गढमीरपुर-तेलीवाला मार्ग सालों से बेहाल, अब हर तरफ कीचड़ और गड्ढे ही गड्ढे,, जुलूस-ए-हुसैनी से पहले भी नहीं जागा प्रशासन,, अकीदतमंदों की आस्था से हो रहा खिलवाड़,, जुलूस-ए-हुसैनी की राह में दलदल, किचड़ और जलभराव के गड्ढे,, प्रशासन आंख मूंदे बैठा स्कूल-कॉलेज, दर्जनों गांवों की लाइफलाइन बना रास्ता बना गया मुसीबत की फजीहत,, ग्रामीणो ने डीएम हरिद्वार से लगाई गुहार

इन्तजार रजा हरिद्वार- गढमीरपुर-तेलीवाला मार्ग सालों से बेहाल, अब हर तरफ कीचड़ और गड्ढे ही गड्ढे,,
जुलूस-ए-हुसैनी से पहले भी नहीं जागा प्रशासन,, अकीदतमंदों की आस्था से हो रहा खिलवाड़,,
जुलूस-ए-हुसैनी की राह में दलदल, किचड़ और जलभराव के गड्ढे,, प्रशासन आंख मूंदे बैठा
स्कूल-कॉलेज, दर्जनों गांवों की लाइफलाइन बना रास्ता बना गया मुसीबत की फजीहत,, ग्रामीणो ने डीएम हरिद्वार से लगाई गुहार

हरिद्वार जिले के गढमीरपुर से तेलीवाला को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग वैसे तो सालों से अपनी बदहाली के आंसू रो रहा है लेकिन अब पहली ही बारिश में दलदल और गड्ढो में तब्दील हो गया है। सड़क की दुर्दशा ने जहां आमजन के जीवन को कठिन बना दिया है, वहीं आगामी मोहर्रम में निकलने वाले जुलूस-ए-हुसैनी की तैयारी को लेकर भी बड़ी चिंता खड़ी कर दी है। गौरतलब है कि इस मार्ग से होकर गढमीरपुर में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का ऐतिहासिक महाजुलूस निकलता है, जिसमें हर साल करीब 50,000 से अधिक अकीदतमंद शरीक होते हैं।
सड़क या खंदक? पहली बारिश में उधड़ गया विकास का चेहरा
बारिश की कुछ बूंदों ने ही इस मार्ग की असलियत उजागर कर दी है। सड़क जगह-जगह से धंसी हुई है, भारी गढ्ढे और पानी का भराव किसी जानलेवा हादसे को दावत दे रहे हैं। कहीं सड़क पूरी तरह उखड़ गई है तो कहीं मिट्टी और कीचड़ ने रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया है। लोगों का कहना है कि अब इस रास्ते पर चलना जोखिम उठाने जैसा है, दोपहिया वाहन भी तो लगभग नामुमकिन हो चला है।
डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित से लगाई गुहार, पर विभाग सोया पड़ा है
स्थानीय लोगों ने इस जर्जर सड़क की शिकायत जिलाधिकारी मयूर दीक्षित तक मीडिया के माध्यम से पहुंचाई है। डीएम साहब ने मामले को अगर गंभीरता से लेते हुए “पेंचवर्क” करा देंगे तो यहां के हालात सुधरने की उम्मीद नजर आ रही है। ग्रामीणों की मांग है कि इस सड़क का पुनर्निर्माण किया जाए, जिससे न सिर्फ जुलूस सुचारू रूप से निकल सके बल्कि आम जीवन भी फिर से आसान हो।
जुलूस-ए-हुसैनी को लेकर बढ़ी चिंता, दलदल में जाएगी श्रद्धा?
गढमीरपुर का जुलूस-ए-हुसैनी उत्तराखंड के प्रमुख मुहर्रम आयोजनों में शुमार है। यहां हजारों की संख्या में अकीदतमंद दूर-दूर से आते हैं। तेलीवाला मार्ग ही इस आयोजन की जीवनरेखा है, लेकिन वर्तमान हालात देखकर लगता है कि श्रद्धा की राह इस बार दलदल से होकर गुज़रेगी। जुलूस के आयोजकों ने चिंता जताई है कि अगर समय रहते रास्ते को दुरुस्त नहीं किया गया, तो भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
स्कूल-कॉलेज, दर्जनों गांवों की एंट्री यही रास्ता, छात्र सबसे ज्यादा परेशान
इस मार्ग से होकर ही पंचपुरी क्षेत्र के डा. भीमराव अंबेडकर इंटर कॉलेज और आसपास के करीब दर्जन भर गांवों की मुख्य आवाजाही होती है। छात्र-छात्राएं, किसान, मजदूर, दुकानदार सभी इसी रास्ते पर निर्भर हैं। खराब सड़क ने छात्र जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। तो कुछ दुर्घटना के डर से घरवालों द्वारा रोके जा रहे हैं।
जनप्रतिनिधि नदारद, विभागीय उदासीनता पर उठे सवाल
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और संबंधित विभाग की चुप्पी इस समस्या को और गंभीर बना रही है। ग्रामीणों ने बताया कि बीते कई वर्षों से इस मार्ग की मरम्मत के नाम पर केवल “कागज़ी कार्रवाई” हुई है। बजट भी स्वीकृत हुआ लेकिन धरातल पर कोई ठोस कार्य नहीं हुआ। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही ठोस निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
क्या कहते हैं ग्रामीण:
जावेद अब्बासी स्थानीय निवासी गढमीरपुर
“40 साल से ये जुलूस इसी रास्ते से जाता आ रहा है। ऐसा हाल पहली बार देखा है। हम अपनी आंखों से देख रहे हैं कि बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे। ये इंसाफ नहीं है।”
मौ. हसीन ठेकेदार स्थानीय निवासी पुरनपुर साल्हापुर
“कीचड़ और गढ्ढों में रोज गिरते हैं। बच्चे बीमार पड़ जाते हैं। सरकार बस चुनाव के टाइम याद करती है।”लेकिन वर्तमान हालात देखकर लगता है कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के सालाना महाआयोजन में अकीदत की राह इस बार दलदल और कीचड़ से होकर गुज़रेगी। जुलूस के आयोजन को लेकर सभी की चिंता बढ़ गई है कि अगर समय रहते रास्ते को दुरुस्त नहीं किया गया, तो भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
प्रशासन को चेतावनी, नहीं सुधरे हालात तो होगा प्रदर्शन
ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने मिलकर तय किया है कि अगर जल्द से जल्द कोई कार्य शुरू नहीं होता तो वे जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि शांति और आस्था की राह में बाधा पैदा करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
गढमीरपुर से तेलीवाला को जोड़ने वाला मार्ग सिर्फ एक सड़क नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की जीवनरेखा है। मोहर्रम जैसे बड़े धार्मिक आयोजन, हजारों की दैनिक आवाजाही और छात्र-छात्राओं की शिक्षा इससे जुड़ी है। शासन-प्रशासन को चाहिए कि जल्द ही पेंचवर्क कराये और जैसे तात्कालिक उपाय कर इस मार्ग का समग्र पुनर्निर्माण कराया जाए। तभी जाकर श्रद्धा, शिक्षा और जनजीवन की राह फिर से सहज बन सकेगी।
इन्तजार रज़ा
‘डेली लाइव उत्तराखंड’ के लिए विशेष रिपोर्ट
स्थान – गढमीरपुर, हरिद्वार