हर की पैड़ी अब हाई अलर्ट मोड पर, हर एंट्री पॉइंट पर बनेंगे बंकर, पैरामिलिट्री फोर्स तैनात आस्था के साथ सुरक्षा भी सर्वोपरि

इन्तजार रजा हरिद्वार- हर की पैड़ी अब हाई अलर्ट मोड पर,
हर एंट्री पॉइंट पर बनेंगे बंकर, पैरामिलिट्री फोर्स तैनात
आस्था के साथ सुरक्षा भी सर्वोपरि
हरिद्वार। पाकिस्तान से बिगड़ते हालात और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के चलते केंद्र सरकार ने देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का फैसला लिया है। इस कड़ी में हरिद्वार की पहचान हरकीपौड़ी को भी अब हाई अलर्ट पर रखा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दो कंपनियाँ पैरामिलिट्री फोर्स की हरिद्वार भेजी गई हैं, जिनमें से एक पूरी कंपनी को सिर्फ हरकीपौड़ी की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।
यह फोर्स अब न केवल शाम को होने वाली गंगा आरती के दौरान बल्कि दिनभर हरकीपौड़ी पर तैनात रहेगी। हरकीपौड़ी के आठों प्रवेश द्वारों पर स्थायी बंकर बनाए जा रहे हैं, जिनमें सुरक्षा बलों के जवान हर समय मुस्तैद रहेंगे। सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए एसपी सिटी पंकज गैरोला ने बताया कि “यह कदम एहतियातन उठाया गया है ताकि किसी भी संभावित खतरे से पहले ही निपटा जा सके।”
बंकर बनेंगे सुरक्षा कवच
हरकीपौड़ी में बनने वाले ये बंकर अस्थायी नहीं होंगे, बल्कि यह कुंभ मेलों की तर्ज पर बने स्थायी बंकर होंगे। स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों का मानना है कि ऐसे सुरक्षा इंतजामों से श्रद्धालुओं में विश्वास और सुरक्षा दोनों की भावना मजबूत होगी। यह पहली बार होगा जब आम दिनों में भी हरकीपौड़ी की सुरक्षा में इतनी बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जा रही है।
स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर
हरिद्वार प्रशासन ने भी इस कवायद को लेकर सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। आने वाले दिनों में ड्रोन निगरानी, सीसीटीवी कैमरों की संख्या में इजाफा और बैरिकेडिंग जैसी व्यवस्थाएं भी की जा सकती हैं। प्रशासन का मानना है कि हरकीपौड़ी पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, ऐसे में कोई भी चूक गंभीर परिणाम ला सकती है।
गंगा किनारे अब आस्था और सुरक्षा दोनों साथ-साथ
हरकीपौड़ी पर अब आस्था के संग सुरक्षा का नया आयाम जुड़ गया है। जहां एक ओर गंगा मैया के दर्शन को श्रद्धालु उमड़ते हैं, वहीं दूसरी ओर अब उनकी सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। आने वाले समय में यह मॉडल अन्य तीर्थ स्थलों के लिए भी मिसाल बन सकता है।