सामाजिक कार्यकर्ता इसरार शरीफ की मांग: पिरान कलियर नई गंग नहर घाट पर सुरक्षा जंजीरों की हो व्यवस्था, हर साल डूबने से जाती हैं कई जानें, लेकिन न सुरक्षा का इंतज़ाम न प्रशासन की सुध, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील – “जनता की जान बचाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील”

इन्तजार रजा हरिद्वार- सामाजिक कार्यकर्ता इसरार शरीफ की मांग: पिरान कलियर नई गंग नहर घाट पर सुरक्षा जंजीरों की हो व्यवस्था,
हर साल डूबने से जाती हैं कई जानें, लेकिन न सुरक्षा का इंतज़ाम न प्रशासन की सुध,
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील – “जनता की जान बचाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील”
हरिद्वार जनपद के विश्वविख्यात सूफी तीर्थस्थल पिरान कलियर में स्थित नई गंग नहर के घाटों पर हर दिन हजारों श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं, लेकिन यहां की गंभीर सुरक्षा खामियों के चलते यह आस्था स्थल अब दुर्घटनाओं का केंद्र बनता जा रहा है। घाटों पर कोई स्थायी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है – न लाइफ गार्ड, न चेतावनी बोर्ड और न ही बहाव से बचाने वाली सुरक्षा जंजीरें।
इस संबंध में पिरान कलियर के स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता इसरार शरीफ ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से एक मार्मिक अपील की है। उन्होंने मांग की है कि कलियर शरीफ क्षैत्र में नई गंग नहर पर बने घाटों – विशेषकर नए पुल के पास – नहर के भीतर सुरक्षा इंतजाम और सुरक्षा जंजीरें लगाई जाएं ताकि कोई व्यक्ति अगर फिसल जाए तो वह उन्हें पकड़कर अपनी जान बचा सके।
इसरार शरीफ का कहना है कि –
“यहां डूब कर मरने वालों की संख्या हर साल बढ़ रही है। कितने ही परिवार उजड़ चुके हैं। प्रशासन भी आंखें मूंदे बैठा हैं। अब सरकार को खुद इस मामले में दखल देना चाहिए।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस घाट पर प्रतिदिन भारी संख्या में भीड़ रहती है, जिसमें छोटे बच्चे, महिलाएं और बुज़ुर्ग भी शामिल होते हैं। नहर का जल-प्रवाह तेज होने के कारण कोई भी व्यक्ति नहाते समय फिसल कर बह सकता है, और यदि जंजीरें उपलब्ध नहीं होंगी तो वह डूबकर अपनी जान गंवा देगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्होंने अपील की है कि –
“पिरान कलियर धार्मिक ही नहीं, भावनात्मक महत्व का स्थल है। यहां सुरक्षा का इंतजाम सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। कृपया घाटों के किनारे सुरक्षा जंजीरों को तत्काल लगाने का निर्देश दें ताकि भविष्य में कोई मासूम, कोई श्रद्धालु यूं ही न बह जाए।”
इस मांग ने स्थानीय लोगों के बीच भी हलचल पैदा कर दी है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते यह कदम उठाया गया होता तो अब तक कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
यह एक बेहद संवेदनशील और जनहित से जुड़ा मुद्दा है। अब मुख्यमंत्री से यह अपेक्षा है कि वे स्वयं इस स्थान की सुरक्षा व्यवस्था का संज्ञान लें और अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सुरक्षा जंजीरें लगाने का निर्देश दें।
सामाजिक कार्यकर्ता इसरार शरीफ द्वारा उठाया गया यह सवाल केवल एक मांग नहीं, बल्कि जनता की जान की रक्षा की गुहार है – जिसे अनसुना करना प्रशासन और शासन दोनों की जवाबदेही पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।