बैंक में जमा राशि पर जागरूकता का विशेष अभियान,, 16 अक्टूबर को सिडकुल में होगा DEAF शिविर, जिलाधिकारी करेंगे अध्यक्षता,, “आपकी पूंजी आपका अधिकार” – बैंकों के दावारहित खातों की जानकारी और भुगतान मौके पर
जनता की पूंजी को उनके अधिकार तक पहुँचाने के उद्देश्य से हरिद्वार प्रशासन और बैंकों की ओर से एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम) दिनेश गुप्ता ने बताया कि वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के निर्देश पर डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) के अंतर्गत एक विशेष शिविर का आयोजन 16 अक्टूबर 2025 (बुधवार) को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक होटल गार्डन व्यू, सिडकुल, हरिद्वार में किया जाएगा

इन्तजार रजा हरिद्वार- बैंक में जमा राशि पर जागरूकता का विशेष अभियान,,
16 अक्टूबर को सिडकुल में होगा DEAF शिविर, जिलाधिकारी करेंगे अध्यक्षता,,
“आपकी पूंजी आपका अधिकार” – बैंकों के दावारहित खातों की जानकारी और भुगतान मौके पर
हरिद्वार, 13 अक्टूबर 2025।
जनता की पूंजी को उनके अधिकार तक पहुँचाने के उद्देश्य से हरिद्वार प्रशासन और बैंकों की ओर से एक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम) दिनेश गुप्ता ने बताया कि वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के निर्देश पर डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) के अंतर्गत एक विशेष शिविर का आयोजन 16 अक्टूबर 2025 (बुधवार) को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक होटल गार्डन व्यू, सिडकुल, हरिद्वार में किया जाएगा। इस शिविर का उद्देश्य उन खाताधारकों को जागरूक करना है जिनकी जमा राशि 10 वर्ष या उससे अधिक समय से दावा नहीं की गई है। डीएफएस द्वारा संचालित यह अभियान देशभर में “आपकी पूंजी आपका अधिकार” के संदेश के साथ चलाया जा रहा है ताकि खाताधारकों को उनकी निष्क्रिय या सुप्त राशि के बारे में जानकारी मिले और उन्हें उनका वैध हक मिल सके।
शिविर में शामिल होंगे बैंक, बीमा कंपनियां और वित्तीय संस्थान
अग्रणी जिला प्रबंधक ने बताया कि यह शिविर स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी (SLBC) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में डीएफएस, एसएलबीसी, हरिद्वार जिले के सभी बैंक, बीमा कंपनियां, सेबी (SEBI), म्यूचुअल फंड, पीएफआरडीए (PFRDA) और अन्य वित्तीय संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। शिविर की अध्यक्षता जिलाधिकारी मयूर दीक्षित करेंगे।
जिलाधिकारी की उपस्थिति में इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में खाताधारकों को जागरूक करने के साथ-साथ उनकी समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा। सभी बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर उपस्थित रहेंगे ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति अपनी दावारहित राशि का दावा तुरंत कर सके।
10 वर्ष से अधिक पुराने निष्क्रिय खातों पर होगी कार्यवाही
अक्सर देखा गया है कि बहुत से खाताधारकों की राशि वर्षों से बैंकों में पड़ी रह जाती है क्योंकि खाता संचालक की मृत्यु, पता परिवर्तन, या लापरवाही के कारण परिवार या नामित व्यक्ति को जानकारी नहीं होती। ऐसे खातों को “अनक्लेम्ड डिपॉजिट” कहा जाता है। भारत सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) की स्थापना की है। इस फंड में बैंकों की वे राशि जमा की जाती है जो 10 वर्ष या उससे अधिक समय तक निष्क्रिय रहती है। अब बैंक और प्रशासन की यह संयुक्त पहल है कि इन राशियों की जानकारी जनता तक पहुँचाई जाए और जिनके नाम यह धनराशि है, उन्हें उनका हक लौटाया जाए। शिविर के दौरान ऐसे खाताधारक या उनके परिजन जो अपने पुराने खातों या एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट), पीपीएफ, बीमा, या म्यूचुअल फंड से जुड़ी राशि का दावा करना चाहते हैं, वे आवश्यक दस्तावेजों के साथ शिविर में उपस्थित होकर सीधे अपने बैंक प्रतिनिधियों से संपर्क कर सकेंगे।
वित्तीय साक्षरता और समावेशन को बढ़ावा
इस शिविर का एक और प्रमुख उद्देश्य वित्तीय साक्षरता (Financial Literacy) को बढ़ावा देना है। एलडीएम दिनेश गुप्ता ने बताया कि आज भी कई लोग अपने पुराने खातों, बीमा योजनाओं या निवेशों की जानकारी परिवार के अन्य सदस्यों को नहीं देते, जिसके चलते मृत्यु या पता परिवर्तन की स्थिति में राशि दावा रह जाती है।उन्होंने कहा कि इस शिविर के माध्यम से न केवल दावारहित खातों के बारे में जानकारी दी जाएगी, बल्कि लोगों को यह भी सिखाया जाएगा कि अपने वित्तीय दस्तावेजों को कैसे सुरक्षित रखें और समय-समय पर अपडेट करते रहें।“यह पहल ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
— दिनेश गुप्ता, अग्रणी जिला प्रबंधक, हरिद्वार
जिलाधिकारी की अपील – “जनता जागरूक बने, अपनी पूंजी को पहचाने”
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस शिविर में अवश्य भाग लें। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग वर्षों से अपनी राशि का दावा नहीं कर पाते और बाद में वह फंड सरकारी खाते में ट्रांसफर हो जाता है। ऐसे में यह शिविर खाताधारकों को उनकी जमा पूंजी तक पहुँचाने का सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि “आपकी पूंजी आपका अधिकार है।” हर नागरिक को अपने बैंक खाते, निवेश और बीमा से संबंधित जानकारियों पर नजर रखनी चाहिए। उन्होंने सभी नागरिकों और खाताधारकों से यह भी अनुरोध किया कि वे इस अवसर का लाभ उठाएँ और जिनके परिजनों के नाम निष्क्रिय खाते हैं, वे भी आवश्यक कागजातों के साथ शिविर में शामिल हों।
शिविर की रूपरेखा और जनसहभागिता का आह्वान
यह विशेष शिविर न केवल एक वित्तीय जनजागरूकता कार्यक्रम है, बल्कि समाज में आर्थिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की भावना को मजबूत करने का माध्यम भी है।
कार्यक्रम में बैंक अधिकारियों द्वारा DEAF फंड की प्रक्रिया, दावा करने की विधि, आवश्यक दस्तावेज, और डिजिटल माध्यम से आवेदन की सुविधा के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
सभी नागरिकों को यह संदेश दिया जा रहा है कि –
👉 यदि आपका या आपके परिजन का कोई पुराना बैंक खाता, एफडी, बीमा या निवेश योजना है, तो उसकी स्थिति अवश्य जाँचें।
👉 यदि खाता लंबे समय से निष्क्रिय है, तो बैंक से संपर्क कर जानकारी प्राप्त करें।
👉 अपने दस्तावेज़ जैसे पासबुक, पहचान पत्र, और खाते से संबंधित पुराने प्रमाण साथ लेकर आएँ।
जागरूक नागरिक ही सशक्त समाज की नींव
हरिद्वार प्रशासन की यह पहल जनता के हित में एक सकारात्मक कदम है। वर्षों से बंद पड़े या भूले हुए खातों में पड़ी राशि को उसके असली मालिक तक पहुँचाना आर्थिक न्याय की दिशा में सराहनीय प्रयास है।
इस अवसर पर अग्रणी जिला प्रबंधक दिनेश गुप्ता ने कहा –“हम चाहते हैं कि जिले का हर व्यक्ति वित्तीय रूप से सशक्त बने। अपनी पूंजी को सुरक्षित रखें, समय-समय पर खाता सक्रिय रखें और बैंक से जुड़ी जानकारी अद्यतन करते रहें।”16 अक्टूबर को होटल गार्डन व्यू, सिडकुल, हरिद्वार में आयोजित इस विशेष शिविर में अधिक से अधिक लोग शामिल हों और अपने अधिकार की पूंजी को प्राप्त करें।
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