चारधाम यात्रा में हादसा टला, रानीपुर झाल पर टेंपो ट्रैवलर दुर्घटना का शिकार, तीन यात्री घायल, पुल से नीचे गिरने से बाल-बाल बचा वाहन, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, यात्रियों से बरतने की अपील की गई सतर्कता

इन्तजार रजा हरिद्वार- चारधाम यात्रा में हादसा टला, रानीपुर झाल पर टेंपो ट्रैवलर दुर्घटना का शिकार,
तीन यात्री घायल, पुल से नीचे गिरने से बाल-बाल बचा वाहन,
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, यात्रियों से बरतने की अपील की गई सतर्कता
चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा हादसा उस समय टल गया जब हरिद्वार जिले के बहादराबाद थाना क्षेत्र स्थित रानीपुर झाल पुल पर एक टेंपो ट्रैवलर अनियंत्रित होकर क्रैश बैरियर पर चढ़ गया। यह वाहन तीर्थयात्रियों को लेकर उत्तराखंड के पवित्र धामों की ओर जा रहा था। पुल से नीचे गिरने से वाहन बाल-बाल बचा, जिससे एक भीषण दुर्घटना होते-होते रह गई। हादसे में तीन श्रद्धालुओं के घायल होने की सूचना है, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
स्थानीय लोगों और पुलिस की तत्परता से घायलों को समय पर इलाज मिला, जिससे उनकी जान बच गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने ट्रैवलर को क्रेन की सहायता से सुरक्षित हटाया और यातायात को पुनः सुचारु किया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अगर वाहन कुछ इंच और आगे बढ़ जाता, तो यह सीधे पुल से नीचे गिर सकता था, जिससे दर्जनों श्रद्धालुओं की जान जा सकती थी।
यह हादसा उस समय हुआ जब वाहन चालक संभवतः नींद में था या तेज गति में वाहन चला रहा था। यह दर्शाता है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर अभी भी कई ऐसे जोखिमपूर्ण स्थान हैं, जहां दुर्घटनाएं कभी भी हो सकती हैं। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में चारधाम यात्रा मार्गों पर कुल 544 दुर्घटना संभावित स्थान चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से अकेले 38 स्पॉट हरिद्वार जिले में हैं। सरकार ने इन स्थानों पर क्रैश बैरियर, संकेतक बोर्ड और चेतावनी चिह्न लगाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन हादसे यह बताते हैं कि जमीनी हकीकत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।
चारधाम यात्रा में हर साल लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में लगातार सड़क हादसों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में सरकार के साथ-साथ यात्रा आयोजकों और वाहन चालकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचें। टेंपो ट्रैवलर जैसे वाहनों को चलाने वाले चालकों की योग्यता, स्वास्थ्य जांच और ड्राइविंग रूटीन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
यात्रियों से भी अपील की जा रही है कि वे यात्रा के दौरान सुरक्षा निर्देशों का पालन करें, तेज गति से चलने से मना करें और थके हुए चालकों से वाहन न चलवाएं। चारधाम यात्रा आस्था का विषय है, लेकिन सुरक्षा इसके साथ सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। रानीपुर झाल पर हुआ यह हादसा एक चेतावनी है कि थोड़ी सी लापरवाही से कितनी बड़ी अनहोनी हो सकती थी।