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पौड़ी में काले गैंग का पर्दाफाश: तीन शातिर चोर चढ़े पुलिस के हत्थे, चोरी की मोटरसाइकिल, नगदी और औजार बरामद, दिल्ली समेत कई जगह दर्ज हैं मुकदमे, पुलिस की सघन छानबीन और 250 सीसीटीवी कैमरों की मदद से 48 घंटे में खुला राज,

इन्तजार रजा हरिद्वार-पौड़ी में काले गैंग का पर्दाफाश: तीन शातिर चोर चढ़े पुलिस के हत्थे,

चोरी की मोटरसाइकिल, नगदी और औजार बरामद, दिल्ली समेत कई जगह दर्ज हैं मुकदमे,

पुलिस की सघन छानबीन और 250 सीसीटीवी कैमरों की मदद से 48 घंटे में खुला राज,

पौड़ी। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही चोरी की घटनाओं से परेशान जनता को पौड़ी पुलिस ने बड़ी राहत दी है। पौड़ी कस्बे में मेडिकल स्टोर और मोटरसाइकिल चोरी की घटनाओं के खुलासे के साथ पुलिस ने दिल्ली और उत्तराखंड में सक्रिय ‘काले गैंग’ के तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इनके कब्जे से चोरी की गई मोटरसाइकिल, नगदी, और चोरी में प्रयुक्त उपकरण भी बरामद किए हैं।

गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान सोनू रावत, धीरज और तबरेज के रूप में हुई है, जिनके खिलाफ दिल्ली समेत कई जनपदों में पहले से ही आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पौड़ी पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई से न सिर्फ स्थानीय जनता ने राहत की सांस ली है, बल्कि अपराधियों में भी पुलिस की सक्रियता का खौफ देखने को मिला है।

घटना का सिलसिला: एक रात में दो बड़ी चोरी की वारदातें

दिनांक 20 अप्रैल 2025 की रात पौड़ी कस्बे में दो चोरी की घटनाएं सामने आईं।
पहली घटना में वादी श्री इन्द्रमोहन, निवासी कण्डोलिया ने कोतवाली पौड़ी में शिकायत दर्ज कराई कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके ‘बृज मेडिकल स्टोर’ और पास की ‘ज्योति ऑप्टिकल्स’ दुकान के ताले तोड़कर नगदी चुरा ली है।
दूसरी घटना में प्रेम सिंह चौहान निवासी डीआरडीए कॉलोनी ने अपनी मोटरसाइकिल (संख्या UK12C-8246) चोरी हो जाने की रिपोर्ट दी।

इन दोनों घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली पौड़ी में दो प्राथमिकियां पंजीकृत की गईं —

  • मु0अ0सं0-17/2025, धारा 305(ए)/331(4) बीएनएस
  • मु0अ0सं0-18/2025, धारा 303(2) बीएनएस

जैसे ही घटनाओं की सूचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री लोकेश्वर सिंह तक पहुँची, उन्होंने घटनाओं के शीघ्र अनावरण और अभियुक्तों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए।

त्वरित एक्शन: गठित हुई विशेष पुलिस टीम

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार श्री चन्द्र मोहन सिंह और क्षेत्राधिकारी पौड़ी श्री त्रिवेन्द्र सिंह राणा के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी कमलेश शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया।
टीम में कोतवाली पौड़ी और सीआईयू श्रीनगर के अनुभवी पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया।

पुलिस टीम ने क्षेत्र में लगे करीब 250 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का गहनता से विश्लेषण किया। फुटेज में तीन संदिग्ध मोटरसाइकिल से देवप्रयाग और ऋषिकेश की ओर जाते दिखाई दिए। हालांकि उनके चेहरे ढके हुए थे, जिससे पहचान करना चुनौतीपूर्ण रहा। लेकिन तकनीकी साक्ष्यों और कुशल सुरागरसी के जरिए संदिग्धों का पीछा करते हुए पुलिस ने महत्वपूर्ण सुराग हासिल किए।

बड़े खुलासे: दिल्ली से लेकर पहाड़ी क्षेत्रों तक फैला था गैंग का जाल

लगातार जांच और मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने पाया कि चोरी की गई मोटरसाइकिल भी इन्हीं चोरों ने पौड़ी से चोरी की थी।
तकनीकी विश्लेषण और सघन छानबीन के बाद पुलिस ने सोनू रावत, धीरज और तबरेज को चोरी के सामान सहित गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में अभियुक्तों ने जो खुलासा किया, वह चौंकाने वाला था।
अभियुक्तों ने बताया कि वे “काले गैंग” के सदस्य हैं, जिसका सरगना गोपाल जुनेजा उर्फ काले है। फिलहाल गोपाल जिला कारागार पौड़ी में बंद है।

सोनू रावत, जो कि मूलतः पाबौ, पौड़ी गढ़वाल का रहने वाला है, पहाड़ी भूगोल से अच्छी तरह वाकिफ था। इस वजह से गिरोह ने पौड़ी और आस-पास के इलाकों को निशाना बनाया।
गिरफ्तारी के बाद सोनू ने बताया कि वह जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली गया और वहां अपने पुराने नेटवर्क को फिर से मजबूत किया। इसके बाद सोनू ने धीरज और तबरेज को साथ मिलाकर गैंग को फिर से सक्रिय कर दिया।

बरामद माल का विवरण

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से निम्नलिखित सामान बरामद किया:

  • चोरी की गई मोटरसाइकिल (UK12C-8246)
  • चार हजार रुपये नकद व सिक्के
  • एक लाल रंग का कटर
  • एक लोहे की छेनी
  • एक हैक्सा ब्लेड
  • दो पीठू बैग
  • एक सफेद रंग का कट्टा

चोरी के उपकरणों से साफ जाहिर है कि अभियुक्त लंबे समय से संगठित तरीके से वारदातों को अंजाम दे रहे थे।

अपराधियों का आपराधिक इतिहास

सोनू रावत

  • मु0अ0सं0-43/19 धारा 401 भादवि, कोतवाली पौड़ी (5 वर्ष का कारावास)
  • मु0अ0सं0-45/19 धारा 25 आर्म्स एक्ट, कोतवाली पौड़ी
  • मु0अ0सं0-368/21 धारा 380/411 भादवि, थाना कृष्णा नगर दिल्ली
  • अन्य कई मामले दिल्ली और उत्तराखंड में दर्ज

धीरज

  • मु0अ0सं0-129/20 धारा 380/411/34 भादवि, थाना प्रीत विहार दिल्ली
  • मु0अ0सं0-393/20 धारा 379/411 भादवि, थाना प्रीत विहार दिल्ली

तबरेज

  • तबरेज के आपराधिक इतिहास का पता लगाया जा रहा है।

पुलिस टीम की शानदार भूमिका

इस सफलता में कोतवाली पौड़ी और सीआईयू श्रीनगर की संयुक्त टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। टीम में शामिल अधिकारी थे:

  • थाना प्रभारी कमलेश शर्मा
  • वरिष्ठ उपनिरीक्षक वेद प्रकाश
  • उपनिरीक्षक राजेश असवाल, प्रवीन रावत, मेहराजुद्दीन
  • मुख्य आरक्षी दिनेश नेगी, गंभीर रावत, अनिल बिजल्वाण, दिगंबर सिंह बोरा, भरत सिंह
  • सीआईयू के जयपाल सिंह चौहान, एहसान अली, सुशील, निजाम अली, संतोष, हरीश

टीम के अथक प्रयास और आपसी तालमेल ने ही इस गैंग का पर्दाफाश कर संभव बनाया।

जनता में पुलिस के प्रति बढ़ा भरोसा

पौड़ी क्षेत्र में इस खुलासे के बाद स्थानीय व्यापारियों और आम जनता ने पुलिस की प्रशंसा करते हुए राहत की सांस ली है।
स्थानीय निवासियों ने कहा कि पुलिस ने न केवल तेजी से कार्रवाई की, बल्कि अपराधियों को समय रहते पकड़कर एक बड़ा खतरा टाल दिया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री लोकेश्वर सिंह ने पूरी पुलिस टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है और भविष्य में भी इसी तरह मुस्तैदी से काम करने का संदेश दिया

पौड़ी पुलिस ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि अपराध कितना भी संगठित क्यों न हो, पुलिस की मुस्तैदी के आगे टिक नहीं सकता।
‘काले गैंग’ जैसे अपराधी नेटवर्क के खिलाफ इस कार्रवाई से साफ है कि पहाड़ी क्षेत्रों में अपराधियों के लिए अब कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं रह गई है।
पुलिस की चौकसी और जनता का सहयोग अगर इसी तरह जारी रहा, तो आने वाले दिनों में पौड़ी जैसे शांत शहर में अपराध की घटनाओं में निश्चित ही भारी कमी आएगी।

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