जनसुनवाई में डीएम मयूर दीक्षित का बड़ा एक्शन,, CM हेल्पलाइन की ढिलाई पर पंचायतीराज अधिकारी को नोटिस, कांवड़ यात्रा तैयारियों की समीक्षा भी तेज़

इन्तजार रजा हरिद्वार- जनसुनवाई में डीएम मयूर दीक्षित का बड़ा एक्शन,,
CM हेल्पलाइन की ढिलाई पर पंचायतीराज अधिकारी को नोटिस, कांवड़ यात्रा तैयारियों की समीक्षा भी तेज़
🔴 हरिद्वार, 14 जुलाई 2025 – रिपोर्ट: इन्तजार रज़ा
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की सख्त और संवेदनशील कार्यशैली एक बार फिर सुर्खियों में है। सोमवार को जिला कार्यालय सभागार में हुई जनसुनवाई में जहां जनता की 28 समस्याएं दर्ज हुईं, वहीं मौके पर ही 15 मामलों का समाधान कर प्रशासन ने साबित किया कि “काम की रफ्तार ही जनता के भरोसे की बुनियाद है।”
इस जनसुनवाई में आए लोगों की प्रमुख समस्याओं में अवैध कब्जे, गन्ना भुगतान, जमीन विवाद, स्कॉलरशिप, और राशन कार्ड से नाम जोड़ने जैसे मुद्दे प्रमुख रहे।
🔹 फरियादी क्या बोले:
- अंकुर मल्होत्रा (शिवालिक नगर): “कॉम्प्लेक्स के पास अवैध खोखे हटवाइए, रास्ता ही बंद हो गया है!”
- संदीप कुमार (इकबालपुर): “गन्ना मिल ने अभी तक बकाया नहीं चुकाया।”
- ज्ञानचंद, उपप्रधान (खानपुर ब्रह्मपुर): “सरकारी योजनाओं में खुला भ्रष्टाचार है, कार्रवाई चाहिए!”
📌 सीएम हेल्पलाइन पर एक्शन मोड
पंचायतीराज विभाग की लापरवाही पर डीएम सख्त
जन सुनवाई के बाद जब सीएम हेल्पलाइन पोर्टल की विभागवार समीक्षा हुई, तो पंचायतीराज विभाग की लापरवाही सामने आई। शिकायतों के निस्तारण की रफ्तार बेहद धीमी थी। इस पर डीएम ने जिला पंचायतराज अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दे दिए।
🔔 डीएम की दो टूक चेतावनी:
“अब माफ नहीं किया जाएगा! सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें समयबद्ध नहीं निपटाईं तो सीधे कार्रवाई होगी।”
उन्होंने साफ किया कि सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) स्तर तक जवाबदेही तय की जाएगी।
📝 यूसीसी पोर्टल: विवाह पंजीकरण को लेकर निर्देश
डीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि यूसीसी पोर्टल पर विवाह पंजीकरण को लेकर जागरूकता फैलाई जाए। उन्होंने कहा कि “हर पात्र व्यक्ति का विवाह पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए, पंचायत स्तर तक प्रचार किया जाए।”
✅ इससे संबंधित विवाद, उत्तराधिकार या सरकारी योजनाओं में मिलने वाली सुविधाएं भविष्य में सुगम होंगी।
🕉️ कांवड़ मेला: ज़ोनल सिस्टम से निगरानी
हरिद्वार में चल रहे कांवड़ मेला 2025 को लेकर डीएम मयूर दीक्षित ने ऑनलाइन समीक्षा बैठक की। इस बैठक में सभी सुपर जोनल मजिस्ट्रेट और प्रमुख विभागीय अधिकारी शामिल हुए।
🗣️ डीएम के निर्देश:
- “हर ज़ोनल मजिस्ट्रेट अपने क्षेत्र के स्टाफ से संपर्क में रहे।”
- “जमीन पर जो काम हो रहा है, उसकी जानकारी अफसरों को भी सीधे हो।”
- “समस्याओं के समाधान में देरी नहीं होनी चाहिए।”
🧭 सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो — चाहे बात जल, बिजली, ट्रैफिक, साफ-सफाई या चिकित्सा सुविधा की हो।
🧾 बैठक में कौन-कौन रहे शामिल
इस व्यापक समीक्षा बैठक में प्रशासनिक अमला पूरी गंभीरता से मौजूद रहा:
- 🟩 मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे
- 🟩 एडीएम प्रशासन पीआर चौहान
- 🟩 एडीएम वित्त दीपेंद्र सिंह नेगी
- 🟩 मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता
- 🟩 जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश
- 🟩 जिला बाल विकास अधिकारी सुलेखा सहगल
- 🟩 जिला अर्थ संख्या अधिकारी नलिनी ध्यानी
- 🟩 अधिशासी अभियंता यूपीसीएल दीपक सैनी
- 🟩 बेसिक शिक्षा अधिकारी आशुतोष भंडारी
- 🟩 आरटीओ कृष्ण चंद्र पलारिया, एआरटीओ नेहा झा
- 🟩 एसीएमओ डॉ. अनिल वर्मा
इन सभी अधिकारियों को विभागीय जिम्मेदारी का पुनः स्मरण कराते हुए डीएम ने चेताया — “समस्याएं नहीं सुलझीं तो व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय होगी।”
🔍 जनता की अदालत में खरे उतरे डीएम दीक्षित
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की कार्यशैली ने यह साफ कर दिया कि अब काम के नतीजे दिखने चाहिए, फाइलों में धूल नहीं। जनता की उम्मीदें अब एक बार फिर प्रशासन से जुड़ रही हैं।
- जनसुनवाई हो या सीएम हेल्पलाइन,
- विवाह पंजीकरण हो या कांवड़ यात्रा की व्यवस्था —
हर पहलू पर डीएम ने “प्रभावी और ठोस फैसले” लिए।
“Daily Live Uttarakhand” की टीम का मानना है कि हर जिले को ऐसा ही जवाबदेह और ज़मीन से जुड़ा डीएम मिलना चाहिए — जो न सिर्फ सुनता है, बल्कि हल भी निकालता है।
✍️ रिपोर्ट: इन्तजार रज़ा, हरिद्वार से विशेष कवरेज