गंगोत्री धाम जा रहा हेलीकॉप्टर उत्तरकाशी में हुआ दुर्घटनाग्रस्त, छह श्रद्धालुओं की मौत, SDRF और प्रशासन का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, हादसे की जांच शुरू, राहत कार्य में जुटीं कई एजेंसियां
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने और घायलों को तत्काल बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार- गंगोत्री धाम जा रहा हेलीकॉप्टर उत्तरकाशी में हुआ दुर्घटनाग्रस्त,
छह श्रद्धालुओं की मौत, SDRF और प्रशासन का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी,
हादसे की जांच शुरू, राहत कार्य में जुटीं कई एजेंसियां
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से एक बेहद दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। श्रद्धालुओं को लेकर गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर गंगनानी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बताया जा रहा है कि यह हादसा गुरुवार सुबह लगभग 8 बजे गंगनानी से आगे नाग मंदिर के समीप भागीरथी नदी के पास हुआ। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हेलीकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें छह श्रद्धालु और एक पायलट शामिल थे। हादसे में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पायलट गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है।
हवाई यात्रा में श्रद्धालुओं की जान पर बन आई
हादसे का शिकार हुआ यह हेलीकॉप्टर AeroTrans Services Private Limited कंपनी का था, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर VT-OXF है। हेलीकॉप्टर ने देहरादून के सहस्रधारा हेलीपैड से खरसाली हेलीपैड के लिए उड़ान भरी थी, जहां से श्रद्धालु गंगोत्री धाम की यात्रा पर जाने वाले थे। यह सेवा विशेष रूप से चारधाम यात्रा के दौरान संचालित की जाती है, जहां दूरस्थ क्षेत्रों तक तीर्थ यात्रियों को हवाई सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हेलीकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे—छह श्रद्धालु और एक पायलट। हादसे में सभी छह यात्रियों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। पायलट गंभीर रूप से घायल हुआ है और उसे नजदीकी चिकित्सा सुविधा के लिए भेजा गया है। SDRF की टीम घायल पायलट को एयरलिफ्ट करने की कोशिश में जुटी हुई है।
राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी
हेलीकॉप्टर दुर्घटना की खबर मिलते ही उत्तरकाशी जिला प्रशासन और उत्तराखंड पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया। SDRF (उत्तराखंड राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल), NDRF, QRT (क्विक रिस्पॉन्स टीम), सेना की विशेष टुकड़ियां, 108 एंबुलेंस सेवा, तहसीलदार भटवाड़ी, BDO भटवाड़ी और राजस्व विभाग की टीमें घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गईं। पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्र होने के कारण राहत कार्य में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन टीमों ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
SDRF के कमांडर ने बताया कि मलबे से शवों को निकालने का कार्य प्राथमिकता पर किया जा रहा है। घायलों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने और एयरलिफ्ट करने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। सेना और स्थानीय प्रशासन के बीच तालमेल बनाते हुए समन्वित रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
हेलीकॉप्टर दुर्घटना की जांच के आदेश, यात्रियों की पहचान जारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक रूप से मौसम या तकनीकी खराबी को हादसे की वजह माना जा रहा है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि जब तक ब्लैक बॉक्स की जांच नहीं हो जाती, तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी।
मृत यात्रियों की पहचान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, और उनके परिजनों को सूचित किया जा रहा है। उत्तराखंड पुलिस ने यात्रियों की पहचान संबंधी जानकारी जुटाने के लिए हेली सेवा कंपनी और सहस्रधारा हेलीपैड से संपर्क स्थापित किया है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता देने की बात कह रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए अधिकारियों को राहत कार्य में तेजी लाने और घायलों को तत्काल बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
हर साल गर्मियों में उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु देशभर से पहुंचते हैं। कठिन और पहाड़ी मार्गों को देखते हुए हेलीकॉप्टर सेवा एक लोकप्रिय विकल्प बन चुकी है, विशेष रूप से बुजुर्ग यात्रियों के लिए। लेकिन लगातार हो रही हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं इस सुविधा पर सवाल खड़े कर रही हैं।
इससे पहले भी 2022 में केदारनाथ में एक हेली दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो चुकी है। अब उत्तरकाशी में हुई इस ताज़ा घटना ने फिर से सुरक्षा मानकों पर बहस छेड़ दी है। क्या हेली कंपनियां नियमित रूप से अपने विमानों की तकनीकी जांच करवाती हैं? क्या पायलटों को पर्याप्त प्रशिक्षण और ब्रेक दिए जाते हैं? क्या मौसम की स्पष्ट जानकारी मिलने तक उड़ान रोक दी जाती है?—इन सभी सवालों का उत्तर खोजा जाना अब आवश्यक हो गया है।
राज्य सरकार ने संकेत दिए हैं कि हेलीकॉप्टर सेवाओं की निगरानी और मानकों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा, जो चारधाम यात्रा के दौरान उड़ानों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
उत्तरकाशी जिले में हुए इस दुखद हादसे ने जहां छह परिवारों को असहनीय पीड़ा दी है, वहीं प्रशासन और हवाई सेवा प्रदाताओं के लिए एक बड़ी चेतावनी भी दी है। श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा दोनों को समान महत्व देना आवश्यक है। जब तक हर हेलीकॉप्टर उड़ान पूरी तरह सुरक्षित और नियंत्रित नहीं होती, तब तक यह सवाल बना रहेगा