नशा मुक्त देवभूमि की ओर बड़ा कदम, पथरी पुलिस की कार्रवाई में बरैली का तस्कर गिरफ्तार, 60 लाख की स्मैक बरामद, हरिद्वार व देहरादून के कॉलेजों में बेचने की थी साजिश

इन्तजार रजा हरिद्वार- नशा मुक्त देवभूमि की ओर बड़ा कदम,
पथरी पुलिस की कार्रवाई में बरैली का तस्कर गिरफ्तार,
60 लाख की स्मैक बरामद, हरिद्वार व देहरादून के कॉलेजों में बेचने की थी साजिश
हरिद्वार। नशा मुक्त देवभूमि-2025 अभियान के अंतर्गत हरिद्वार पुलिस लगातार अवैध नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए सक्रिय है। इसी कड़ी में थाना पथरी पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए उत्तर प्रदेश के जिला बरेली से आए एक स्मैक तस्कर को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से भारी मात्रा में स्मैक बरामद हुई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 60 लाख रुपये बताई जा रही है।
308 ग्राम स्मैक के साथ धराया तस्कर
दिनांक 23 मई 2025 को सुबह के समय पथरी पुलिस टीम द्वारा गुर्जर बस्ती तिराहा, फेरुपुर के पास चेकिंग के दौरान एक संदिग्ध युवक को रोका गया। तलाशी लेने पर युवक के कब्जे से 308 ग्राम अवैध स्मैक बरामद हुई। गिरफ्तार आरोपी की पहचान मोहम्मद अतीफुद्दीन पुत्र फेजुद्दीन, निवासी ग्राम मजनूपुरा, थाना भेसोरा, जिला बरेली (उ.प्र.) के रूप में हुई है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने यह स्मैक बरेली निवासी गुड्डु नामक व्यक्ति से खरीदी थी और इसे हरिद्वार व देहरादून के प्रसिद्ध कॉलेजों में बेचने की योजना थी।
संगठित नेटवर्क की जांच शुरू
आरोपी से पूछताछ में सामने आया कि यह एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। पुलिस अब इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है। बरेली निवासी गुड्डु की भूमिका भी जांच के दायरे में है। पथरी थाने में आरोपी के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
- मु0अ0सं0 484/19 धारा 8/18 NDPS Act, थाना पटेल नगर, देहरादून।
- मु0अ0सं0 65/2023 धारा 8/21/27A/29 NDPS Act, थाना श्यामपुर, हरिद्वार।
बरामदगी का विवरण
- 308 ग्राम अवैध स्मैक (कीमत लगभग 60 लाख रुपये)
- एक मोबाइल फोन
- 5600 रुपये नकद
पुलिस टीम
- सुश्री नताशा सिंह, क्षेत्राधिकारी, लक्सर
- उ.नि. मनोज नौटियाल, थानाध्यक्ष, पथरी
- व.उ.नि. यशवीर सिंह नेगी
- उ.नि. रोहित कुमार
- कान्स्टेबल आदेश
- कान्स्टेबल बालम सिंह
हरिद्वार पुलिस का यह अभियान क्षेत्र में नशा तस्करों के हौसले पस्त करने और युवाओं को नशे के दुष्चक्र से बचाने की दिशा में एक प्रभावी कदम है।