सख्त तेवरों के साथ डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित का भगवानपुर में औचक निरीक्षण,, भगवानपुर तहसील और विकास खंड कार्यालय में मिली कई खामियां,, कार्यालयों में ई-गवर्नेंस, पारदर्शिता और अनुशासन पर जिलाधिकारी का विशेष जोर

इन्तजार रजा हरिद्वार- सख्त तेवरों के साथ डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित का भगवानपुर में औचक निरीक्षण,,
भगवानपुर तहसील और विकास खंड कार्यालय में मिली कई खामियां,,
कार्यालयों में ई-गवर्नेंस, पारदर्शिता और अनुशासन पर जिलाधिकारी का विशेष जोर
हरिद्वार/भगवानपुर, 24 जुलाई 2025
हरिद्वार जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने ‘गुड गवर्नेंस’ के सरकारी विज़न को ज़मीन पर उतारने के लिए गुरुवार को तहसील भगवानपुर और विकास खंड कार्यालय का औचक निरीक्षण कर अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली की गहन समीक्षा की। यह निरीक्षण सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, समयबद्धता और तकनीकी दक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया ठोस कदम रहा।
कार्यालय में नहीं मिले समय पर सभी कर्मचारी, डीएम ने जताई नाराजगी
डीएम मयूर दीक्षित जब तहसील कार्यालय पहुंचे तो कई कर्मचारी समय पर मौजूद नहीं थे। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि अब कार्यालय में सभी कार्मिकों की बायोमैट्रिक उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज की जाए और उपस्थिति रजिस्टर की नियमित प्रिंटिंग कर रिकॉर्ड रखा जाए। साथ ही, जो कर्मचारी नियमित रूप से देर से आते हैं, उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश भी दिए गए।
जनसुविधा और न्यायिक प्रक्रिया में लापरवाही नहीं सहन की जाएगी
निरीक्षण के दौरान डीएम ने तहसील न्यायालय में लंबित मामलों पर भी ध्यान केंद्रित किया और तीन वर्ष से अधिक समय से लंबित वादों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार को दिए।
उन्होंने जोर देकर कहा कि आम जनता को बार-बार दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें, इसके लिए जरूरी है कि जनसमस्याओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। डीएम ने स्पष्ट किया कि शिकायतें टालने की मानसिकता अब नहीं चलेगी और सभी अधिकारी अपने कर्तव्यों के प्रति जवाबदेह रहेंगे।
ई-ऑफिस प्रणाली से कार्य करने पर विशेष बल
भगवानपुर विकास खंड कार्यालय में निरीक्षण के दौरान जब जिलाधिकारी ने लेखाकार से ई-ऑफिस संचालन की जानकारी मांगी, तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की, जिस पर डीएम ने गंभीर नाराजगी जताई और खंड विकास अधिकारी को लेखाकार को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी पत्रावलियां अब ई-ऑफिस माध्यम से ही तैयार की जाएं और केवल विशेष परिस्थितियों में ही ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाई जाए।
मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता पर विशेष निर्देश
जिलाधिकारी ने ग्राम विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि मनरेगा के अंतर्गत चल रहे कार्यों का भुगतान समय से किया जाए और निर्माण कार्यों में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता बनी रहे। डीएम ने विकास कार्यों की नियमित समीक्षा और स्थल निरीक्षण सुनिश्चित करने को कहा ताकि जमीनी स्तर पर योजनाओं का सटीक क्रियान्वयन हो।
तहसील क्षेत्र में मानसून की चुनौतियों से निपटने की तैयारी
मानसून के मद्देनजर डीएम मयूर दीक्षित ने तहसीलदार को क्षेत्र की ग्राम पंचायतों का निरीक्षण कर जलभराव की स्थिति पर नजर रखने और उसके निस्तारण के लिए त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ संभावित इलाकों में समय रहते आवश्यक बचाव प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं।
स्वच्छता अभियान और अतिक्रमण पर सख्ती के निर्देश
जिलाधिकारी ने नगर पालिका भगवानपुर के अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया कि कांवड़ यात्रा के दौरान स्वच्छता अभियान चलाकर सड़कों, गलियों और सार्वजनिक स्थानों पर पड़े कूड़े का त्वरित निस्तारण किया जाए।
साथ ही, तहसीलदार और ईओ को संयुक्त रूप से क्षेत्र का निरीक्षण कर अतिक्रमण को चिह्नित करने और तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया। डीएम ने यह भी कहा कि पॉलीथिन उपयोग करने वाले व्यापारियों के खिलाफ नियम अनुसार चालान किया जाए।
ईमानदारी और उत्तरदायित्व को लेकर स्पष्ट संदेश
डीएम दीक्षित ने अपने निरीक्षण से यह स्पष्ट कर दिया कि अब प्रशासनिक कार्यप्रणाली में लापरवाही, देर और गैर-उत्तरदायित्व को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने पटल सहायकों, राजस्व कर्मियों और विकास खंड कर्मचारियों को उनके दायित्वों के प्रति सजग रहने और कार्यों में पारदर्शिता तथा तत्परता बरतने के निर्देश दिए।
निरीक्षण में प्रमुख अधिकारी भी रहे मौजूद
इस निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी, खंड विकास अधिकारी आलोक गार्गेय, तहसीलदार दयाराम और नगर पालिका ईओ समेत अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। निरीक्षण का यह क्रम न सिर्फ कार्यशैली में सुधार की पहल थी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास था कि आमजन का प्रशासन पर विश्वास और भरोसा मजबूत हो।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का यह निरीक्षण सिर्फ कर्मियों की उपस्थिति जांचने की कवायद नहीं थी, बल्कि यह एक प्रशासनिक चेतावनी भी थी कि अब हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी और कार्यों में पारदर्शिता, समयबद्धता एवं तकनीकी दक्षता से ही सही अर्थों में सुशासन स्थापित हो सकता है।