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हरिद्वार अर्धकुंभ 2027: दिव्यता और भव्यता की नई मिसाल रचने की तैयारी गढ़वाल कमिश्नर की अगुवाई में विभागीय समीक्षा तेज, 3400 करोड़ के प्रस्ताव तैयार मुख्यमंत्री धामी की विशेष निगरानी, संत समाज की सहमति से ऐतिहासिक आयोजन की रूपरेखा, अर्धकुंभ 2027 को लेकर तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार, गढ़वाल कमिश्नर की अध्यक्षता में विभागीय कार्यों की गहन समीक्षा, मुख्यमंत्री धामी की मंशा – दिव्य और भव्य हो हरिद्वार अर्धकुंभ

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार अर्धकुंभ 2027: दिव्यता और भव्यता की नई मिसाल रचने की तैयारी
गढ़वाल कमिश्नर की अगुवाई में विभागीय समीक्षा तेज, 3400 करोड़ के प्रस्ताव तैयार
मुख्यमंत्री धामी की विशेष निगरानी, संत समाज की सहमति से ऐतिहासिक आयोजन की रूपरेखा, अर्धकुंभ 2027 को लेकर तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार,
गढ़वाल कमिश्नर की अध्यक्षता में विभागीय कार्यों की गहन समीक्षा,
मुख्यमंत्री धामी की मंशा – दिव्य और भव्य हो हरिद्वार अर्धकुंभ

हरिद्वार। 2027 में प्रस्तावित अर्धकुंभ मेले को लेकर तैयारियों ने गति पकड़ ली है। इस बार राज्य सरकार अर्धकुंभ को पूर्ण कुंभ की भांति दिव्य और भव्य रूप में आयोजित करने की योजना पर काम कर रही है। इसी क्रम में गुरुवार को गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे की अध्यक्षता में मेला नियंत्रण भवन में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें हरिद्वार, देहरादून और टिहरी जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, तथा विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी मौजूद रहे। बैठक में मेला क्षेत्र में स्थायी एवं अस्थायी कार्यों, घाटों के निर्माण, ट्रैफिक प्रबंधन, पुलिस व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि इस बार अर्धकुंभ को विशेष रूप से संत समाज और जनता की भावनाओं के अनुरूप आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए शासन स्तर पर एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है, जिसकी अध्यक्षता स्वयं गढ़वाल कमिश्नर कर रहे हैं। बैठक में विभिन्न विभागों से मेले में किए जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव मांगे गए, जिनकी कुल अनुमानित लागत लगभग 3400 करोड़ रुपये बताई गई है। ये प्रस्ताव शासन को भेजे जाएंगे और प्राथमिकता के आधार पर चयनित कार्यों को मंजूरी दी जाएगी।

अत्यावश्यक कार्यों को प्राथमिकता, अनावश्यक खर्च पर रोक

कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि केवल वही कार्य प्रस्तावित किए जाएं जो वास्तव में आवश्यक हों। अनावश्यक वित्तीय भार से बचने के लिए फालतू योजनाओं को प्रस्तावित करने से परहेज किया जाए। उन्होंने हिल बायपास को ‘लाइफ लाइन’ की संज्ञा देते हुए इसके निर्माण को प्राथमिकता वाले कार्यों की सूची में शामिल करने के निर्देश दिए। इसके अलावा लालजीवाला क्षेत्र में अस्थाई पुलिस लाइन की स्थापना, जिला चिकित्सालय के पुराने भवन को तोड़कर नए भवन का निर्माण, सप्त सरोवर क्षेत्र में नए घाटों का निर्माण और मल्टीस्टोरी टू-व्हीलर पार्किंग की आवश्यकता पर भी विशेष बल दिया गया।

मुख्यमंत्री धामी की मंशा को मूर्त रूप देने की तैयारी

प्रेस वार्ता में कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अर्धकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने की घोषणा की है। संत समाज से विचार-विमर्श और उनके आशीर्वाद के साथ ही यह आयोजन किया जाएगा। इसके लिए बनाई गई समिति में जिलाधिकारी, आईजी मेला, और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि समिति की बैठक में सिंचाई, लोनिवि, जल संस्थान, पेयजल निगम, चिकित्सा, और विद्युत विभाग से प्राप्त प्रस्तावों पर प्रस्तुति दी गई। इन प्रस्तावों को तीन श्रेणियों – A, B और C में विभाजित किया गया है।

A श्रेणी में वे कार्य शामिल हैं जो अत्यंत आवश्यक हैं और जिनमें निर्माण कार्यों के कारण एक से डेढ़ वर्ष का समय लग सकता है। ऐसे कार्यों की कुल लागत लगभग 3400 करोड़ रुपये है। दो से तीन दिनों में इन प्रस्तावों को शासन को भेजा जाएगा और राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति उनका स्थलीय निरीक्षण करेगी। इसके बाद अंतिम रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी।

स्थायी और अस्थायी कार्यों पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण

उप मेला अधिकारी एवं उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह ने जानकारी दी कि संपूर्ण मेला क्षेत्र के लिए विभिन्न विभागों ने 2266.36 करोड़ रुपये लागत के 220 स्थायी कार्यों तथा 1216.89 करोड़ रुपये लागत के 431 अस्थायी कार्यों के प्रस्ताव भेजे हैं। उन्होंने पावरपॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से सभी प्रस्तावों की महत्ता और आवश्यकता का विस्तार से विवरण दिया।

जनप्रतिनिधियों और संत समाज के सुझावों को मिलेगा महत्व

बैठक में श्रीगंगा सभा, अखाड़ा परिषद, व्यापार मंडल और अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव दिए। इनमें सुभाष घाट से विष्णु घाट के बीच एक नया पुल बनाने, व्यापारियों के लिए गड्ढा पार्किंग या ललतारौ पुल के पास मल्टीस्टोरी टू-व्हीलर पार्किंग बनाने, तथा सप्त सरोवर क्षेत्र में नए घाटों का निर्माण जैसे सुझाव प्रमुख रहे। प्रशासन ने इन सुझावों को संज्ञान में लेते हुए गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।

बैठक में शामिल रहे ये प्रमुख अधिकारी और प्रतिनिधि

इस महत्वपूर्ण बैठक में आईजी राजीव स्वरूप, जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह, पौड़ी जिलाधिकारी आशीष चौहान, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल, एसएसपी अजय सिंह, एचआरडीए वीसी अंशुल सिंह, एसपी पंकज गैरोला, लोनिवि एसई सुरेश तोमर, यूपीसीएल एसई प्रदीप कुमार, भेल मैनेजर विपुंज कुमार, एचआरडीए सचिव मनीष सिंह, अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधि महंत दिगंबर रघुवंशी, श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, व्यापार मंडल से राजीव पाराशर, कमल बृजवासी, संजीव नैयर सहित अनेक अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

2027 का अर्धकुंभ मेला उत्तराखंड सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण लेकिन प्रतिष्ठा से जुड़ा आयोजन है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विशेष रुचि, संत समाज का आशीर्वाद, और अधिकारियों की समयबद्ध कार्य योजना मिलकर इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बना सकते हैं। जनता की भावनाओं, सुरक्षा, सुविधा और संस्कृति का ध्यान रखते हुए यदि यह आयोजन संपन्न होता है तो यह प्रदेश के धार्मिक और पर्यटन विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा

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