हरिद्वार डीएम का सख्त रुख: सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कतई बर्दाश्त नहीं,, तालाब-नालों पर कब्ज़े से जलभराव की समस्या, राजस्व कर्मियों को मिली सख्त चेतावनी,, अतिक्रमणमुक्त भूमि अब एसेट मैनेजमेंट पोर्टल पर होगी दर्ज, जिम्मेदारी तय करेंगे डीएम
सरकारी भूमि, तालाब और नालों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुरुवार को जिला कार्यालय सभागार में आयोजित राजस्व विभाग की महत्वपूर्ण बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी कि अतिक्रमण मुक्त कराने के कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी

इन्तजार रजा हरिद्वार 🚨 हरिद्वार डीएम का सख्त रुख: सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कतई बर्दाश्त नहीं,,
तालाब-नालों पर कब्ज़े से जलभराव की समस्या, राजस्व कर्मियों को मिली सख्त चेतावनी,,
अतिक्रमणमुक्त भूमि अब एसेट मैनेजमेंट पोर्टल पर होगी दर्ज, जिम्मेदारी तय करेंगे डीएम
हरिद्वार, 21 अगस्त 2025।
जनपद हरिद्वार में प्रशासन ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि सरकारी भूमि, तालाब और नालों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुरुवार को जिला कार्यालय सभागार में आयोजित राजस्व विभाग की महत्वपूर्ण बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी कि अतिक्रमण मुक्त कराने के कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई स्वीकार्य नहीं होगी।
डीएम ने दो टूक कहा कि – “जान पर खेलकर और बदनामी सहकर भी कई अधिकारी-कर्मचारी सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त करा रहे हैं। ऐसे कार्मिकों से सीख लेकर बाकी लोग भी अपने कार्य में तत्परता और ईमानदारी दिखाएँ।”
🌊 तालाब-नालों पर कब्ज़ा ही जलभराव का मुख्य कारण
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने बरसात में उत्पन्न जलभराव की समस्या का प्रमुख कारण बताते हुए कहा कि तालाबों, नालों और जलभराव स्थलों पर अवैध कब्ज़ा सबसे बड़ी चुनौती है। यदि इन पर समय रहते कार्रवाई न हो तो न केवल प्राकृतिक जलधारा बाधित होती है बल्कि शहरों और कस्बों में गंभीर जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रत्येक लेखपाल अपने क्षेत्र का नियमित भ्रमण करें और सरकारी भूमि, तालाबों व नालों पर हो रहे अतिक्रमण को तुरंत चिन्हित करें। चिन्हांकन के बाद नियमानुसार कार्रवाई करते हुए भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराना अनिवार्य है।
📲 एसेट मैनेजमेंट पोर्टल पर दर्ज होंगी भूमि
डीएम ने इस बैठक में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए यह निर्देश भी जारी किया कि अतिक्रमणमुक्त कराई गई हर भूमि को एसेट मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड किया जाए।
इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में दोबारा कोई कब्ज़ा न हो सके और प्रत्येक भूमि का अभिलेख सुरक्षित रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि यह डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम राजस्व विभाग के लिए बड़ी जिम्मेदारी है, इसलिए इसे प्राथमिकता में रखा जाए।
👀 अतिक्रमण पर पैनी नज़र और तुरंत कार्रवाई
डीएम मयूर दीक्षित ने राजस्व विभाग के सभी कार्मिकों को चेतावनी भरे अंदाज़ में कहा कि यदि कहीं भी अतिक्रमण होता है तो “तुरंत एक्शन लें और उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट करें।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि अतिक्रमणकारियों को संरक्षण देने या कार्रवाई से बचाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
🔎 कार्यों की समीक्षा और दिशा-निर्देश
बैठक के दौरान डीएम ने राजस्व कार्मिकों द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। भूमि विवाद निस्तारण, नामांतरण, खसरा-खतौनी अपडेट, सरकारी भूमि की सुरक्षा और अतिक्रमण हटाने से जुड़े मामलों पर चर्चा हुई।
डीएम ने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि –
- क्षेत्र में नियमित निगरानी रखी जाए।
- किसी भी स्तर पर मिली शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हो।
- तालाब, नालों और सरकारी भूमि को स्थानीय स्तर पर सुरक्षित किया जाए।
- अतिक्रमण मुक्त भूमि को चिन्हित कर उसका बोर्ड लगाया जाए ताकि जनता भी जागरूक हो।
🤝 प्रशासनिक टीम की मौजूदगी
इस महत्वपूर्ण बैठक में पूरे जनपद के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
- ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की दीपक रामचंद्र शेट
- एडीएम (वित्त एवं राजस्व) दीपेंद्र सिंह नेगी
- एडीएम (प्रशासन) पी.आर. चौहान
- एसडीएम हरिद्वार जितेंद्र कुमार
- एचआरडीए सचिव मनीष कुमार
- एसडीएम लक्सर सौरभ असवाल
- डिप्टी कलेक्टर देवेंद्र सिंह नेगी
- डिप्टी कलेक्टर/अपर मेलाधिकारी कुंभ दयानंद सरस्वती
इसके अलावा समस्त तहसील स्तर के राजस्व अधिकारी एवं कार्मिक बैठक में उपस्थित रहे।
✅ संदेश साफ – प्रशासन अब सख्त
बैठक से यह स्पष्ट हो गया है कि जिलाधिकारी का रुख बेहद सख्त है और वे किसी भी तरह के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेंगे। साथ ही, अतिक्रमण हटाने वाले ईमानदार अधिकारियों की सराहना कर उन्होंने यह संदेश दिया कि अच्छे कार्य करने वाले कर्मचारियों का मनोबल हर हाल में बढ़ाया जाएगा।
हरिद्वार प्रशासन की यह सख्ती आने वाले दिनों में जनपद की सरकारी भूमि को सुरक्षित करने और जलभराव जैसी समस्याओं से निजात दिलाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है।