चारधाम की पुण्य खुशबू और हिमालय की सौगात लेकर पहुँचे प्रतिनिधि,, मुख्यमंत्री नायब सैनी से शिष्टाचार भेंट, देवभूमि की पहचान “हाउस ऑफ हिमालयाज” के उत्पाद भेंट किए विभिन्न समसामयिक विषयों पर हुई विचारशील चर्चा,, उत्तराखंड-हरियाणा के संबंधों में आएगी और मजबूती

इन्तजार रजा हरिद्वार- चारधाम की पुण्य खुशबू और हिमालय की सौगात लेकर पहुँचे प्रतिनिधि,,
मुख्यमंत्री नायब सैनी से शिष्टाचार भेंट, देवभूमि की पहचान “हाउस ऑफ हिमालयाज” के उत्पाद भेंट किए
विभिन्न समसामयिक विषयों पर हुई विचारशील चर्चा,, उत्तराखंड-हरियाणा के संबंधों में आएगी और मजबूती
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी से उनके शासकीय आवास पर एक शिष्टाचार भेंट का अवसर प्राप्त हुआ। इस भेंट में उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान, आध्यात्मिक समृद्धि और स्थानीय उत्पादों की वैश्विक संभावनाओं को साझा करते हुए एक सौहार्दपूर्ण संवाद हुआ।
इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री सैनी को चारधाम यात्रा का पावन प्रसाद भेंट किया, जो उत्तराखंड की धार्मिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है। चारधाम – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – न केवल हिंदू आस्था का केंद्र हैं, बल्कि उत्तराखंड की पर्यटन और आर्थिकी की रीढ़ भी हैं। इस प्रसाद के माध्यम से देवभूमि की आध्यात्मिक ऊर्जा और श्रद्धा का संदेश हरियाणा की धरती तक पहुँचाया गया।
मुख्यमंत्री को इसके साथ ही “हाउस ऑफ हिमालयाज” के तहत आने वाले उत्तराखंड के स्थानीय और जैविक उत्पादों की एक भेंट-पोटली भी दी गई। इसमें बुरांश जूस, केदारकांठा शहद, पहाड़ी राजमा, मंडुवा, झंगोरा और हिमालयी हर्बल चाय जैसे उत्पाद शामिल थे। यह सभी उत्पाद उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने, महिलाओं के स्वरोजगार और युवा उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में कार्यरत अंब्रेला ब्रांड का हिस्सा हैं।
मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि “उत्तराखंड के प्राकृतिक उत्पादों को बढ़ावा देने के इस प्रयास से उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिलेगी। हरियाणा और उत्तराखंड के बीच कृषि, पर्यटन और आध्यात्मिक सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि दोनों राज्यों को मिलकर पर्वतीय उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग में साझा रणनीति बनानी चाहिए।
इस अवसर पर समसामयिक राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी गहन संवाद हुआ। चर्चा में हिमालयी राज्यों के विकास मॉडल, जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियाँ, सीमावर्ती राज्यों की सुरक्षा, युवाओं के लिए स्वरोजगार योजनाएं, और चारधाम यात्रा के सुगम संचालन जैसे विषयों पर विचार साझा किए गए। उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंचों पर कैसे प्रस्तुत किया जाए, इस पर भी चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री से हुई यह भेंट दोनों राज्यों के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग को और प्रगाढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई। देवभूमि उत्तराखंड की आस्था और आत्मनिर्भरता की दोहरी सौगात लेकर गए प्रतिनिधि ने हरियाणा में देवसंस्कृति का सम्मान बढ़ाया।