तबादलों से हिली हरिद्वार में प्रशासनिक नींव, हरिद्वार में बंपर तबादलों से प्रशासनिक फेरबदल तेज, हरिद्वार में रजिस्ट्रार कानूनगो और लेखपालों का बड़ा ट्रांसफर अभियान, सीएम के निर्देश पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की पारदर्शी कार्यशैली का असर

इन्तजार रजा हरिद्वार- तबादलों से हिली हरिद्वार में प्रशासनिक नींव, हरिद्वार में बंपर तबादलों से प्रशासनिक फेरबदल तेज,
हरिद्वार में रजिस्ट्रार कानूनगो और लेखपालों का बड़ा ट्रांसफर अभियान,
सीएम के निर्देश पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की पारदर्शी कार्यशैली का असर
हरिद्वार, 09 जून 2025 | रिपोर्ट – इन्तजार रजा, Daily Live Uttarakhand
हरिद्वार जनपद में प्रशासनिक स्तर पर एक बड़ा बदलाव सामने आया है। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों और उत्तराखंड ट्रांसफर एक्ट 2021 के अनुपालन में एक ही स्थान पर वर्षों से जमे कर्मचारियों के तबादले कर दिए हैं। इस बदलाव को न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि इससे कामकाज में गति, दक्षता और जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद भी जताई जा रही है।
7 रजिस्ट्रार कानूनगो और 39 पटवारी/लेखपालों का तबादला, संतुलन और विकास को मिली प्राथमिकता
हरिद्वार जिले में लंबे समय से एक ही तहसील में कार्यरत 7 रजिस्ट्रार कानूनगो को अन्य तहसीलों में स्थानांतरित किया गया है। साथ ही 36 राजस्व उपनिरीक्षक (पटवारी) एवं लेखपालों का भी एक तहसील से दूसरी तहसील में तबादला कर दिया गया है। इसके अलावा 3 लेखपालों का तबादला उनके व्यक्तिगत अनुरोध पर स्वीकृत किया गया है, जिसे मानवीय दृष्टिकोण से एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
जिलाधिकारी ने सभी स्थानांतरित कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि वे तत्काल अपने नवीन कार्यस्थल पर योगदान कर कार्यभार ग्रहण करें, ताकि राजस्व और प्रशासनिक कार्यों में किसी भी प्रकार का व्यवधान न आए।
सीएम धामी के आदेश पर जनपद स्तर पर बड़ी पहल, प्रशासनिक ढांचे को संतुलित करने की कवायद
यह स्थानांतरण अभियान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासनिक प्रणाली की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि “एक ही स्थान पर वर्षों तक जमे अधिकारी व कर्मचारी व्यवस्था को प्रभावित करते हैं, इसलिए तय मापदंडों के तहत नियमित स्थानांतरण सुनिश्चित किए जाएं।”
इसी क्रम में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने न केवल राजस्व विभाग में स्थानांतरणों की प्रक्रिया को तेजी से लागू किया है, बल्कि अन्य विभागों की भी समीक्षा आरंभ कर दी गई है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि –
“जो कार्मिक एक ही विकासखंड या विभाग में 4 साल से अधिक समय से तैनात हैं, उनका शीघ्र अन्य विकासखंडों में स्थानांतरण सुनिश्चित किया जाए। विशेषकर वीडीओ, वीपीडीओ, और अन्य ग्राम विकास से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों पर प्राथमिकता से कार्रवाई की जाए।”
पारदर्शिता, अनुभव और संतुलन पर आधारित तबादला नीति, स्थानीय राजनीति से प्रभावित नहीं
पारंपरिक रूप से तबादलों को लेकर अक्सर आरोप-प्रत्यारोप और राजनीतिक हस्तक्षेप की बातें सामने आती रही हैं। लेकिन इस बार का स्थानांतरण अभियान सरल, पारदर्शी और नियमबद्ध प्रक्रिया के तहत किया गया है। किसी भी कर्मचारी को राजनीतिक आधार पर हटाया या बचाया नहीं गया, बल्कि पूरी प्रक्रिया “उत्तराखंड ट्रांसफर एक्ट” के मानकों पर आधारित रही।
सूत्रों की मानें तो जिलाधिकारी ने खुद सभी तहसीलों की कार्यप्रणाली, कर्मचारियों की तैनाती की अवधि, कार्य संतुष्टि रिपोर्ट और शिकायतों के आधार पर समीक्षा की। उसके बाद ही स्थानांतरण आदेश जारी किए गए।
इस प्रक्रिया से उन कर्मचारियों को भी अवसर मिलेगा जो वर्षों से कठिन क्षेत्रों में कार्यरत रहे हैं, जबकि कुछ अधिकारी एक ही सुविधाजनक तहसील में जमे हुए थे।
प्रशासनिक हलकों में हलचल, कई वर्षों से जमे कर्मचारियों की कुर्सी हिली
इन स्थानांतरणों के बाद प्रशासनिक गलियारों में हलचल है। कुछ कर्मचारियों के लिए यह तबादले अप्रत्याशित रहे, वहीं कुछ ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि इससे “काम के नए अवसर और चुनौतियाँ मिलेंगी, जो व्यक्तिगत विकास और जनता की सेवा के लिए जरूरी हैं।”
वहीं दूसरी ओर कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने तबादलों को अपने कैरियर का नया पड़ाव बताया है। उनके मुताबिक, नई जगह पर काम करने से स्थानीय प्रशासनिक संरचना को समझने और अपनी दक्षता दिखाने का मौका मिलेगा।
जनता के लिए संदेश – अब पुरानी सेटिंग-व्यवस्था से मुक्ति की उम्मीद
हरिद्वार की जनता के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है। वर्षों से एक ही जगह तैनात कर्मचारियों को लेकर कई बार पारदर्शिता, पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। इन स्थानांतरणों से न केवल राजस्व विभाग की कार्यशैली में बदलाव आएगा, बल्कि जनता को भी निष्पक्षता और समानता का अनुभव होगा।
एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने टिप्पणी करते हुए कहा –
“यह तबादला अभियान प्रशंसनीय है। जब अधिकारी एक ही स्थान पर लंबे समय तक रहते हैं तो ‘स्थानीय गठजोड़’ बन जाते हैं, जिससे पारदर्शिता प्रभावित होती है। ऐसे कदमों से ही प्रशासन में सुधार आता है।”
आगे क्या? अन्य विभागों की भी होगी सर्जरी
राजस्व विभाग में तबादलों के बाद अब निगाहें ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, समाज कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे विभागों पर टिक गई हैं। जिलाधिकारी ने साफ कर दिया है कि 4 साल से ज्यादा एक ही विकास खंड में तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों का भी शीघ्र तबादला होगा।
इससे यह स्पष्ट संकेत जाता है कि प्रशासनिक व्यवस्था को एक स्थिर और निष्पक्ष ढांचे की ओर ले जाया जा रहा है, जहां कर्मचारियों की नियुक्ति न तो व्यक्तिगत संबंधों पर आधारित होगी, न ही सिफारिशों पर।
निष्कर्ष : तबादला नहीं, नई व्यवस्था की शुरुआत
हरिद्वार में रजिस्ट्रार कानूनगो और लेखपालों के बंपर तबादले केवल स्थान परिवर्तन नहीं हैं, बल्कि यह एक प्रशासनिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री के आदेश, ट्रांसफर एक्ट की पालना, और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की सख्त कार्यशैली – इन तीनों ने मिलकर जनपद में एक नई “कार्य-संस्कृति” की शुरुआत कर दी है।
अब देखना होगा कि अन्य विभागों में भी यह सर्जरी कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से की जाती है।
रिपोर्ट: इन्तजार रजा,
Daily Live Uttarakhand – हरिद्वार ब्यूरो