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मोदी सरकार के 11 वर्ष: संकल्प से सिद्धि तक, मुख्यमंत्री धामी बोले – यह सिर्फ कालखंड नहीं, भारत के आत्मगौरव का पुनर्जागरण है, देश की सीमाएं सुरक्षित, अर्थव्यवस्था मजबूत, उत्तराखंड में बह रही विकास की गंगा

इन्तजार रजा हरिद्वार- मोदी सरकार के 11 वर्ष: संकल्प से सिद्धि तक,

मुख्यमंत्री धामी बोले – यह सिर्फ कालखंड नहीं, भारत के आत्मगौरव का पुनर्जागरण है,

देश की सीमाएं सुरक्षित, अर्थव्यवस्था मजबूत, उत्तराखंड में बह रही विकास की गंगा

देहरादून | ब्यूरो रिपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 11 वर्ष पूरे होने पर “संकल्प से सिद्धि तक” नामक वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जबरदस्त आत्मविश्वास और राष्ट्रभक्ति के साथ संबोधन दिया। उन्होंने इसे भारत के आत्मगौरव, स्वाभिमान और राष्ट्रीयता की भावना के पुनर्जागरण का युग बताया और कहा कि यह दशक सिर्फ आंकड़ों का नहीं, बल्कि परिवर्तन का प्रमाण है।

मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि 2014 से पहले का भारत और आज का भारत दो बिल्कुल भिन्न चित्र हैं—एक असुरक्षित, घबराया हुआ भारत और दूसरा आत्मविश्वासी, आत्मनिर्भर और वैश्विक मंच पर अपनी बात मजबूती से रखने वाला भारत।


11 वर्ष: राष्ट्र निर्माण की निर्णायक यात्रा

मुख्यमंत्री धामी ने अपने उद्बोधन में इन 11 वर्षों को सिर्फ एक राजनीतिक कालखंड नहीं, बल्कि भारतीय जनमानस की आकांक्षाओं की पूर्णता का काल बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को ना केवल नारा बनाया, बल्कि नीति और नियति का हिस्सा बना दिया।

इन वर्षों में मोदी सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था में नई कार्यसंस्कृति को जन्म दिया, योजनाओं को कागज़ों से निकालकर जमीनी स्तर तक पहुंचाया, और जनता के विश्वास को संस्थागत स्वरूप दिया।


आतंक के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसी कार्यवाही, सीमाएं अब सुरक्षित

धामी ने 2014 से पूर्व के आतंकवादी हमलों का उल्लेख करते हुए कहा कि दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे और जयपुर जैसे बड़े शहर तब आतंकी हमलों के निशाने पर थे, लेकिन आज भारत की सुरक्षा नीति “जीरो टॉलरेंस” पर आधारित है।

“उरी हमले के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक, पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक और अब पहलगाम हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’—ये कोई सामान्य कार्रवाइयाँ नहीं, बल्कि बदले भारत की चेतावनी हैं।”

मुख्यमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को लेकर बताया कि देश आज 80% स्वदेशी रक्षा सामग्री का इस्तेमाल कर रहा है और 85 से अधिक देशों को रक्षा सामान निर्यात कर रहा है—यह रक्षा क्षेत्र में क्रांति है।


इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप और अर्थव्यवस्था में वैश्विक पहचान

धामी ने गर्व के साथ बताया कि भारत आज 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है, जो वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है। “मेक इन इंडिया”, “वोकल फॉर लोकल”, “स्किल इंडिया”, “स्टार्टअप इंडिया” जैसे अभियानों के चलते देश का स्टार्टअप इको सिस्टम आज दुनिया में तीसरे स्थान पर है।

बात जब इन्फ्रास्ट्रक्चर रेवोल्यूशन की आई, तो धामी ने हाईस्पीड रेल नेटवर्क, वर्ल्ड क्लास एक्सप्रेसवे और स्मार्ट शहरों के निर्माण को मोदी सरकार की ऐतिहासिक देन बताया।

“कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण, ट्रिपल तलाक खत्म करना, नागरिकता संशोधन कानून लाना—ये वो फैसले हैं जिनकी कल्पना भी विपक्ष नहीं कर सकता था।”


विज्ञान, तकनीक और आत्मनिर्भरता की ऊंची उड़ान

कोरोना काल में भारत द्वारा स्वदेशी वैक्सीन निर्माण और जनसंख्या तक उसकी पहुंच को वैश्विक संस्थाओं ने भी सराहा। धामी ने चंद्रयान-3, आदित्य L1 और गगनयान मिशन जैसी वैज्ञानिक उपलब्धियों को भी केंद्र सरकार की नीति और नीयत का उदाहरण बताया।

“देश अब सिर्फ उपभोगकर्ता नहीं, निर्माता की भूमिका में है। विज्ञान, रक्षा, कृषि, तकनीक और डिजिटल इंडिया की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है।”


उत्तराखंड में बह रही विकास की गंगा

मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड अब सिर्फ एक तीर्थ प्रदेश नहीं, बल्कि एक विकासशील राज्य की तरह उभर रहा है। उन्होंने राज्य में चल रही प्रमुख परियोजनाओं का उल्लेख किया:

  • दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड
  • ऑल वेदर रोड परियोजना
  • ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन
  • केदारनाथ-बदरीनाथ मास्टर प्लान
  • भारतमाला और पर्वतमाला योजनाएं

इन योजनाओं से उत्तराखंड में पर्यटन, रोजगार और आधारभूत ढांचे को बूस्ट मिल रहा है।


राजनीतिक विश्लेषण: क्या धामी की यह भाषण शैली 2027 के लिए संकेत है?

मुख्यमंत्री धामी का यह भाषण महज सरकारी कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था, बल्कि 2027 के लिए राजनीतिक जमीन तैयार करने का संकेत भी माना जा रहा है। उनकी भाषा में केवल तारीफ नहीं थी, बल्कि एक आक्रामक राष्ट्रवादी स्वर, जो सीधे जनमानस को प्रभावित करने वाला है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 11 वर्षों की इस उपलब्धियों की सूची को अब बीजेपी राज्यों के चुनावों में हथियार बनाएगी—जिसमें धामी जैसे चेहरे राष्ट्रीय विमर्श को स्थानीय स्वर दे सकते हैं।


कार्यक्रम में बड़े नेता हुए शामिल

इस वर्चुअल कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, संगठन महामंत्री अजेय कुमार, सभी सांसद, विधायक, महापौरगण, जिला पंचायत अध्यक्ष, और वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य केवल जश्न मनाना नहीं, बल्कि आने वाले वर्षों में इसी गति और सोच के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लेना था।

प्रधानमंत्री मोदी के 11 वर्षों की इस यात्रा को मुख्यमंत्री धामी ने जिस तरह प्रस्तुत किया, वह यह स्पष्ट करता है कि अब उत्तराखंड की राजनीति सिर्फ क्षेत्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं रहने वाली। आने वाले समय में उत्तराखंड बीजेपी राष्ट्रीय विमर्श का अहम हिस्सा बन सकती है, और धामी का यह भाषण उसी रणनीति की ओर संकेत करता है।

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