चारधाम यात्रा 2025 की तैयारी व्यवस्थित, नारसन बॉर्डर पर व्यवस्थाओं का एसडीएम रुड़की ने किया निरीक्षण, श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता, यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाओं की व्यवस्था, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष निगरानी, स्थानीय प्रशासन की तत्परता सराहनीय
चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से आज उपजिलाधिकारी (एसडीएम) रुड़की श्री लक्ष्मी राज चौहान द्वारा नारसन बॉर्डर पर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण में उनके साथ पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री शेखर चंद सुयाल, तहसीलदार रुड़की श्री विकास अवस्थी, एआरटीओ श्री एल्विन रॉक्सी, टीटीओ श्री कृष्ण चंद पलेरिया, अधिशासी अधिकारी मंंगलौर श्री नौशाद हसीन एवं थाना मंंगलौर के प्रभारी निरीक्षक आदि उपस्थित रहे।

इन्तजार रजा हरिद्वार- चारधाम यात्रा 2025 की तैयारी व्यवस्थित, नारसन बॉर्डर पर व्यवस्थाओं का एसडीएम रुड़की ने किया निरीक्षण, श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता, यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाओं की व्यवस्था, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष निगरानी, स्थानीय प्रशासन की तत्परता सराहनीय
चारधाम यात्रा 2025 को सफल, सुव्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाने की दिशा में जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। इसी क्रम में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) रुड़की श्री लक्ष्मी राज चौहान ने रविवार को नारसन बॉर्डर का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं का गहनता से जायज़ा लिया। निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री शेखर चंद सुयाल, तहसीलदार श्री विकास अवस्थी, एआरटीओ श्री एल्विन रॉक्सी, टीटीओ श्री कृष्ण चंद पलेरिया, अधिशासी अधिकारी मंगलौर श्री नौशाद हसीन तथा थाना मंंगलौर के प्रभारी निरीक्षक भी उपस्थित रहे।
यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाओं की व्यवस्था
निरीक्षण के दौरान एसडीएम रुड़की ने श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए बुनियादी आवश्यकताओं के सुचारु संचालन पर बल दिया। अधिकारियों ने बताया कि नारसन बॉर्डर पर स्वच्छ पेयजल की समुचित व्यवस्था की गई है। महिलाओं एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग मोबाइल टॉयलेट्स (कुल 16 सीटों की क्षमता) लगाए गए हैं, जिससे सफर के दौरान श्रद्धालुओं को शौचालय की असुविधा न हो। इसके अलावा यात्रियों की प्रतीक्षा के दौरान उन्हें राहत देने हेतु एक प्रतीक्षालय (वेटिंग एरिया) भी तैयार किया गया है, जिसमें कूलर, पंखा और पर्याप्त बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। यह विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए सहायक सिद्ध होगा, जो अधिक समय बॉर्डर पर रुकते हैं।
प्रक्रियाओं को सरल और त्वरित बनाने पर ज़ोर
एसडीएम चौहान ने चारधाम यात्रियों के लिए ग्रीन कार्ड की प्रक्रिया को सरल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने एआरटीओ को सिंगल विंडो सिस्टम लागू करते हुए पर्याप्त काउंटर स्थापित करने को कहा, ताकि भीड़भाड़ की स्थिति में भी यात्रियों को इंतजार न करना पड़े और सभी कार्य तेजी से संपन्न हों। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और अनुभव को सहज बनाना प्रशासन की प्राथमिकता है। यदि प्रक्रियाएं सुगम होंगी तो यात्रा का अनुभव भी सुखद और स्मरणीय बनेगा।
स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष निगरानी
स्वास्थ्य संबंधी आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिए एसडीएम ने चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि बॉर्डर पर स्वास्थ्य जांच हेतु एक मेडिकल हेल्थ काउंटर की स्थापना की जाए। इस काउंटर पर प्राथमिक चिकित्सा सुविधा, बीपी, शुगर जांच और आपातकालीन दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
साथ ही, पुलिस प्रशासन को यह निर्देश दिए गए कि चारधाम यात्रा हेतु यात्रियों के ऑनलाइन पंजीकरण की जांच हेतु पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। प्रत्येक वाहन और यात्री का सत्यापन सुनियोजित तरीके से हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा ताकि असामाजिक तत्वों की यात्रा में कोई बाधा उत्पन्न न हो।
जनहित और श्रृद्धा का समन्वय
निरीक्षण के उपरांत एसडीएम चौहान ने कहा कि चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास से जुड़ा एक राष्ट्रीय स्तर का आयोजन है। इसलिए इसकी प्रत्येक व्यवस्था में पूर्ण पारदर्शिता, सुरक्षा और सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन का उद्देश्य केवल नियमों का पालन कराना नहीं, बल्कि प्रत्येक श्रद्धालु को यह अनुभव कराना है कि वह एक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और श्रद्धामयी यात्रा पर है।
स्थानीय प्रशासन की तत्परता सराहनीय
निरीक्षण के दौरान सभी विभागों के समन्वय और सक्रियता की सराहना की गई। विशेष रूप से नारसन बॉर्डर को प्रवेश द्वार मानते हुए इसे एक ‘मॉडल प्रवेश स्थल’ के रूप में विकसित करने की मंशा जताई गई। आने वाले दिनों में और भी सुविधाएं, जैसे डिजिटल सूचना पटल, हेल्प डेस्क, व्हीलचेयर सुविधा आदि की संभावनाएं तलाशने पर विचार किया जा रहा है। चारधाम यात्रा जैसे विशाल आयोजन में व्यवस्थाओं की गुणवत्ता श्रद्धालुओं के अनुभव को परिभाषित करती है। नारसन बॉर्डर पर की गई व्यवस्थाएं यह संकेत देती हैं कि प्रशासन इस बार यात्रा को और अधिक सुलभ, सुरक्षित और श्रद्धामयी बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है