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धान की फसल का सटीक आंकलन शुरू,, डीएम मयूर दीक्षित की मौजूदगी में अत्मलपुर बौंगला में हुआ क्रॉप कटिंग डेमो,, किसानों की वास्तविक उपज और लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में प्रशासन की बड़ी पहल,, पूरे जनपद में हो धान की फसल का आंकलन

जनपद हरिद्वार में आज कृषि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की मौजूदगी में ब्लॉक बहादराबाद के ग्राम अत्मलपुर बौंगला में धान की फसल का सटीक आंकलन (क्रॉप कटिंग प्रयोग) कराया गया। इस मौके पर कृषि विभाग की टीम ने वैज्ञानिक पद्धति से खेतों में जाकर फसल की कटाई की और प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता का मूल्यांकन किया। यह क्रॉप कटिंग डेमोंस्ट्रेशन, हरिद्वार जनपद के विभिन्न ब्लॉकों में चल रहे एक बड़े अभियान का हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की वास्तविक उपज का डेटा एकत्र करना है ताकि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ समय पर और सटीक रूप से मिल सके।

इन्तजार रजा हरिद्वार- धान की फसल का सटीक आंकलन शुरू,,
डीएम मयूर दीक्षित की मौजूदगी में अत्मलपुर बौंगला में हुआ क्रॉप कटिंग डेमो,,
किसानों की वास्तविक उपज और लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में प्रशासन की बड़ी पहल,,

पूरे जनपद में हो धान की फसल का आंकलन

हरिद्वार, 16 अक्टूबर।
जनपद हरिद्वार में आज कृषि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की मौजूदगी में ब्लॉक बहादराबाद के ग्राम अत्मलपुर बौंगला में धान की फसल का सटीक आंकलन (क्रॉप कटिंग प्रयोग) कराया गया। इस मौके पर कृषि विभाग की टीम ने वैज्ञानिक पद्धति से खेतों में जाकर फसल की कटाई की और प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता का मूल्यांकन किया। यह क्रॉप कटिंग डेमोंस्ट्रेशन, हरिद्वार जनपद के विभिन्न ब्लॉकों में चल रहे एक बड़े अभियान का हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की वास्तविक उपज का डेटा एकत्र करना है ताकि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ समय पर और सटीक रूप से मिल सके।

डीएम मयूर दीक्षित ने किया धान की फसल निरीक्षण, दिए आवश्यक निर्देश

डीएम मयूर दीक्षित ने खेतों में जाकर क्रॉप कटिंग की प्रक्रिया का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इस पहल का मकसद सिर्फ आंकलन तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों की आय को स्थायी रूप से बढ़ाने और उनकी फसलों की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में ठोस कदम उठाना है।

“क्रॉप कटिंग का उद्देश्य यह देखना है कि किसी क्षेत्र में किस प्रकार की फसलें किस मात्रा में उत्पादन दे रही हैं। इस डाटा के आधार पर यह निर्धारित किया जाता है कि कृषि विभाग और राजस्व विभाग आगे क्या रणनीति अपनाएं जिससे किसान अधिक लाभ कमा सकें। इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और वैज्ञानिक पद्धति अनिवार्य है।”

“क्रॉप कटिंग से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि किस क्षेत्र की उत्पादकता कैसी है। यह डाटा हमारी कृषि नीतियों की नींव होता है। हमारा प्रयास है कि हर किसान की वास्तविक उपज का आंकलन सही तरीके से हो और उसे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिले।”

डीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर ब्लॉक में समान प्रक्रिया के तहत आंकलन सुनिश्चित किया जाए, ताकि पूरे जनपद से प्राप्त आंकड़े यथार्थ स्थिति को दर्शा सकें।

वैज्ञानिक प्रक्रिया से होगा सटीक उत्पादन मूल्यांकन

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि क्रॉप कटिंग के दौरान नियत क्षेत्रफल के भीतर से यादृच्छिक रूप से फसल के हिस्से काटे जाते हैं, उनका वजन किया जाता है, और प्राप्त औसत के आधार पर प्रति हेक्टेयर उत्पादन का अनुमान लगाया जाता है। यह डेटा फिर भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया जाता है, जहां से आगे की कृषि योजनाओं, अनुदानों और फसल बीमा योजनाओं की रणनीति तैयार की जाती है।

इस प्रक्रिया से यह भी पता चलता है कि किस क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ है—चाहे वह सिंचाई की कमी, अत्यधिक वर्षा, कीट संक्रमण या उर्वरक की समस्या के कारण हो। ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर विभाग भविष्य की कार्ययोजना बनाता है ताकि किसान की आय पर प्रतिकूल असर न पड़े।

किसानों की समस्याओं पर भी की गई चर्चा

क्रॉप कटिंग के दौरान किसानों से संवाद भी किया गया, जिसमें उन्होंने सिंचाई, कीटनाशक और फर्टिलाइजर की उपलब्धता से जुड़ी अपनी समस्याएं साझा कीं। डीएम मयूर दीक्षित ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों की इन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए स्थानीय स्तर पर समन्वय स्थापित किया जाए। डीएम ने कहा कि यह आंकलन केवल कागजी प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक मैदान-स्तर का अध्ययन है जो यह तय करेगा कि अगले सीजन में कौन सी फसलें किन क्षेत्रों में ज्यादा लाभदायक साबित हो सकती हैं।उन्होंने यह भी कहा कि “जहां फसलों को नुकसान होगा, वहां डेटा से स्पष्ट रूप से वह बात सामने आएगी। उसी के आधार पर मुआवजा और सहायता योजनाओं का लाभ किसानों को दिया जाएगा।”

पूरे जनपद में हो रहा आंकलन अभियान

डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि क्रॉप कटिंग प्रयोग सिर्फ बहादराबाद तक सीमित नहीं है, बल्कि लक्सर, खानपुर, भगवानपुर और रुड़की ब्लॉक में भी यह कार्य समानांतर रूप से किया जा रहा है। हर ब्लॉक में अधिकारियों की टीम गठित की गई है जो वैज्ञानिक मानकों के अनुसार यह प्रक्रिया पूरी करेगी। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जनपद के किसानों को अब अपनी उपज के संबंध में सटीक डेटा मिलेगा, जिससे उन्हें न केवल एमएसपी का लाभ मिलेगा बल्कि भविष्य में कृषि विभाग की योजनाओं से जुड़ना भी आसान होगा।

“क्रॉप कटिंग से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि किस क्षेत्र की उत्पादकता कैसी है। यह डाटा हमारी कृषि नीतियों की नींव होता है। हमारा प्रयास है कि हर किसान की वास्तविक उपज का आंकलन सही तरीके से हो और उसे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिले।”

नीरज चौहान, ग्राम प्रधान अत्मलपुर बौंगला ने कहा कि 

“डीएम साहब के आने से गांव के किसानों में उत्साह है। पहली बार ऐसा हुआ कि अधिकारियों ने खेत में उतरकर खुद आंकलन किया। अब हमें भरोसा है कि हमारी उपज का सही मूल्यांकन होगा और हमें उसका पूरा लाभ मिलेगा।”

कृषि विकास की नई दिशा की ओर कदम

हरिद्वार प्रशासन की यह पहल केवल एक आंकलन प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक कृषि क्रांति की नींव मानी जा रही है।

जहां एक ओर यह किसानों को उनकी वास्तविक उपज के प्रति जागरूक कर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रशासन को फील्ड लेवल डाटा प्रदान कर रही है जिससे भविष्य की रबी और खरीफ योजनाओं की दिशा तय होगी।इस सटीक डेटा संग्रह से यह सुनिश्चित होगा कि हर किसान तक सरकारी सहायता योजनाएं समय पर और सटीक रूप से पहुंचे, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो और प्रदेश कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े।

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