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नवनियुक्त डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित ने संभाला ज़िम्मा, टिहरी के डीएम रहे मयूर दीक्षित को मिला हरिद्वार की कमान, नए जिलाधिकारी बोले – कानून व्यवस्था और विकास होगी प्राथमिकता, हरिद्वार को मिला नया जिलाधिकारी: मयूर दीक्षित ने संभाली कमान, टिहरी के कर्मठ डीएम रहे मयूर दीक्षित अब हरिद्वार के प्रशासनिक प्रमुख, बोले – कानून व्यवस्था, पारदर्शिता और विकास होंगी मेरी प्राथमिकता

इन्तजार रजा हरिद्वार- नवनियुक्त डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित ने संभाला ज़िम्मा,
टिहरी के डीएम रहे मयूर दीक्षित को मिला हरिद्वार की कमान,
नए जिलाधिकारी बोले – कानून व्यवस्था और विकास होगी प्राथमिकता,
हरिद्वार को मिला नया जिलाधिकारी: मयूर दीक्षित ने संभाली कमान,
टिहरी के कर्मठ डीएम रहे मयूर दीक्षित अब हरिद्वार के प्रशासनिक प्रमुख,
बोले – कानून व्यवस्था, पारदर्शिता और विकास होंगी मेरी प्राथमिकता


हरिद्वार।
उत्तराखंड का महत्वपूर्ण जिला हरिद्वार आज एक नए प्रशासनिक अध्याय में प्रवेश कर गया। टिहरी गढ़वाल के जिलाधिकारी रहे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मयूर दीक्षित ने 4 जून को दोपहर 12:15 बजे हरिद्वार के नए जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया। ट्रेज़री पहुंचते ही उनका प्रशासनिक अमले ने स्वागत किया और परंपरागत प्रक्रिया के अनुसार उन्होंने ज़िले की कमान संभाली।

मयूर दीक्षित को उत्तराखंड शासन द्वारा टिहरी गढ़वाल, पुनर्वास निदेशक टिहरी बांध परियोजना और जिला विकास प्राधिकरण टिहरी के पदों से मुक्त कर हरिद्वार का डीएम नियुक्त किया गया है। हरिद्वार में उनके आगमन से जहां प्रशासनिक हलकों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है, वहीं आम नागरिकों में भी सुशासन की उम्मीदें जगी हैं।

एक सुलझे हुए और अनुभवी अफसर की एंट्री

आईएएस मयूर दीक्षित उन अफसरों में शुमार हैं जिन्हें कर्मठता, पारदर्शिता और सख्त प्रशासनिक निर्णयों के लिए जाना जाता है। टिहरी में उनकी कार्यशैली की सराहना हुई, जहां उन्होंने पुनर्वास से जुड़े कई जटिल मामलों को न केवल संवेदनशीलता से सुना, बल्कि त्वरित समाधान भी दिए।

हरिद्वार जैसे धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील जिले में उनका आगमन शासन की दूरदर्शिता को दर्शाता है। यह जिला न केवल कुंभ जैसे महापर्वों का केंद्र है बल्कि पूरे वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं, जिससे कानून व्यवस्था, ट्रैफिक, स्वच्छता और अन्य कई प्रशासनिक जिम्मेदारियां निरंतर बनी रहती हैं।


🎤 कार्यभार संभालते ही मयूर दीक्षित का स्पष्ट संदेश

कार्यभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से बातचीत में मयूर दीक्षित ने अपने कार्यों की प्राथमिकता स्पष्ट करते हुए कहा –

“हरिद्वार मेरी दृष्टि में उत्तराखंड का सबसे महत्वपूर्ण जिला है। यहां की धार्मिक महत्ता के साथ-साथ, जनसंख्या दबाव, ट्रैफिक व्यवस्था, शहरीकरण और पर्यावरण संतुलन जैसी कई बड़ी चुनौतियाँ हैं। मेरी पहली प्राथमिकता कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करना, जनसुनवाई को प्रभावी बनाना और विकास कार्यों को गति देना रहेगी।”

उन्होंने यह भी कहा कि वे शासन और जनता के बीच सेतु बनकर काम करेंगे और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे।


📌 हरिद्वार की प्राथमिकताएं और चुनौतियाँ

हरिद्वार जिले की जमीनी सच्चाई यह है कि यहां पर

  • अवैध कॉलोनियों का अंबार,
  • पर्यावरणीय असंतुलन,
  • नदियों में प्रदूषण,
  • अवैध खनन,
  • नशे के बढ़ते कारोबार,
  • और अतिक्रमण जैसे मुद्दे लंबे समय से गंभीर समस्या बने हुए हैं।

इसके अलावा कुंभ और कांवड़ मेले जैसे आयोजनों के सफल संचालन के लिए भी प्रशासन को लगातार चौकन्ना रहना पड़ता है। इन सभी मामलों में मयूर दीक्षित को अपनी प्रशासनिक समझ और अनुभव से व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता लानी होगी।


🧾 पूर्ववर्ती जिलाधिकारियों की कार्यशैली से तुलना

हरिद्वार के हालिया कुछ जिलाधिकारियों ने भले ही कई प्रयास किए, लेकिन कुछ मुद्दों पर प्रशासन की सुस्ती के कारण जनता का विश्वास कमजोर पड़ा। अब मयूर दीक्षित की नियुक्ति को जनता एक “उम्मीद की नई किरण” के रूप में देख रही है।

उनका ट्रैक रिकॉर्ड बताता है कि वे जनसुनवाई को गंभीरता से लेते हैं और फ़ील्ड विज़िट करने में विश्वास रखते हैं। टिहरी में भी उन्होंने हर सप्ताह जनता दरबार लगाया और कई बार खुद मौके पर जाकर समस्याओं को समझा।


🗣️ हरिद्वार की जनता की अपेक्षाएं

हरिद्वार के आम नागरिकों से लेकर सामाजिक संगठनों, व्यापार मंडलों और धार्मिक संस्थानों को मयूर दीक्षित से कई उम्मीदें हैं:

  1. शहर में ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था पर नियंत्रण।
  2. स्वच्छता और नालों की सफाई को प्राथमिकता।
  3. गंगा नदी में गिरते नालों को रोकने के लिए ठोस कदम।
  4. अवैध व्यवसाय और अतिक्रमण पर सख्ती।
  5. महिलाओं की सुरक्षा और नशा कारोबार पर नकेल।
  6. नियमित जनसुनवाई और संवाद आधारित प्रशासन।

🛠️ नवीन योजनाओं का आगाज़ संभव

हरिद्वार में मयूर दीक्षित के आने से कई stalled या धीमी गति से चल रही योजनाओं को रफ्तार मिलने की संभावना है। स्मार्ट सिटी परियोजना, सड़क चौड़ीकरण, अतिक्रमण हटाने की योजना, और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट जैसे मुद्दों पर नई ऊर्जा के साथ काम होने की उम्मीद है।


📋 भविष्य की दिशा और नेतृत्व का दृष्टिकोण

अपने पहले संबोधन में मयूर दीक्षित ने साफ कहा –

“मैं यहाँ शासन की नीतियों को जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से लागू करूंगा। हरिद्वार को सुव्यवस्थित और पर्यटक-अनुकूल शहर बनाना हमारा लक्ष्य है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से भी मेरा आग्रह रहेगा कि वे अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा और समयबद्धता से निभाएं।”

उनके इस रुख से साफ है कि वे सिर्फ कागज़ी योजनाओं पर नहीं, बल्कि जमीनी क्रियान्वयन पर विश्वास करते हैं।


📌 निष्कर्ष: हरिद्वार को मिली नई उम्मीद

हरिद्वार जैसे चुनौतीपूर्ण जिले की कमान अब एक अनुभवी, सुलझे और जनहित में निर्णय लेने वाले अफसर के हाथ में है। मयूर दीक्षित की कार्यशैली और स्पष्ट सोच को देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि हरिद्वार अब विकास, पारदर्शिता और कानून व्यवस्था के नए युग में प्रवेश करेगा।

जनता की निगाहें अब उनके पहले कुछ निर्णयों और नीतिगत पहल पर टिकी होंगी।


🔹 ‘Daily Live Uttarakhand’ विशेष रिपोर्ट – हरिद्वार ब्यूरो
दिनांक: 4 जून 2025

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