ग्राम पंचायत गढ में उप प्रधान राजू गुप्ता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित, राजू गुप्ता उप प्रधान पद से हटाए गए,, पीठासीन अधिकारी रहे एडीओ पंचायत विजेंद्र सैनी, राजू गुप्ता सहित कुल है 15 सदस्य ,अब 14 सदस्यों ने जताया अविश्वास,, कार्यशैली को लेकर लंबे समय से चल रहा था विरोध, अब जल्द होगा गढ मे नए उप प्रधान का चुनाव

इन्तजार रजा हरिद्वार- ग्राम पंचायत गढ में उप प्रधान राजू गुप्ता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित, राजू गुप्ता उप प्रधान पद से हटाए गए,,
पीठासीन अधिकारी रहे एडीओ पंचायत विजेंद्र सैनी, राजू गुप्ता सहित कुल है 15 सदस्य ,अब 14 सदस्यों ने जताया अविश्वास,,
कार्यशैली को लेकर लंबे समय से चल रहा था विरोध, अब जल्द होगा गढ मे नए उप प्रधान का चुनाव

पीठासीन अधिकारी के रूप में सहायक विकास अधिकारी पंचायत (एडीओ पंचायत) श्री विजेंद्र सैनी ने इस प्रक्रिया की निगरानी की। यह बैठक शांतिपूर्ण और नियमानुसार आयोजित की गई, जिसमें कुल 15 सदस्यों में से 14 ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
पंचायत में लम्बे समय से चला आ रहा था विवाद
सूत्रों के अनुसार, उप प्रधान राजू गुप्ता की कार्यशैली को लेकर कई सदस्यों में लंबे समय से असंतोष था। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि राजू गुप्ता पारदर्शिता और सामूहिक निर्णय प्रक्रिया से दूर रहते थे, जिससे पंचायत के भीतर सामूहिक कामकाज बाधित हो रहा था।
कई बार शिकायतों के बावजूद सुधार नहीं हुआ, जिससे सदस्यों ने आखिरकार अविश्वास प्रस्ताव का रास्ता चुना।
निष्पक्ष रही मतदान प्रक्रिया
एडीओ पंचायत श्री विजेंद्र सैनी ने बताया कि बैठक की पूरी प्रक्रिया पंचायतीराज अधिनियम के नियमों के अनुसार संचालित की गई। सभी सदस्यों को समय से सूचना दी गई थी और मतदान पूरी निष्पक्षता से कराया गया। किसी भी सदस्य ने बैठक का बहिष्कार नहीं किया और पूरी प्रक्रिया में कोई विवाद नहीं हुआ।
अब जल्द होगा गढ मे नए उप प्रधान का चुनाव
राजू गुप्ता को औपचारिक रूप से पद से हटाए जाने के बाद अब ग्राम पंचायत गढ़ में नए उप प्रधान के चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार, यह प्रक्रिया तय समयसीमा में सम्पन्न कर ली जाएगी, ताकि पंचायत कार्यों में कोई व्यवधान न आए। ग्रामीणों में भी अब यह उम्मीद है कि नए उप प्रधान के रूप में कोई ऐसा प्रतिनिधि चुना जाएगा जो सभी के साथ मिलकर काम करे।
ग्रामीणों ने जताई संतुष्टि
गांव के कई निवासियों ने इस फैसले का समर्थन किया है। उनका कहना है कि पंचायत में निष्पक्ष, पारदर्शी और सामूहिक कार्यप्रणाली आवश्यक है, और जब कोई प्रतिनिधि इन मूलभूत सिद्धांतों से हटने लगता है, तो जनता की आवाज़ ही सर्वोपरि होती है।
ग्रामवासियों का विश्वास है कि अब पंचायत में विकास कार्यों में तेजी आएगी और सभी की भागीदारी से बेहतर निर्णय लिए जा सकेंगे।