सीडीओ आकांक्षा कोण्डे की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विभागीय समीक्षा बैठक: विकास कार्यों में तेजी के निर्देश,, ग्राम विकास अधिकारियों की लापरवाही पर सख्ती, 9 का वेतन रोका,, मनरेगा, पीएमएवाई-ग्रामीण और रीप परियोजना की प्रगति पर विशेष फोकस

इन्तजार रजा हरिद्वार- सीडीओ आकांक्षा कोण्डे की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विभागीय समीक्षा बैठक: विकास कार्यों में तेजी के निर्देश,,
ग्राम विकास अधिकारियों की लापरवाही पर सख्ती, 9 का वेतन रोका,,
मनरेगा, पीएमएवाई-ग्रामीण और रीप परियोजना की प्रगति पर विशेष फोकस
हरिद्वार, 10 जुलाई 2025
हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित जिला मुख्यालय विकास भवन में आज एक महत्वपूर्ण जिला स्तरीय विभागीय प्रगति समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) श्रीमती आकांक्षा कोण्डे ने की, जिसमें जिले के प्रमुख विकास योजनाओं की प्रगति का गहन मूल्यांकन किया गया। बैठक में डीआरडीए परियोजना निदेशक श्री कैलाश नाथ तिवारी, जिला विकास अधिकारी श्री वेदप्रकाश, डीपीआरओ श्री अतुल प्रताप सिंह, सीएचओ श्री तेजपाल सिंह, सहायक परियोजना निदेशक सुश्री नलिनीत घिल्डियाल सहित समस्त खंड विकास अधिकारी एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रमुख योजनाओं की समीक्षा: लक्ष्य पूर्ति पर विशेष जोर
सीडीओ आकांक्षा कोण्डे ने बैठक में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), पीएमजीएसवाई, ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना और एनआरएलएम की विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इन योजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों की गति और गुणवत्ता दोनों ही सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं, और इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विशेष रूप से मनरेगा के अंतर्गत कृषि आधारित एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (NRM) कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने और अभिसरण योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने पर बल दिया गया। सीडीओ ने कहा कि जल संरक्षण, भूमि सुधार और ग्रामीण आजीविका को मजबूत करने वाले कार्यों को जमीनी स्तर पर तेज किया जाए।
अमृत सरोवर और पीएमएवाई (ग्रामीण) की स्थिति
बैठक में अमृत सरोवर परियोजनाओं की भी गहन समीक्षा की गई। सीडीओ ने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में प्रस्तावित और निर्माणाधीन सरोवरों की भौतिक प्रगति की नियमित रिपोर्टिंग की जाए। उन्होंने इन कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत शेष बचे हुए लाभार्थियों के सर्वेक्षण कार्यों को शीघ्रातिशीघ्र पूरा करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया। उन्होंने कहा कि लाभार्थी चयन और डाटा एंट्री में देरी की कोई गुंजाइश नहीं है, और पात्र लोगों को समय पर आवास उपलब्ध कराना प्राथमिक जिम्मेदारी है।
9 ग्राम विकास अधिकारियों पर कार्रवाई: वेतन रोकने का निर्देश
मुख्य विकास अधिकारी ने कार्य में लापरवाही और जवाबदेही से बचने की प्रवृत्ति पर कड़ा संज्ञान लिया। उन्होंने बताया कि जिन ग्राम विकास अधिकारियों ने अब तक कार्यभार का विधिवत हस्तांतरण नहीं किया है, उनके वेतन पर रोक लगाई जा रही है। इस आदेश से स्पष्ट संदेश गया कि अब जिले में कार्य के प्रति लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सीडीओ ने संबंधित खंड विकास अधिकारियों को भी आगाह करते हुए कहा कि वे अपनी निगरानी प्रणाली को और मजबूत करें तथा अधीनस्थ कर्मियों के प्रदर्शन पर नियमित रूप से रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
रीप परियोजना एवं एनआरएलएम पर फोकस
बैठक में ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के अंतर्गत चल रही एंटरप्राइज गतिविधियों की भी समीक्षा की गई। सीडीओ ने परियोजना में शामिल महिला स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त करने की दिशा में प्रगति पर संतोष जताया, परंतु कुछ स्थानों पर लक्ष्य से पीछे रहने पर सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी ब्लॉक स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा बैठकें आयोजित करने और उनकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के सख्त निर्देश दिए।
एनआरएलएम के तहत महिला समूहों की आयवर्धन गतिविधियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके उत्पादों को स्थानीय बाजारों तक पहुंचाने के लिए विभाग को नई रणनीतियों के साथ काम करना होगा। प्रशिक्षण, फंडिंग और ब्रांडिंग में एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया गया।
अंतिम निर्देश: कार्य संस्कृति में सुधार अनिवार्य
सीडीओ आकांक्षा कोण्डे ने बैठक के समापन पर कहा कि हरिद्वार जैसे महत्वपूर्ण जिले में विकास कार्यों की गति तेज करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि विभागीय योजनाओं की समयबद्ध पूर्ति ही उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। “अब समीक्षा बैठकों का उद्देश्य केवल आंकड़े इकट्ठा करना नहीं, बल्कि जमीनी सुधार लाना है। यदि अधिकारी जवाबदेही नहीं निभाएंगे तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है,” सीडीओ ने दो टूक शब्दों में कहा।
उन्होंने सभी विभागीय प्रमुखों से कहा कि वे फील्ड विजिट बढ़ाएं, लाभार्थियों से सीधे संवाद करें और योजनाओं की पारदर्शिता बनाए रखें।
हरिद्वार जनपद में आयोजित यह समीक्षा बैठक केवल प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक स्पष्ट चेतावनी भी थी कि शासन की योजनाओं में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन ग्राम विकास अधिकारियों ने लापरवाही बरती, उनके विरुद्ध वेतन रोकने की कार्रवाई यह साबित करती है कि अब जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि समीक्षा बैठकों के यह कड़े निर्देश जमीनी बदलाव में कितने सफल साबित होते हैं।