Blog

HRDA की अवैध प्लाटिंग पर फिर कार्यवाही से हड़कंप, 3 अवैध कालोनियों पर फिर गरजा बुलडोजर

इन्तजार रजा हरिद्वार-HRDA की अवैध प्लाटिंग पर फिर कार्यवाही से हड़कंप, 3 अवैध कालोनियों पर फिर गरजा बुलडोजर,

हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) की टीम ने हाल ही में रूड़की क्षेत्र में तीन अवैध कॉलोनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। यह कार्रवाई उस समय की गई जब प्राधिकरण ने इन कॉलोनियों के निर्माण को अनधिकृत और अवैध घोषित किया। इस कार्यवाही ने कॉलोनाईजरों में खलबली मचा दी है, क्योंकि यह कार्रवाई प्रशासन की तरफ से एक कड़ा संदेश भेजने के रूप में देखी जा रही है। एचआरडीए के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह के निर्देशों पर प्राधिकरण की टीम लगातार इन अवैध कॉलोनियों पर नजर बनाए हुए थी और जो कॉलोनियाँ बिना किसी स्वीकृति के विकसित की जा रही थीं, उनके खिलाफ त्वरित कदम उठाए गए।

प्राधिकरण ने न केवल इन कॉलोनियों को चिन्हित किया, बल्कि संबंधित कॉलोनाईजरों को नोटिस भी जारी किए। नोटिस मिलने के बावजूद भी जब इन कॉलोनियों के विकास कार्य बंद नहीं किए गए, तो प्रशासन ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए निर्णायक कदम उठाए। इस कार्रवाई के बाद प्रशासन के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भविष्य में ऐसे अवैध निर्माणकर्ताओं को किसी भी तरह की सहुलत नहीं दी जाएगी।

यह कार्यवाही विशेष रूप से एचआरडीए के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह के निर्देशन में की गई। उनका मानना है कि अवैध कॉलोनियों के विकास से न केवल प्रशासन के नियमों की अवहेलना होती है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास की दिशा में भी रुकावट डालता है। इसी कारण से उन्होंने प्राधिकरण की टीम को ऐसी कॉलोनियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए थे। उपाध्यक्ष अंशुल सिंह के निर्देशन में, प्राधिकरण ने अवैध कॉलोनियों की पहचान की और उन पर लगातार नजर रखी। यह पूरी प्रक्रिया इस बात को सुनिश्चित करने के लिए की गई कि बिना किसी कानूनी अनुमति के कोई भी कॉलोनी न बने और किसी भी तरह की अवैध गतिविधि को बढ़ावा न मिले।

ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को संयुक्त मजिस्ट्रेट और संयुक्त सचिव रूड़की, आशीष मिश्रा के निर्देशन में किया गया। आशीष मिश्रा ने प्रशासन की ओर से इस कार्रवाई की निगरानी की और सुनिश्चित किया कि सभी नियमों का पालन किया जाए। उन्होंने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे अवैध निर्माणों का ध्वस्तीकरण ना केवल अव्यवस्था को खत्म करने के लिए है, बल्कि यह सार्वजनिक हित में भी है। उनके अनुसार, अवैध कॉलोनियों से भविष्य में कई समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे जल निकासी की समस्या, सड़क व्यवस्था की कमी, और सुरक्षा से संबंधित जोखिम।

इस कार्यवाही के तहत जिन तीन कॉलोनियों को ध्वस्त किया गया, वे निम्नलिखित हैं:

1. शेरपुर, रूड़की: यहां श्री अब्दुल कयूम द्वारा लगभग 5 बीघा भूमि पर अवैध निर्माण और विकास कार्य किया गया था। यह कॉलोनी पूरी तरह से बिना किसी प्रशासनिक स्वीकृति के बनाई जा रही थी, जिसके कारण इसे ध्वस्त कर दिया गया।

2. गंगोत्रीपुरम, शनिदेव मंदिर के पीछे, रूड़की: श्री कमल किशोर द्वारा लगभग 8 बीघा भूमि क्षेत्रफल पर किया गया अवैध निर्माण और विकास कार्य भी ध्वस्त किया गया। यह क्षेत्र भी प्राधिकरण की स्वीकृति के बिना ही विकसित किया जा रहा था।

3. गुलमोहर के पीछे मलकपुर लतीफपुर, रूड़की: इस क्षेत्र में श्री शादाब द्वारा लगभग 6 बीघा भूमि पर अवैध निर्माण किया गया था, जिसे भी प्रशासन ने ध्वस्त किया।

इन सभी अवैध कॉलोनियों में प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और इन कॉलोनियों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। कार्रवाई के दौरान, प्राधिकरण ने संबंधित निर्माणकर्ताओं को यह निर्देश भी दिए कि भविष्य में वे बिना स्वीकृति के कोई भी निर्माण कार्य न करें। इसके साथ ही प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी अवैध निर्माण ना हो, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

इस ध्वस्तीकरण की कार्यवाही को प्राधिकरण के अभियंताओं और अन्य कर्मचारियों की देखरेख में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। प्रशासन ने इस कदम को कानून की सर्वोच्चता को बनाए रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। अधिकारियों का मानना है कि ऐसे कदमों से अवैध निर्माणकर्ताओं में एक स्पष्ट संदेश जाएगा कि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस कार्यवाही से यह भी साफ हो गया कि एचआरडीए का मुख्य उद्देश्य केवल कानूनी कार्यवाही करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न फैले और विकास योजनाएँ कानून के अनुसार हो। प्रशासन की इस कार्रवाई से अब कॉलोनाईजरों को यह चेतावनी मिल चुकी है कि भविष्य में बिना स्वीकृति के कोई भी निर्माण कार्य करने का प्रयास किया गया तो उसे कठोर दंड का सामना करना पड़ेगा।

Related Articles

Back to top button
× Contact us