सिद्धपीठ लाटू मंदिर में गूंजे आस्था के जयकारे, मुख्यमंत्री धामी ने की पूजा-अर्चना, राज्य की सुख-समृद्धि की कामना, राज्य को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की दिशा में सरकार का संकल्प

इन्तजार रजा हरिद्वार- सिद्धपीठ लाटू मंदिर में गूंजे आस्था के जयकारे,
मुख्यमंत्री धामी ने की पूजा-अर्चना, राज्य की सुख-समृद्धि की कामना,
राज्य को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की दिशा में सरकार का संकल्प
उत्तराखण्ड के चमोली जनपद में स्थित सिद्धपीठ लाटू मंदिर के कपाट सोमवार को पूरे विधि-विधान और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। लाटू देवता को मां नंदा का सेनापति माना जाता है और इस पवित्र स्थल की जन आस्था में विशेष भूमिका रही है। कपाटोद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं लाटू धाम पहुंचे और यहां उन्होंने पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की।
मुख्यमंत्री ने लाटू मंदिर में आयोजित सभा का शुभारंभ मां नंदा और लाटू देवता के जयकारों के साथ किया। इस दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि लाटू मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि यह परंपरा हजारों वर्षों से चली आ रही है और यहां आंखों पर पट्टी बांधकर दर्शन करने की परंपरा यह दर्शाती है कि आस्था केवल दृष्टि से नहीं, बल्कि अंतःकरण से होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को भारत ही नहीं, पूरी दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करना राज्य सरकार का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है। प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार, सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण और धार्मिक स्थलों के आसपास बुनियादी सुविधाओं का विकास तेजी से किया जा रहा है।
धार्मिक स्थलों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में केवल चारधाम ही नहीं, बल्कि तुंगनाथ, रुद्रनाथ, जागेश्वर, आदि कैलाश, आदिबद्री जैसे अनेकों महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल हैं। साथ ही राज्य के हर गांव और क्षेत्र में स्थित छोटे-छोटे मंदिर भी हमारी सांस्कृतिक परंपरा की धरोहर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक पर्यटन के विकास के लिए सरकार द्वारा योजनाबद्ध ढंग से काम किया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर मिलें।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ऑल वेदर रोड, हेली सेवाएं, और चिकित्सा सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के अंतर्गत तीर्थयात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं जुटाई जा रही हैं।
जनहित में लिए जा रहे कड़े फैसले
सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमने राज्य की जनता से समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था जिसे निभाया गया है। साथ ही धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा रोधी कानून और सख्त भू-कानून लागू कर भू-माफियाओं पर शिकंजा कसा गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में विकास के लिए सरकार बड़े स्तर पर कार्य कर रही है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य तेज़ी से चल रहा है, जिससे चारधाम यात्रा और स्थानीय लोगों को आवागमन में सहूलियत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने का यह एक ऐतिहासिक प्रयास है।
लाटू धाम और मां नंदा देवी राजजात के विकास की घोषणाएं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लाटू धाम के समग्र विकास के लिए योजना बनाकर कार्य करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कुलसारी में उप जिला चिकित्सालय के निर्माण, बाढ़ सुरक्षा कार्य और हेलीपैड निर्माण की दिशा में शीघ्र कार्य आरंभ करने की बात कही। साथ ही विधायक की सभी मांगों को दीर्घकालीन, मध्यकालीन और अल्पकालिक योजनाओं में सम्मिलित करने का निर्देश भी दिया।
उन्होंने 2026 में आयोजित होने वाली मां नंदा देवी राजजात की पूर्व तैयारियों का भी उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजजात की व्यवस्थाओं को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया जाएगा। सड़कों, पार्किंग, विश्राम गृह और यात्री सुविधाओं के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि आयोजन की प्रत्येक गतिविधि समयबद्ध और नियमित निगरानी के तहत पूरी की जाए ताकि राजजात का आयोजन दिव्य और भव्य बन सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हाल ही में हुए पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई की भी सराहना की और सैनिकों के अदम्य साहस का अभिनंदन किया।
कार्यक्रम में थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, जड़ी-बूटी सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष बलबीर घुनियाल, भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल बर्त्वाल, आयोजन समिति के अध्यक्ष कृष्णा सिंह, ब्लॉक प्रशासक दर्शन दानू, पूर्व जिला पंचायत सदस्य कृष्णा सिंह, जिलाधिकारी संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार, अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश सहित अनेक अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
इस समारोह ने यह स्पष्ट कर दिया कि लाटू मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक चेतना और एकता का भी प्रतीक है। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि की ओर लगातार अग्रसर है।