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मासूम सपनों को मिला सुरक्षा का आसरा,, इंस्टाग्राम के बहकावे में आईं चमोली की दो नाबालिग बालिकाएं सकुशल बरामद,, कप्तान तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में जीआरपी हरिद्वार की तत्परता से मायानगरी जाने का सपना रह गया अधूरा

इन्तजार रजा हरिद्वार- मासूम सपनों को मिला सुरक्षा का आसरा,,
इंस्टाग्राम के बहकावे में आईं चमोली की दो नाबालिग बालिकाएं सकुशल बरामद,,
कप्तान तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में जीआरपी हरिद्वार की तत्परता से मायानगरी जाने का सपना रह गया अधूरा

हरिद्वार। सोशल मीडिया की चकाचौंध और किशोर मन की भावुकता जब एक साथ मिल जाए, तो कई बार परिणाम चिंताजनक हो सकते हैं। ऐसा ही मामला सामने आया जब चमोली जनपद की दो नाबालिग बालिकाएं इंस्टाग्राम सहेली की बातों में आकर मायानगरी मुंबई की सैर पर निकल पड़ीं। सौभाग्यवश, जीआरपी हरिद्वार की सक्रियता ने इन मासूम सपनों को किसी बड़ी अनहोनी में बदलने से पहले ही रोक दिया।

चमोली पुलिस ने मांगा सहयोग, हरिद्वार जीआरपी ने दिखाई तत्परता

दिनांक 30 जुलाई को थाना जीआरपी हरिद्वार को चमोली पुलिस द्वारा सूचित किया गया कि कुछ दिन पूर्व दर्ज की गई दो बालिकाओं की गुमशुदगी के मामले में इनकी लोकेशन हरिद्वार रेलवे स्टेशन के आसपास हो सकती है। सूचना मिलते ही कप्तान तृप्ति भट्ट ने तत्काल संयुक्त पुलिस टीम गठित करने और ऑपरेशन को स्वयं मॉनिटर करने का निर्णय लिया।

बिना थके, बिना रुके – जीआरपी टीम का उत्कृष्ट कार्य

संयुक्त टीम ने हरिद्वार रेलवे स्टेशन व आसपास के क्षेत्रों में कई घंटों तक लगातार सुरागरसी-पतारसी की। अंततः टीम को सफलता हाथ लगी और दोनों बालिकाएं सकुशल बरामद कर ली गईं। पूछताछ में बालिकाओं ने बताया कि वे इंस्टाग्राम पर बनी एक सहेली की बातों में आकर मुंबई घूमने जा रही थीं। पुलिस ने उनसे मुंबई का रेलवे टिकट भी बरामद किया।

भावुक हुआ परिवार, पुलिस का जताया आभार

बालिकाओं को जब परिजनों को सौंपा गया, तो उनके आंसू थम नहीं रहे थे। बार-बार जीआरपी हरिद्वार की सराहना करते हुए परिवारजनों ने कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं होती, तो न जाने क्या हो जाता। क्षेत्रवासियों ने भी कप्तान तृप्ति भट्ट और उनकी टीम की कार्यशैली की खुले दिल से तारीफ की।

यह रही जीआरपी की हीरो टीम

इस सराहनीय कार्रवाई में जीआरपी हरिद्वार की जिन अधिकारियों की भूमिका अहम रही, वे इस प्रकार हैं:

  1. हेड कांस्टेबल संगीता
  2. कांस्टेबल जोगिंद्र कुमार
  3. महिला कांस्टेबल रूपा बिजलवान
  4. महिला कांस्टेबल सुमन लोधी
  5. हेड कांस्टेबल सुरेश नेगी (आरपीएफ)

यह घटना न केवल पुलिस की सतर्कता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सोशल मीडिया के इस दौर में किशोरों की निगरानी और सही मार्गदर्शन कितना जरूरी हो गया है। जीआरपी हरिद्वार की यह कार्रवाई निश्चित ही अन्य मामलों में भी प्रेरणास्रोत बनेगी।

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