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हरिद्वार में विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित, ग्रामोत्थान परियोजना, महिला उद्यमिता और रोजगार पर विशेष ध्यान, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे ने दिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित,

ग्रामोत्थान परियोजना, महिला उद्यमिता और रोजगार पर विशेष ध्यान,

मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे ने दिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश

हरिद्वार, 08 मई 2025 – जिला मुख्यालय विकास भवन रोशनाबाद, हरिद्वार में आज मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) श्रीमती आकांक्षा कोंडे की अध्यक्षता में जिला स्तरीय प्रगति समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में कई अहम योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई और भविष्य की कार्य योजनाओं पर चर्चा हुई।

बैठक में सबसे पहले ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के अंतर्गत वर्ष 2025-26 की वार्षिक कार्य योजना एवं बजट (AWPB) पर विस्तार से चर्चा की गई। इस योजना के अंतर्गत चल रहे उद्यमों (एंटरप्राइजेज) की वर्तमान स्थिति, उनके संचालन और उनमें हो रही प्रगति की समीक्षा की गई।

मुख्य विकास अधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारियों (BDO) को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में संचालित उद्यमों का स्थल निरीक्षण करें और उनकी वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट जिला मुख्यालय को समय पर भेजें। उन्होंने कहा कि जो भी उद्यम सही ढंग से कार्य कर रहे हैं, उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है, जबकि जो उद्यम कमजोर स्थिति में हैं, उनके लिए आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि महिला उद्यमियों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जाए ताकि उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

ग्रोथ सेंटरों की समीक्षा और समन्वय पर ज़ोर
बैठक में ग्रोथ सेंटरों के संचालन को लेकर भी चर्चा हुई। सीडीओ ने बहादराबाद बीएमएम को निर्देशित किया कि वे तीन दिनों के भीतर ग्रोथ सेंटर से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके अलावा ब्लॉक स्तर की टीमों को भी उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए।

रीप परियोजना और एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर भी विशेष बल दिया गया। सीडीओ ने कहा कि यदि दोनों योजनाएं मिलकर कार्य करें तो लाभार्थियों को अधिक फायदा होगा और योजनाओं का प्रभाव जमीन पर स्पष्ट रूप से दिखेगा।

मनरेगा, पीएमएवाई और अन्य योजनाओं की समीक्षा
बैठक में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना), प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), एनआरएलएम और ग्रामोत्थान परियोजना के तहत आने वाले लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु आगे की रणनीतियों पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए कि वे विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बनाकर काम करें और योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और तत्परता सुनिश्चित करें।

सीडीओ ने विशेष रूप से इस बात पर ज़ोर दिया कि मनरेगा योजना को अन्य योजनाओं के साथ जोड़ने (कन्वर्जेंस) की संभावनाएं तलाशी जाएं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक अवसर उत्पन्न किए जा सकें।

बिजनेस प्लान की समीक्षा और रिपोर्टिंग
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी बिजनेस प्लान की व्यक्तिगत समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तर की टीमों को प्रत्येक योजना का परीक्षण करना चाहिए और समय पर रिपोर्ट भेजनी चाहिए। फार्म आधारित और गैर-फार्म आधारित आजीविका गतिविधियों की नियमित निगरानी करते हुए महिला समूहों और स्व-सहायता समूहों की प्रगति पर भी नजर रखने को कहा गया।

कृषि और महिला किसान पर विशेष ध्यान
मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वर्मी कम्पोस्ट खाद का लाभ अधिक से अधिक महिला किसानों तक पहुंचाया जाए। इससे उनकी खेती की लागत कम होगी और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, यह प्राकृतिक खेती को बढ़

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