देहरादून मे आपदा प्रबंधन की तैयारी को लेकर बड़ी कार्यशाला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी होंगे मुख्य अतिथि, मानसून में आने वाली चुनौतियों पर होगा मंथन IMD, NDRF, SDRF व NIH सहित कई विशेषज्ञ होंगे शामिल, देहरादून के निजी होटल में होगा आयोजन

इन्तजार रजा हरिद्वार- देहरादून मे आपदा प्रबंधन की तैयारी को लेकर बड़ी कार्यशाला
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी होंगे मुख्य अतिथि, मानसून में आने वाली चुनौतियों पर होगा मंथन
IMD, NDRF, SDRF व NIH सहित कई विशेषज्ञ होंगे शामिल, देहरादून के निजी होटल में होगा आयोजन
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से एक अहम कार्यशाला का आयोजन देहरादून स्थित एक निजी होटल में किया जा रहा है। इस कार्यशाला में राज्यभर में मानसून के दौरान सामने आने वाली प्राकृतिक आपदाओं और चुनौतियों की गहन समीक्षा की जाएगी। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे।
इस कार्यशाला में मौसम विज्ञान विभाग (IMD), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (NIH) समेत आपदा प्रबंधन से जुड़े तमाम विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ भाग लेंगे।
कार्यशाला का उद्देश्य राज्य की भौगोलिक और पर्यावरणीय संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए आपदा से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करना है, ताकि आगामी मानसून सीज़न के दौरान लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
विशेषज्ञों द्वारा भूस्खलन, बादल फटने, नदी कटाव, बाढ़, और शहरी क्षेत्रों में जलभराव जैसी आपदाओं से निपटने के लिए नई रणनीतियों और तकनीकी उपायों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, जिलों में तैनात आपदा प्रबंधन अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए जाएंगे।
कार्यशाला के दौरान पूर्व वर्षों में हुई आपदाओं के अनुभवों से सीख लेते हुए राज्य सरकार की ओर से बनाई गई आपदा रूपरेखा की भी समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मौके पर आपदा प्रबंधन से जुड़े नवाचारों, तैयारियों और बजट संबंधी घोषणाएं भी कर सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इस बार मानसून के दौरान उत्तराखंड में औसत से अधिक बारिश की संभावना है, ऐसे में राज्य सरकार समय रहते हर ज़िले में तैयारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित कर रही है।
यह कार्यशाला राज्य के आपदा प्रबंधन ढांचे को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।