूप से कराई जाए और रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाए।
उन्होंने कहा कि गड्ढा मुक्त अभियान केवल एक सरकारी योजना नहीं बल्कि जनहित से जुड़ा संकल्प है। “मुख्यमंत्री जी का स्पष्ट आदेश है कि सड़कों की स्थिति सुधारने में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सीधी जवाबदेही तय की जाएगी,” उन्होंने कहा।
पंकज पांडे, सचिव लोक निर्माण विभाग
“मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर प्रदेशभर में गड्ढा मुक्त सड़क अभियान तेजी से चल रहा है। हमारा लक्ष्य है कि 31 अक्टूबर तक उत्तराखंड की सभी सड़कें गड्ढा मुक्त हो जाएं। सड़कें जनता की सुविधा और सुरक्षा से जुड़ी हैं, इसलिए किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। जहां जल जीवन मिशन के तहत सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनकी मरम्मत का कार्य भी प्राथमिकता से कराया जा रहा है।”