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चारधाम यात्रा का शुभारंभ हरिद्वार से,मायादेवी मंदिर से गूंजे जयकारे, श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना,आस्था, उल्लास और व्यवस्था का त्रिवेणी संगम

इन्तजार रजा हरिद्वार- चारधाम यात्रा का शुभारंभ हरिद्वार से,मायादेवी मंदिर से गूंजे जयकारे, श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना,आस्था, उल्लास और व्यवस्था का त्रिवेणी संगम

हरिद्वार, 29 अप्रैल — चारधाम यात्रा 2025 का शुभारंभ आज हरिद्वार से श्रद्धा और उल्लास के साथ हुआ। मायादेवी मंदिर परिसर में भोर होते ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली सहित देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं के पहले जत्थे ने मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन के बीच अपने आध्यात्मिक सफर की शुरुआत की।

मायादेवी मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना के बाद पहले जत्थे को रवाना किया गया। जैसे ही यात्रा की रथयात्रा मंदिर प्रांगण से निकली, “जय बद्री विशाल” और “हर हर गंगे” के जयघोष से वातावरण गूंज उठा। श्रद्धालुओं के चेहरों पर आस्था और उत्साह का अद्भुत समन्वय देखने को मिला।

यात्रा को लेकर ट्रैवल एजेंसियों और होटल कारोबारियों में भी खासा उत्साह देखने को मिला। हरिद्वार में रौनक लौट आई है, जिससे पर्यटन व्यवसाय को नई ऊर्जा मिली है। यात्रा व्यवस्थाओं से जुड़े एक ट्रैवल संचालक ने बताया, “इस बार उम्मीद से ज्यादा बुकिंग हो रही है। श्रद्धालुओं का जोश देखकर लगता है कि यह साल रिकॉर्ड तोड़ने वाला होगा।”

प्रदेश सरकार ने यात्रा की सफल और सुरक्षित संचालन के लिए पुख्ता इंतज़ाम किए हैं। सुरक्षा बलों की तैनाती, मेडिकल टीम, एंबुलेंस सेवा, ड्रोन मॉनिटरिंग और हेल्पलाइन सुविधाओं को सक्रिय कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की जांच कर रही हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके।

हालांकि यात्रा का औपचारिक शुभारंभ 30 अप्रैल से होना है, लेकिन आज हरिद्वार से रवाना हुआ यह पहला जत्था आस्था की लहर को गति दे गया। धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से चारधाम यात्रा न केवल आध्यात्मिक महत्व रखती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रबल करती है।

हरिद्वार इस समय एक बार फिर से देशभर के श्रद्धालुओं का संगम स्थल बन गया है। यहां से निकली आस्था की पहली रथयात्रा ने यह संकेत दे दिया है कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड की पर्वत श्रृंखलाएं पुनः “जयकारों की गूंज” से गूंजेंगी।

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