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हरिद्वार में ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में ठोस पहल, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के कार्यों का जिलाधिकारी व सीडीओ द्वारा औचक निरीक्षण, बकरी प्रजनन केंद्र और आलू प्रसंस्करण इकाई से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई उड़ान

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में ठोस पहल,

ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के कार्यों का जिलाधिकारी व सीडीओ द्वारा औचक निरीक्षण,

बकरी प्रजनन केंद्र और आलू प्रसंस्करण इकाई से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई उड़ान

हरिद्वार, 28 मई 2025 —
हरिद्वार जनपद में ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में चल रही ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के तहत स्थापित उद्यमों का आज जिलाधिकारी श्री कमेन्द्र सिंह और मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोण्डे द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का उद्देश्य विभिन्न विकासखंडों में संचालित उद्यमों की भौतिक प्रगति की समीक्षा और उनकी स्थायित्व की संभावना का मूल्यांकन करना था।

अमानतगढ़ में बकरी प्रजनन केंद्र का दौरा

निरीक्षण की शुरुआत भगवानपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत अमानतगढ़ से हुई, जहां उत्तराखंड पशुपालन विभाग के सहयोग से स्थापित बकरी प्रजनन केंद्र का गहन अवलोकन किया गया।
इस अवसर पर जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय सक्सेना एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी श्री डी. के. चंद्र ने अधिकारियों को केंद्र की स्थापना, संचालन प्रणाली, नस्ल चयन एवं विपणन रणनीति के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

श्री सक्सेना ने बताया कि केंद्र की विशेषता यह है कि यहां चार उन्नत बकरी नस्लों का उत्पादन किया जाएगा। प्रथम चरण में राजस्थान की प्रसिद्ध जाखराना नस्ल को शामिल किया गया है, जिसकी औसत दुग्ध उत्पादन क्षमता 3–4 लीटर प्रतिदिन है। इस नस्ल के माध्यम से न केवल जिले में दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि बकरी पालन को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में भी स्थापित किया जा सकेगा।

इस केंद्र के माध्यम से उच्च नस्ल के बकरी शावकों की बिक्री स्थानीय पालकों को उचित मूल्य पर की जाएगी, जिससे ग्रामीण आजीविका को मजबूती मिलेगी और मूल्य संवर्धन आधारित उत्पाद (जैसे कि कन्फेक्शनरी, डेयरी उत्पाद आदि) तैयार करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

बुग्गावाला में आलू प्रसंस्करण इकाई की शुरुआत

इसके पश्चात अधिकारियों ने बुग्गावाला सीएलएफ कार्यालय का निरीक्षण किया, जहां प्रकाशमय सीएलएफ की महिला सदस्यों ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को आलू प्रसंस्करण इकाई की स्थापना एवं कार्यप्रणाली की जानकारी दी गई।

इस इकाई में स्थानीय रूप से उत्पादित आलुओं से चिप्स और आलू का आटा बनाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना और महिला समूहों को उद्यमिता से जोड़ना है। यह इकाई पूरी तरह से सीएलएफ की निदेशक मंडल द्वारा संचालित की जाएगी। साथ ही, उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु एक तकनीकी विशेषज्ञ की नियुक्ति भी की जा रही है।

बिजली कनेक्शन की समस्या का त्वरित समाधान

निरीक्षण के दौरान महिला सदस्यों ने बिजली कनेक्शन में आ रही समस्या की जानकारी अधिकारियों को दी, जिस पर जिलाधिकारी महोदय ने तुरंत संबंधित अधिकारियों को समस्या के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए।

निरीक्षण में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति

इस निरीक्षण के दौरान जिला विकास अधिकारी श्री वेदप्रकाश, जिला सूचना अधिकारी श्री नदीम, खंड विकास अधिकारी श्री आलोक गर्ग, रीप और एनआरएलएम स्टाफ, सीएलएफ प्रतिनिधि, तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

ग्रामीण आत्मनिर्भरता की ओर ठोस कदम

हरिद्वार में चल रही रीप परियोजना न केवल ग्रामीणों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है, बल्कि स्थानीय संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग से क्षेत्र की आर्थिक नींव को भी मजबूत कर रही है।
बकरी प्रजनन केंद्र और आलू प्रसंस्करण इकाई जैसे प्रयास महिला समूहों और किसानों के जीवनस्तर को सुधारने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। इन पहलों से स्थानीय उत्पादों का मूल्य संवर्धन, नवीन विपणन अवसरों का सृजन और ग्रामीण युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित करने की संभावनाएं भी सशक्त होती हैं।

यह निरीक्षण यह दर्शाता है कि प्रशासनिक स्तर पर ग्रामीण सशक्तिकरण को लेकर गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। परियोजना के तहत हो रहे विकासात्मक कार्य हरिद्वार को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त जिलों की श्रेणी में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

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