डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह की अगुवाई में हर घर जल का लक्ष्य पाने को तेज़ हुई रफ्तार, जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश, हरिद्वार के राजस्व ग्रामों में तीन माह के भीतर योजनाएं पूरी करने का अल्टीमेटम, तीन माह में योजनाएं पूरी करें, नहीं तो होगी कार्रवाई: ज़िलाधिकारी

इन्तजार रजा हरिद्वार- डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह की अगुवाई में हर घर जल का लक्ष्य पाने को तेज़ हुई रफ्तार,
जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश,
हरिद्वार के राजस्व ग्रामों में तीन माह के भीतर योजनाएं पूरी करने का अल्टीमेटम, तीन माह में योजनाएं पूरी करें, नहीं तो होगी कार्रवाई: ज़िलाधिकारी
हरिद्वार, 09 मई 2025 – हर घर जल पहुंचाने के उद्देश्य से चलाई जा रही जल जीवन मिशन की प्रगति की गहन समीक्षा शुक्रवार को ज़िलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में मिशन की मौजूदा स्थिति, प्रगति, और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही ज़िलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि पेयजल योजनाओं को तय समय-सीमा में पूर्ण किया जाए, ताकि आम जन को शीघ्र जल सुविधा मिल सके।
तीन माह में योजनाएं पूरी करें, नहीं तो होगी कार्रवाई: ज़िलाधिकारी
बैठक के दौरान ज़िलाधिकारी ने जनपद में कार्यरत तीनों कार्यदायी संस्थाओं – उत्तराखण्ड जल संस्थान, उत्तराखण्ड पेयजल निगम और पीआईयू (AMRUT) के शाखा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रस्तावित सभी पेयजल योजनाएं आगामी तीन माह के भीतर पूरी की जाएं। उन्होंने कहा कि योजनाओं के अंतर्गत पाइपलाइन बिछाने, जल स्रोतों की मरम्मत और जल आपूर्ति की दिशा में तेजी से कार्य हो।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जैसे ही किसी राजस्व ग्राम में पेयजल योजना का कार्य पूर्ण होता है, उसी समय से “हर घर जल” प्रमाणन और कनेक्शन की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए। इसमें किसी प्रकार की ढिलाई या देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी अधिकारी या संस्था की ओर से कार्यों में शिथिलता बरती जाती है तो प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
पीएम गति शक्ति पोर्टल पर डेटा अपलोडिंग में तेजी लाएं
बैठक में ज़िलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत बिछाई गई पाइपलाइनों की KML फाइलें योजनावार रूप से PM Gati Shakti Portal पर एक माह के भीतर अपलोड की जाएं। उन्होंने बताया कि इससे योजनाओं की पारदर्शिता और ट्रैकिंग में सुविधा होगी। यह पोर्टल केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के मध्य समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है, ताकि बुनियादी ढांचा योजनाएं समय पर पूरी हो सकें।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को तकनीकी सहयोग के लिए GIS और MIS विशेषज्ञों की सहायता लेने के निर्देश दिए और कहा कि कोई भी योजना बिना डिजिटल मैपिंग के अधूरी मानी जाएगी।
प्रमाणीकरण और सत्यापन कार्यों में भी गति लाने के निर्देश
बैठक में यह जानकारी दी गई कि जनपद के कई राजस्व ग्रामों में “हर घर जल” प्रमाणीकरण कार्य पहले ही हो चुका है। जिलाधिकारी ने इन सभी ग्रामों में 15 दिनों के भीतर “हर घर जल” सत्यापन कार्य पूरा करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि मिशन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि लाभार्थी परिवारों को समयबद्ध और टिकाऊ जल आपूर्ति मिल रही है या नहीं। सत्यापन कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता दोनों सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन ग्रामों में अब तक कोई कार्य नहीं हुआ है, वहां “ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों” (VWSC) को सक्रिय किया जाए और समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाए।
बैठक में शामिल हुए उच्चाधिकारी और इंजीनियरिंग टीमें
समीक्षा बैठक में जनपद के शीर्ष अधिकारी उपस्थित रहे। प्रमुख रूप से मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, अधीक्षण अभियंता यशबीर मल्ल (उत्तराखण्ड जल संस्थान), अधिशासी अभियंता विपिन कुमार, राजेश गुप्ता (पेयजल विभाग), सी.पी.एस. गंगवार (PIU अमृत), यांत्रिकी शाखा की अधिशासी अभियंता चारू अग्रवाल, और उत्तराखण्ड पेयजल निगम के अन्य अभियंता शामिल थे। सभी ने अपने-अपने विभाग की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और योजनाओं में आ रही बाधाओं की जानकारी साझा की।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने बैठक में बताया कि जनपद में कुल कितने राजस्व ग्राम हैं, उनमें से कितनों में कार्य आरंभ हो चुका है और कितनों में पूर्ण हो गया है। उन्होंने मिशन के प्रभावी संचालन हेतु ज़मीनी स्तर पर कार्यरत अधिकारियों से निरंतर संवाद बनाए रखने की बात कही।
जनभागीदारी और पारदर्शिता से ही मिलेगी सफलता
बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जल जीवन मिशन सिर्फ सरकारी विभागों की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि यह एक “जन आंदोलन” है। यदि समुदाय स्वयं जागरूक रहेगा और स्थानीय समितियों की भागीदारी सुनिश्चित होगी, तभी इस मिशन के लक्ष्य को सही मायनों में प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्कूल शिक्षकों और आशा कार्यकर्ताओं को इस मिशन से जोड़ा जाए, ताकि लोगों को योजनाओं की जानकारी और लाभ स्पष्ट रूप से मिल सके।
हरिद्वार की जल चुनौती को बदलने का अवसर
हरिद्वार जनपद में अनेक ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां अब भी पेयजल संकट व्याप्त है। जल जीवन मिशन इन क्षेत्रों के लिए एक क्रांतिकारी पहल साबित हो सकती है, यदि इसे समयबद्ध और जवाबदेह तरीके से लागू किया जाए। जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह की सक्रियता और निगरानी से यह स्पष्ट है कि प्रशासन इस मिशन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है।
अब देखना होगा कि कार्यदायी संस्थाएं तीन माह की इस सख्त समय-सीमा का कितना पालन करती हैं और क्या वास्तव में हरिद्वार के गांवों में जल जीवन मिशन की “हर घर जल” की कल्पना साकार हो पाती है या नहीं।