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भगवानपुर तहसील दिवस में जनता ने उठाई समस्याएं, 49 शिकायतें दर्ज 15 मामलों का मौके पर हुआ निस्तारण, शेष के लिए संबंधित विभागों को दिए निर्देश जिलाधिकारी ने अधिकारियों को चेताया—शिकायतों के समाधान में लापरवाही बर्दाश्त नहीं

इन्तजार रजा हरिद्वार- भगवानपुर तहसील दिवस में जनता ने उठाई समस्याएं, 49 शिकायतें दर्ज
15 मामलों का मौके पर हुआ निस्तारण, शेष के लिए संबंधित विभागों को दिए निर्देश
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को चेताया—शिकायतों के समाधान में लापरवाही बर्दाश्त नहीं

हरिद्वार, 20 मई 2025
भगवानपुर तहसील सभागार में सोमवार को आयोजित तहसील दिवस में क्षेत्रीय जनता ने अपनी समस्याओं को खुलकर सामने रखा। जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस जनसंवाद कार्यक्रम में कुल 49 शिकायतें विभिन्न विभागों के खिलाफ दर्ज की गईं। इन शिकायतों में भूमि विवाद, सिंचाई समस्याएं, अतिक्रमण, नाले और जल निकासी की व्यवस्था, बिजली आपूर्ति, सड़क अतिक्रमण और प्राकृतिक आपदा से सुरक्षा की मांगें प्रमुख रहीं। जिलाधिकारी ने मौके पर ही 15 शिकायतों का त्वरित निस्तारण करते हुए शेष शिकायतों को संबंधित विभागों को भेजते हुए समयबद्ध समाधान के निर्देश जारी किए।

शिकायतों की बौछार: जमीन, पानी, अतिक्रमण और प्रशासनिक अनदेखी

तहसील दिवस की शुरुआत में ही ग्रामीणों ने जोरदार ढंग से अपनी समस्याएं अधिकारियों के समक्ष रखीं। मक्कखनपुर निवासी पुष्पादेवी ने आरोप लगाया कि उनकी निजी भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है। इस पर जिलाधिकारी ने तहसीलदार भगवानपुर को तत्काल दोनों पक्षों से वार्ता कर निष्पक्ष जांच और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

इसी प्रकार, सिरचंदी गांव निवासी सुलेमान ने बताया कि उनकी भूमि पर सरकारी अस्पताल बनाया जा रहा है और मुआवजा या पुनःभूमि की व्यवस्था नहीं की गई। इस पर जिलाधिकारी ने एसओसी को निर्देशित किया कि पूरे मामले की जांच कर समाधान सुनिश्चित करें।

ग्राम इब्राहिमपुर निवासी सीताराम ने ग्राम प्रधान द्वारा किए जा रहे अवैध नाले के निर्माण को लेकर शिकायत दर्ज कराई। जिलाधिकारी ने इसे गंभीर मानते हुए तत्काल स्थल निरीक्षण कर निर्माण रोकने व वैधता की जांच के निर्देश दिए।

इब्राहिमपुर निवासी रामेश्वर ने पाइप लाइन टूटने की शिकायत की जिससे एक सप्ताह से खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा था। इस पर अधिशासी अभियंता, ट्यूबवेल विभाग को शीघ्र मरम्मत कराने और जल की आपूर्ति बहाल करने को कहा गया।

वहीं चोली शहाबुद्दीनपुर के इरफान अहमद ने सोनाली नदी के तेज बहाव से उपजाऊ भूमि कटने की शिकायत की और तटबंध निर्माण की मांग की। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग को स्थलीय निरीक्षण कर आवश्यक उपाय अपनाने को कहा।

भगवानपुर निवासी सदाम ने नेशनल हाईवे से कालीराम राकेश गेट तक सड़क किनारे अतिक्रमण हटवाने की मांग की। जिलाधिकारी ने ईओ भगवानपुर को सख्त निर्देश देते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शीघ्र शुरू करने को कहा।

जिलाधिकारी सख्त: लापरवाह अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

तहसील दिवस के दौरान जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने स्पष्ट किया कि जनता की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर होना चाहिए और किसी भी प्रकार की लापरवाही अथवा टालमटोल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि शिकायतों के समाधान में संवेदनशीलता और पारदर्शिता रखी जाए।

उन्होंने कहा, “तहसील दिवस केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह जनता की सीधी सहभागिता का मंच है। जो अधिकारी गंभीरता नहीं दिखाएंगे, उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है।”

उन्होंने पिछले तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों की प्रगति की समीक्षा भी की। जिन विभागों ने शिकायतों का समाधान नहीं किया, उन्हें फटकार लगाते हुए चेतावनी दी गई कि अगली बैठक में यदि समाधान नहीं हुआ तो व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाएगी।

जिलाधिकारी ने यह भी आदेश दिया कि आगामी तहसील दिवस में हर विभाग अपने क्षेत्र से संबंधित शिकायतों पर की गई कार्रवाई का पूरा विवरण लेकर उपस्थित हो। बिना जानकारी या अधूरी सूचना के आने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई तय की जाएगी।

जनता को राहत, अधिकारियों को निर्देश: व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की पहल

तहसील दिवस में जिलाधिकारी की सख्त निगरानी और तुरंत कार्रवाई से जनता को कुछ राहत की उम्मीद बंधी। एक ओर जहां मौके पर ही 15 शिकायतों का समाधान हुआ, वहीं बाकी मामलों में समयसीमा निर्धारित कर संबंधित विभागों को कार्य सौंपा गया।

इस जन सुनवाई में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.के. सिंह, एसपी देहात शेखर सुयाल, उपजिलाधिकारी अजयवीर सिंह, परियोजना निदेशक के.एन. तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी के.के. गुप्ता, जिला पंचायतराज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, बीडीओ आलोक गार्गेय और तहसीलदार दयाराम सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। इन सभी अधिकारियों को जिलाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि आने वाले दिनों में किसी भी शिकायत के लंबित रहने पर जवाबदेही तय की जाएगी।

तहसील दिवस के अंत में जनता ने जिलाधिकारी की पहल की सराहना की और उम्मीद जताई कि इस प्रकार की पारदर्शी कार्यवाही से न केवल उनकी समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि प्रशासनिक ढांचे में भी जवाबदेही और ईमानदारी आएगी।

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