महिला शक्ति का सिंबल बनीं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां,, पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया से हुई पारदर्शी भर्ती, भ्रष्टाचार पर लगा अंकुश,, हरिद्वार से प्रदेशभर के 7 जनपदों में नियुक्ति पत्र वितरण, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बढ़ाया उत्साह

इन्तजार रजा हरिद्वार- महिला शक्ति का सिंबल बनीं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां,,
पहली बार ऑनलाइन प्रक्रिया से हुई पारदर्शी भर्ती, भ्रष्टाचार पर लगा अंकुश,,
हरिद्वार से प्रदेशभर के 7 जनपदों में नियुक्ति पत्र वितरण, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने बढ़ाया उत्साह
हरिद्वार, 19 जून 2025।
राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए उत्तराखंड सरकार ने गुरुवार को प्रदेश के सात जनपदों की 2258 नवनियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस भव्य आयोजन की अगुवाई हरिद्वार के ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय स्थित सभागार से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने की। इस समारोह में हरिद्वार जिले की चयनित महिलाओं ने प्रत्यक्ष रूप से और अन्य छह जनपदों—बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, पिथौरागढ़, उधमसिंह नगर, उत्तरकाशी—की महिलाएं ऑनलाइन माध्यम से भागीदारी की।
महिला सशक्तिकरण के लिए दृढ़ संकल्पित सरकार
रेखा आर्या ने इस मौके पर संबोधन देते हुए कहा कि यह सिर्फ नियुक्ति पत्र नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन का दस्तावेज है। “आंगनबाड़ी कार्यकत्री का कार्य सेवा और समर्पण का माध्यम है। यह केवल नौकरी नहीं, बल्कि समाज के प्रति दायित्व निभाने का एक अवसर है,” उन्होंने कहा।
मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में 7052 पदों पर नियुक्तियां की हैं जिनमें 6330 आंगनबाड़ी सहायिकाएं और 722 कार्यकत्रियां शामिल हैं। खास बात यह रही कि इस बार भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन मोड पर आयोजित की गई, जो राज्य के प्रशासनिक इतिहास में पहली बार हुआ।
उनका कहना था कि “इस भर्ती प्रक्रिया ने जहां भ्रष्टाचार की संभावना को पूरी तरह खत्म किया, वहीं इससे योग्य और उच्च शिक्षित महिलाओं को उनकी प्रतिभा के आधार पर चयन का अवसर मिला।” उन्होंने बताया कि पूरी चयन प्रक्रिया मात्र तीन माह में पारदर्शिता से पूरी की गई जो उत्तराखंड सरकार के सुशासन और इच्छाशक्ति का परिचायक है।
नवचयनित कर्मियों से अपेक्षाएं और दायित्व
रेखा आर्या ने नई नियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आने वाले समय में वे न केवल बच्चों की पोषण, शिक्षा और सुरक्षा का ख्याल रखेंगी, बल्कि स्वास्थ्य, स्वच्छता, टीकाकरण और महिला जागरूकता जैसे जनहित विषयों में भी सक्रिय भागीदार बनेंगी।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षित महिलाओं का चयन होने से विभाग की कार्यदक्षता में निश्चित रूप से सुधार आएगा। आज बीए, एमए, बीएड, एमएससी और यहां तक कि पीएचडी तक की शिक्षा प्राप्त महिलाएं आंगनबाड़ी में सेवा देने को तैयार हैं, जो इस संस्था के स्तर को नई ऊंचाई देगा।
रेखा आर्या ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन पदों पर नियुक्ति पत्र तकनीकी या आपत्तियों के कारण रुके हैं, उनका शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाए।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर एक और उदाहरण पेश करते हुए कैबिनेट मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अब हर स्तर पर पारदर्शी प्रक्रियाओं को अपनाकर जनता का विश्वास जीतने के संकल्प पर चल रही है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्रक्रिया से चयन करके सरकार ने जनता को यह विश्वास दिलाया है कि अब “सिफारिश और रिश्वत” नहीं बल्कि “योग्यता और मेहनत” ही चयन की कसौटी होगी।
इस मौके पर उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना किए बिना यह इशारा जरूर किया कि पहले ऐसी नियुक्तियां वर्षों तक अटकी रहती थीं, या फिर बाहरी प्रभावों का शिकार होती थीं। लेकिन अब सरकार का एकमात्र लक्ष्य है—”सुशासन, पारदर्शिता और सेवा की भावना।”
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मौजूदगी से बढ़ा उत्साह
इस अवसर पर केवल हरिद्वार ही नहीं, बल्कि अन्य जनपदों से भी अनेक वरिष्ठ नेता और जनप्रतिनिधि ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। इनमें डीडीहाट विधायक बिशन सिंह चुफाल, लोहाघाट विधायक खुशहाल सिंह अधिकारी, रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा, राज्य मंत्री श्याम नारायण पांडेय, गणेश सिंह भंडारी, पिथौरागढ़ की मेयर कल्पना, चम्पावत की नगर पालिका अध्यक्ष प्रभा पांडेय समेत कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
हरिद्वार से मेयर किरण जैसल और जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा ने भी समारोह में सक्रिय भूमिका निभाई। उपनिदेशक विक्रम सिंह ने पूरी भर्ती प्रक्रिया की तकनीकी जानकारी साझा करते हुए बताया कि विभाग ने राज्य स्तर पर डिजिटल अभिलेख और ऑनलाइन इंटरव्यू जैसे कदम उठाकर इस प्रक्रिया को प्रभावशाली और निष्पक्ष बनाया।
नियुक्तियां और आंकड़ों की जानकारी
इस समारोह के अंतर्गत हरिद्वार, बागेश्वर, चमोली, चम्पावत, पिथौरागढ़, उधमसिंह नगर और उत्तरकाशी में कुल 2258 महिलाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए जिनमें 245 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां और 2013 सहायिकाएं थीं।
आंकड़ों के अनुसार:
- हरिद्वार : 620 सहायिकाएं व 45 कार्यकत्रियां
- पिथौरागढ़ : 390 सहायिकाएं व 42 कार्यकत्रियां
- उधमसिंह नगर : 415 सहायिकाएं व 38 कार्यकत्रियां
- चम्पावत : 185 सहायिकाएं व 30 कार्यकत्रियां
- बागेश्वर : 150 सहायिकाएं व 24 कार्यकत्रियां
- उत्तरकाशी : 153 सहायिकाएं व 31 कार्यकत्रियां
- चमोली : 100 सहायिकाएं व 35 कार्यकत्रियां
(नोट: ये आंकड़े प्रतीकात्मक हैं, अंतिम रिपोर्टिंग में अपडेट हो सकते हैं)
भविष्य की योजनाएं और डिजिटल क्रांति की झलक
रेखा आर्या ने भविष्य की योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि अब सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा। प्रत्येक केंद्र में बच्चों का डाटा, पोषण, टीकाकरण, गतिविधियों का लेखा-जोखा मोबाइल एप या ऑनलाइन पोर्टल से जुड़ेगा। इससे राज्य स्तरीय निगरानी व्यवस्था सुदृढ़ होगी और योजनाओं का प्रभाव जमीनी स्तर तक पहुंचेगा।
उन्होंने आंगनबाड़ी सहायिकाओं और कार्यकत्रियों से अपील की कि वे सिर्फ अपने दायित्वों तक सीमित न रहें बल्कि समाज में महिला शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और बाल अधिकारों को लेकर जनजागरण की भूमिका भी निभाएं।
समापन और संदेश
समारोह के समापन पर रेखा आर्या ने सभी नवनियुक्त महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “आप सभी समाज में उम्मीद की नई किरण बनें। आपकी सेवा से न केवल बच्चों का भविष्य उज्ज्वल होगा, बल्कि उत्तराखंड की नई पीढ़ी को एक सशक्त नींव भी मिलेगी।”
इस भव्य आयोजन ने राज्य में महिलाओं की सामाजिक भागीदारी को नई ऊर्जा दी है और यह संदेश भी स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड सरकार, महिला सशक्तिकरण के पथ पर सिर्फ घोषणाओं से नहीं, बल्कि ठोस कार्यों से आगे बढ़ रही है।
रिपोर्ट: Daily Live Uttarakhand
रिपोर्टर: इन्तजार रजा, हरिद्वार