लक्सर के गिद्दावाली में फैली दहशत, मगरमच्छ का रेस्क्यू कर सुरक्षित छोड़ा गया,, रात 2:30 बजे शुरू हुआ रेस्क्यू अभियान, सुबह 4:30 बजे तक चली रेस्क्यू टीम की मशक्कत,, शैलेन्द्र सिंह नेगी रेंजर बोले: वन विभाग हर चुनौती के लिए है तैयार

इन्तजार रजा हरिद्वार- लक्सर के गिद्दावाली में फैली दहशत, मगरमच्छ का रेस्क्यू कर सुरक्षित छोड़ा गया,,
रात 2:30 बजे शुरू हुआ रेस्क्यू अभियान, सुबह 4:30 बजे तक चली रेस्क्यू टीम की मशक्कत,,
शैलेन्द्र सिंह नेगी रेंजर बोले: वन विभाग हर चुनौती के लिए है तैयार
हरिद्वार/लक्सर।
लक्सर रेंज के अंतर्गत ग्राम गिद्दावाली में उस समय हड़कंप मच गया जब ग्रामीणों ने एक विशालकाय मगरमच्छ को खेतों के पास विचरण करते देखा। मगरमच्छ की मौजूदगी से ग्रामीणों में डर और दहशत फैल गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। यह अभियान देर रात 2:30 बजे से शुरू होकर सुबह 4:30 बजे तक चला, जिसमें मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़कर गंगा नदी में छोड़ा गया।
वन विभाग की इस त्वरित और सफल कार्रवाई की स्थानीय लोगों ने सराहना की है। रेस्क्यू टीम ने न सिर्फ मगरमच्छ को नुकसान पहुंचाए बिना पकड़ा, बल्कि उसे उसके प्राकृतिक आवास में वापस भी छोड़ दिया, जो वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक प्रशंसनीय कदम है।
रेस्क्यू अभियान का नेतृत्व कर रहे लक्सर रेंज के रेंजर शैलेन्द्र सिंह नेगी ने बताया,
“हमें देर रात सूचना मिली कि गिद्दावाली गांव में एक बड़ा मगरमच्छ देखा गया है। हमारी टीम तुरंत सक्रिय हुई और सभी आवश्यक उपकरणों के साथ मौके पर पहुंची। यह ऑपरेशन काफी चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि अंधेरे और खेतों की जटिल संरचना के कारण मगरमच्छ को ट्रैक करना कठिन था, लेकिन हमारी टीम की सतर्कता और अनुभव से आखिरकार उसे सुरक्षित पकड़ लिया गया।”
शैलेन्द्र सिंह नेगी ने आगे बताया कि यह मगरमच्छ संभवतः बारिश के कारण पानी के बहाव में बहकर गांव के समीप आ गया होगा। ऐसे मामलों में वन विभाग की कोशिश होती है कि जानवर को बिना किसी नुकसान के उसकी सुरक्षित जगह पर छोड़ा जाए।
गांव वालों ने वन विभाग की तत्परता की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर समय रहते मगरमच्छ को न पकड़ा जाता तो यह बच्चों और मवेशियों के लिए खतरा बन सकता था। ग्राम प्रधान ने भी वन विभाग की पूरी टीम को धन्यवाद दिया और आग्रह किया कि गांवों के आसपास निगरानी बढ़ाई जाए ताकि इस तरह के खतरे समय रहते रोके जा सकें।
रेस्क्यू टीम में वन दरोगा, बीट इंचार्ज, वन रक्षक और स्थानीय सहयोगियों की अहम भूमिका रही। अभियान के दौरान सुरक्षा के सभी मानकों का पालन किया गया।
इस सफल अभियान ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हरिद्वार वन विभाग न केवल वन्यजीव संरक्षण को लेकर सजग है, बल्कि किसी भी आपात स्थिति में तत्परता से कार्यवाही कर सकता है।
(रिपोर्ट: डेली लाइव उत्तराखंड)