शिक्षा और संस्कृति के समन्वय की नई पहल: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया सरस्वती विद्या मंदिर में स्मार्ट क्लास और नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण

इन्तजार रजा हरिद्वार- शिक्षा और संस्कृति के समन्वय की नई पहल: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया सरस्वती विद्या मंदिर में स्मार्ट क्लास और नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में एक विशेष समारोह में नवनिर्मित भवन एवं अत्याधुनिक स्मार्ट क्लास रूम्स का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर उन्होंने प्रतिभावान विद्यार्थियों और समर्पित शिक्षकों को सम्मानित कर शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की। साथ ही, उन्होंने राज्य में चल रही विभिन्न शैक्षिक एवं तकनीकी पहलुओं का उल्लेख करते हुए आने वाले भविष्य के लिए एक स्पष्ट एवं सशक्त रोडमैप प्रस्तुत किया।
इस पूरे आयोजन का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र जी द्वारा पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुआ, जो भारतीय संस्कृति में शुभता और ज्ञान के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
विद्या भारती की ऐतिहासिक भूमिका……….मुख्यमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की प्रशंसा से की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जब देश शिक्षा के बुनियादी ढांचे के लिए संघर्ष कर रहा था, तब विद्या भारती ने सरस्वती शिशु मंदिर के रूप में एक संकल्पना को जन्म दिया। यह पौधा आज एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है,
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जो देशभर में लाखों विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा बल्कि संस्कार भी प्रदान कर रहा है।उन्होंने कहा कि आज विद्या भारती द्वारा देशभर में 12,000 से अधिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 35 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी यह संगठन 50 से अधिक महाविद्यालयों और एक विश्वविद्यालय के संचालन में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
उत्तराखण्ड में विद्या भारती का व्यापक विस्तार……सीएम धामी ने उत्तराखण्ड में विद्या भारती के प्रभाव की चर्चा करते हुए बताया कि प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों – चाहे वह माणा हो या धारचूला – तक में विद्या भारती के शिशु मंदिर और विद्या मंदिर सक्रिय हैं। वर्तमान में राज्य में 500 से अधिक विद्यालय इस संगठन द्वारा संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 1 लाख से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।उन्होंने यह भी कहा कि लोगों में यह भ्रम है कि ऐसे विद्यालय आधुनिक तकनीक से दूर हैं, लेकिन हरिद्वार के इस विद्यालय में चार स्मार्ट क्लासेज का उद्घाटन इस सोच को गलत साबित करता है। यह विद्यालय भी अन्य किसी भी आधुनिक स्कूल की तरह छात्रों को टेक्नोलॉजी-सम्पन्न शिक्षा प्रदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड की शिक्षा नीति को देश की सबसे प्रगतिशील और दृष्टिगत नीति बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने सबसे पहले नई शिक्षा नीति (NEP) को लागू किया। इस नीति के तहत छात्र केंद्रित, कौशल आधारित और आधुनिक दृष्टिकोण वाली शिक्षा प्रणाली को अपनाया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 141 पीएम-श्री विद्यालय बनाए जा रहे हैं, जो गुणवत्ता युक्त शिक्षा के आदर्श मॉडल बनेंगे। साथ ही, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय की भी स्थापना की जा रही है, ताकि हर वर्ग के छात्रों को समान अवसर मिल सकें।
वर्चुअल क्लासरूम और डिजिटल पहलें…….राज्य के 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम की सुविधा शुरू की गई है। यह पहल विशेष रूप से दूर-दराज़ के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए की गई है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने लैब ऑन व्हील्स योजना की जानकारी दी। यह एक मोबाइल साइंस लैब है जो छात्रों को विज्ञान की जटिल अवधारणाओं को सरल एवं रोचक ढंग से समझाने में सहायक होगी। यह प्रयोग राज्य में शिक्षा को प्रायोगिक और इंटरएक्टिव बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग माना जा रहा है।
मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, जूते और बैग – समावेशी शिक्षा की ओर कदम…. सीएम धामी ने बताया कि राज्य में कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें दी जा रही हैं। कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को इसके साथ जूते और बैग भी प्रदान किए जा रहे हैं। यह कदम शिक्षा को सभी के लिए सुलभ और आर्थिक रूप से निष्पक्ष बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
उच्च शिक्षा और रोजगार की दिशा में ठोस प्रयास…. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 20 मॉडल कॉलेज और 9 महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इनमें महिला छात्रावास, आईटी लैब, परीक्षा भवन जैसी सुविधाओं का भी निर्माण हो रहा है। साथ ही, प्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर और विद्यालय शिक्षकों की नियुक्ति भी जारी है ताकि पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा न आए।
खेलों को करियर के रूप में अपनाने की अपील…. मुख्यमंत्री ने छात्रों से खेल को केवल मनोरंजन के रूप में नहीं, बल्कि एक करियर विकल्प के रूप में देखने की अपील की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 8 वर्ष की उम्र से प्रतिभावान खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति देना शुरू किया है। आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेज के छात्रों को मुफ्त शिक्षा, प्रशिक्षण, भोजन, आवास और खेल किट प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक शुरुआत की गई है। हाल ही में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक पदक जीतकर इतिहास रचा।
उत्तराखण्ड का सशक्त नकल विरोधी कानून – युवाओं की उम्मीद…… सीएम धामी ने एक अहम बिंदु पर चर्चा करते हुए बताया कि राज्य में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले परीक्षा पेपर लीक की घटनाएं युवाओं का मनोबल गिरा देती थीं, लेकिन अब तीन वर्षों में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ है। इसका प्रत्यक्ष परिणाम है कि पिछले तीन वर्षों में 22,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं। इसके साथ ही, UPSC, NDA, CDS जैसी परीक्षाएं पास करने वाले अभ्यर्थियों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है ताकि वे साक्षात्कार की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकें।
सीएम धामी का विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक संदेश
कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री धामी ने सभी छात्रों से कहा,
“आप मन लगाकर पढ़ें, मेहनत करें, और अपने माता-पिता तथा इस विद्यालय का नाम रोशन करें। यही सच्चा राष्ट्र निर्माण है।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक सशक्त भारत का निर्माण पढ़े-लिखे, संस्कारी, और संवेदनशील युवाओं के माध्यम से ही संभव है।
समारोह की गरिमा और उपस्थिति…इस भव्य समारोह में विधायक आदेश चौहान, प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र, प्रधानाचार्य लोकेन्द्र अथवाल, प्रबंधक अजय शर्मा, महापौर किरण जैसल, राज्यमंत्री देशराज कर्णवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोभाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। विद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राएं, अभिभावकगण और शिक्षक इस अवसर के साक्षी बने और मुख्यमंत्री की बातों से प्रेरणा ली।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह कार्यक्रम केवल एक भवन और स्मार्ट क्लास के लोकार्पण तक सीमित नहीं था, बल्कि यह उत्तराखण्ड की शिक्षा नीति, आधुनिक तकनीक, पारंपरिक मूल्यों और राष्ट्रसेवा के प्रति प्रतिबद्धता का जीवंत प्रतीक बना। सरस्वती विद्या मंदिर जैसी संस्थाएं और उनके विद्यार्थियों को यह संदेश स्पष्ट रूप से मिला कि वे न केवल अच्छे विद्यार्थी बनें, बल्कि अच्छे नागरिक और राष्ट्र निर्माता भी बनें।
इस दौरान अध्यक्ष शिवशंकर जायसवाल, शेर सिंह रावत, कोषाध्यक्ष रोहित भाटिया, महापौर किरण जैसल, विधायक प्रदीप बत्रा, राज्यमंत्री देशराराज कर्णवाल ,भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा,जिला महामंत्री आशु चौधरी, विक्रम भुल्लर,जिलाधिकारी कर्मेंन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल, एचआरडीए उपाध्याय अंशुल सिंह, मुख्य नगर आयुक्त नंदन सिंह, उपाध्यक्ष उत्तराखंड पारिस्थितिकीय पर्यटन सलाहकार परिषद ओम प्रकाश जमदग्नि, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी,सीएमओ आरके सिंह,मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता, एचआरडीए सचिव मनीष कुमार सिंह,एसडीएम जितेंद्र कुमार, एसपी जितेंद्र मेहरा, पंकज गैरोला, सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान, तहसीलदार प्रियंका रानी सहित स्कूल के छात्र छात्राएं आदि उपस्थित थे।